शब्द |
पर्यायवाची |
सरस्वती |
गिरा, शारदा, भारती, वीणापाणि, विमला, वागीश, वागेश्वरी। |
सेना |
ऊनी, कटक, दल, चमू, अनीक, अनीकिनी। |
साधु |
सज्जन, भद्र, सभ्य, शिष्ट, कुलीन। |
सलिल |
अम्बु, जल नीर, तोय, सलिल, पानी, वारि। |
सगर्भ |
बंधु, भाई, सजात, सहोदर, भ्राता, सोदर। |
सगर्भा |
भगिनी, सजाता, सहोदर, बहिन, सोदरा। |
समुद्र |
सागर, पयोधि, उदधि, पारावार, नदीश, नीरनिधि, अर्णव, पयोनिधि, अब्धि, वारीश, जलधाम, नीरधि, जलधि, सिंधु, रत्नाकर, वारिधि। |
समूह |
दल, झुंड, समुदाय, टोली, जत्था, मण्डली, वृंद, गण, पुंज, संघ, समुच्चय। |
सरस्वती |
गिरा, भाषा, भारती, शारदा, ब्राह्यी, वाक्, जातरूप, हाटक, वीणापाणि, विमला, वागीश, वागेश्वरी। |
सुमन |
कुसुम, मंजरी, प्रसून, पुष्प, फूल । |
सीता |
वैदेही, जानकी, भूमिजा, जनकतनया, जनकनन्दिनी, रामप्रिया। |
सर्प |
साँप, अहि, भुजंग, ब्याल, फणी, पत्रग, नाग, विषधर, उरग, पवनासन। |
सोना |
स्वर्ण, कंचन, कनक, सुवर्ण, हाटक, हिरण्य, जातरूप, हेम, कुंदन। |
सूर्य |
रवि, सूरज, दिनकर, प्रभाकर, आदित्य, मरीची, दिनेश, भास्कर, दिनकर, दिवाकर, भानु, अर्क, तरणि, पतंग, आदित्य, सविता, हंस, अंशुमाली, मार्तण्ड। |
संसार |
जग, विश्व, जगत, लोक, दुनिया। |
सिंह |
केसरी, शेर, महावीर, व्याघ्र, पंचमुख, मृगेन्द्र, केहरी, केशी, ललित, हरि, मृगपति, वनराज, शार्दूल, नाहर, सारंग, मृगराज। |
सम |
सर्व, समस्त, सम्पूर्ण, पूर्ण, समग्र, अखिल, निखिल। |
समीप |
सन्निकट, आसन्न, निकट, पास। |
सभा |
अधिवेशन, संगीति, परिषद, बैठक, महासभा। |
सुन्दर |
कलित, ललाम, मंजुल, रुचिर, चारु, रम्य, मनोहर, सुहावना, चित्ताकर्षक, रमणीक, कमनीय, उत्कृष्ट, उत्तम, सुरम्य। |
सन्ध्या |
सायंकाल, शाम, साँझ, प्रदोषकाल, गोधूलि। |
स्त्री |
सुन्दरी, कान्ता, कलत्र, वनिता, नारी, महिला, अबला, ललना, औरत, कामिनी, रमणी। |
सुगंधि |
सौरभ, सुरभि, महक, खुशबू। |
स्वर्ग |
सुरलोक, देवलोक, दिव्यधाम, ब्रह्मधाम, द्यौ, परमधाम, त्रिदिव, दयुलोक। |
स्वर्ण |
सुवर्ण, कंचन, हेन, हारक, जातरूप, सोना, तामरस, हिरण्य। |
सहेली |
अलि, भटू, संगिनी, सहचारिणी, आली, सखी, सहचरी, सजनी, सैरन्ध्री। |
संसार |
लोक, जग, जहान, भूमण्डल, दुनियाँ, भव, जगत, विश्व। |