निजवाचक सर्वनाम – Nij Vachak Sarvanam : हिन्दी व्याकरण

निजवाचक सर्वनाम

वह सार्वनामिक शब्द जो स्वयं के लिए प्रयोग करते हैं जैसे – आप , अपना आदि जिससे स्वयं का बोध हो वह निजवाचक कहलाते हैं।
अथवा
जो सर्वनाम तीनों पुरूषों (उत्तम, मध्यम और अन्य) में निजत्व का बोध कराता है, उसे निजवाचक सर्वनाम कहते हैं। जैसे- मैं खुद लिख लूँगा। तुम अपने आप चले जाना। वह स्वयं गाडी चला सकती है। उपर्युक्त वाक्यों में खुद, अपने आप और स्वयं शब्द निजवाचक सर्वनाम हैं।

प्रयोग की दृष्टि से सर्वनाम के 6 प्रकार हैं। अर्थात सर्वनाम के 6 भेद होते हैं। जो इस प्रकार हैं- पुरुषवाचक सर्वनाम, निश्चयवाचक सर्वनाम, अनिश्चयवाचक सर्वनाम, संबंधवाचक सर्वनाम, प्रश्नवाचक सर्वनाम, निजवाचक सर्वनाम

निजवाचक सर्वनाम के उदाहरण

  • मैं अपना कार्य स्वयं करता हूं।
  • मेरी माता भोजन अपने आप बनाती है।
  • मैं अपनी गाड़ी से जाऊंगा।
  • मैं अपने पिताजी के साथ जाऊंगा।

अपना ‘ , ‘ अपनी ‘ , ‘ आप  ‘ जिस सार्वनामिक शब्दों से अपने या अपने तो का बोध हो उसे निजवाचक कहते हैं।

***

सर्वनाम के भेद: प्रयोग की दृष्टि से सर्वनाम के 6 प्रकार हैं। अर्थात सर्वनाम के 6 भेद होते हैं। जो इस प्रकार हैं-

  1. पुरुषवाचक सर्वनाम
  2. निश्चयवाचक सर्वनाम
  3. अनिश्चयवाचक सर्वनाम
  4. संबंधवाचक सर्वनाम
  5. प्रश्नवाचक सर्वनाम
  6. निजवाचक सर्वनाम
nij vachak sarvanam
nijvachak sarvanam

You may like these posts

अ – से शुरू होने वाले पर्यायवाची शब्द (Paryayvachi Shabd)

(‘अ’ से शुरू होने वाले पर्यायवाची) पर्याय का अर्थ है – समान। अतः समान अर्थ व्यक्त करने वाले शब्दों को पर्यायवाची शब्द (Synonym words) कहते हैं। इन्हें प्रतिशब्द या समानार्थक...Read more !

वृत्यानुप्रास अलंकार (Vratyanupras Alankar)

वृत्यानुप्रास अलंकार की परिभाषा जब एक व्यंजन की आवर्ती अनेक बार हो वहाँ वृत्यानुप्रास अलंकार कहते हैं। यह Alankar, शब्दालंकार के 6 भेदों में से Anupras Alankar का एक भेद...Read more !

यमक अलंकार – परिभाषा, उदाहरण, अर्थ – हिन्दी संस्कृत

यमक अलंकार यमक अलंकार में किसी काव्य का सौन्दर्य बढ़ाने के लिए एक शब्द की बार-बार आवृति होती है। प्रयोग किए गए शब्द का अर्थ हर बार अलग होता है।...Read more !

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *