रहस्य शब्द के रूप – Rahasy Ke Shabd Roop – Sanskrit

रहस्य शब्द रूप (Rahasy Shabd)

रहस्य शब्द (छिपी हुई बात, गुप्त बात, भेद, Secret): रहस्य शब्द के अकारान्त नपुंसकलिंग शब्द के शब्द रूप, रहस्य (Rahasy) शब्द के अंत में “अ” की मात्रा का प्रयोग हुआ इसलिए यह अकारान्त हैं। अतः Rahasy Shabd के Shabd Roop की तरह रहस्य जैसे सभी अकारान्त नपुंसकलिंग शब्दों के शब्द रूप (Shabd Roop) इसी प्रकार बनाते है। रहस्य शब्द के शब्द रूप संस्कृत में सभी विभक्तियों एवं तीनों वचन में शब्द रूप (Rahasy Shabd Roop) नीचे दिये गये हैं।

रहस्य के शब्द रूप – Rahasy Shabd Roop

अकारान्त नपुंसकलिंग शब्द रहस्य के शब्द रूप (Shabd Roop of Rahasya in Sanskrit) निम्नलिखित हैं:

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा रहस्यम् रहस्ये रहस्यानि
द्वितीया रहस्यम् रहस्ये रहस्यानि
तृतीया रहस्येन रहस्याभ्याम् रहस्यैः
चतुर्थी रहस्याय रहस्याभ्याम् रहस्येभ्यः
पंचमी रहस्यात् रहस्याभ्याम् रहस्येभ्यः
षष्ठी रहस्यस्य रहस्ययोः रहस्यानाम्
सप्तमी रहस्ये रहस्ययोः रहस्येषु
सम्बोधन हे रहस्यम् ! हे रहस्ये ! हे रहस्यानि !

रहस्य शब्द का अर्थ/मतलब

रहस्य शब्द अर्थ छिपी हुई बात, गुप्त बात, भेद, or मर्म or एकांत में घटित वृत्त or एक संप्रदाय / गोपनीय or गुप्त होता है। रहस्य शब्द अकारान्त शब्द है इसका मतलब भी ‘छिपी हुई बात, गुप्त बात, भेद, Secret’ होता है।

अकारांत नपुंसकलिंग संज्ञा शब्द वे शब्द होते हैं जो “अ” (अकार) पर समाप्त होते हैं और नपुंसकलिंग होते हैं। उदाहरण: फल, वन, नगर, जल, सुख, गृह, नेत्र, पुस्तक, मित्र

रहस्य जैसे और महत्वपूर्ण शब्द रूप

उपर्युक्त शब्द रूप रहस्य शब्द के अकारान्त नपुंसकलिंग शब्द के शब्द रूप हैं रहस्य जैसे शब्द रूप (Rahasy shabd Roop) देखने के लिए Shabd Roop List पर जाएँ।

अकारांत पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के शब्द रूप:

अकारान्त नपुंसकलिंग शब्दों के शब्द रूप:

आकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के शब्द रूप:

इकारांत पुंल्लिंग संज्ञा शब्दों के शब्द रूप:

इकारांत स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के शब्द रूप:

ईकारान्त स्त्रीलिंग संज्ञा शब्दों के शब्द रूप:

उकारान्त पुंल्लिंग संज्ञा शब्दों के शब्द रूप:

संस्कृत में सर्वनाम शब्दों के शब्द रूप:

आशा है आपको ये 'रहस्य शब्द रूप' समझ आ गए होंगे। यदि इस पोस्ट से संबंधित अन्य कोई प्रश्न या समस्या है, तो कमेन्ट बॉक्स में अवश्य सूचित करें। ऐसे ही संस्कृत व्याकरण के अन्य लेख पढ़ने के लिए माई कोचिंग पर बनें रहें। धन्यवाद!

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