‘ऐ मालिक तेरे बंदे हम ऐसे हो हमारे करम‘ लिखने वाले गीतकार ‘भरत व्यास’ थे। भारत व्यास (Bharat Vyas: 1918-1982) एक प्रसिद्ध भारतीय गीतकार थे, जिन्होंने 1950 और 1960 के दशक में हिंदी फिल्मों के लिए गीत लिखे।
ऐ मालिक तेरे बंदे हम – Ae malik tere bande hum
ऐ मालिक तेरे बंदे हम
ऐसे हो हमारे करम
नेकी पर चले और बदी से टले,
ताकी हँसते हुए निकले दम
ऐ मालिक तेरे बंदे हम…
ये अंधेरा घना छा रहा,
तेरा इंसान घबरा रहा
हो रहा बेख़बर, कुछ ना आता नज़र,
सुख का सूरज छिपा जा रहा
है तेरी रोशनी में वो दम,
तू अमावस को कर दे पूनम
नेकी पर चले और बदी से टले,
ताकी हँसते हुए निकले दम
ऐ मालिक तेरे बंदे हम…
बड़ा कमज़ोर है आदमी,
अभी लाखों हैं इस में कमी
पर तू जो खड़ा, है दयालु बड़ा,
तेरी कृपा से धरती थमी
दिया तूने हमें जब जनम,
तू ही ले लेगा हम सब का ग़म
नेकी पर चले और बदी से टले,
ताकी हँसते हुए निकले दम
ऐ मालिक तेरे बंदे हम…
जब जुल्मों का हो सामना,
तब तू ही हमें थामना
वो बुराई करें, हम भलाई करे,
न ही बदले की हो भावना
बढ़ उठे प्यार का हर कदम,
और मिटे बैर का ये भरम
नेकी पर चले और बदी से टले,
ताकी हँसते हुये निकले दम
ऐ मालिक तेरे बंदे हम…।।
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Prarthana: Ae malik tere bande hum – Hindi prarthana
ai maalik tere band ham
aise ho hamaare karam
nekee par chale aur badee se telee,
taakee hanseete hue dam nikale
ai maalik tere bande ham…
ye andhera ghana chha raha hai,
aapaka chehara ghabara raha hai
ho raha bekhabar, kuchh na nazar aata hai nazaara,
sukh ka sooraj chhipaaya ja raha hai
hai teree roshanee mein vo dam,
too amaavas ko kar de poonam
nekee par chale aur badee se telee,
taakee hanseete hue dam nikale
ai maalik tere bande ham…
bada ho gaya hai aadamee,
abhee laakh hain is mein kamee
par too jo khada hai, dayaavaan hai bada,
teree krpa se dharatee thamee
diya hamen jab janam,
too hee le daava ham sab ka gam
nekee par chale aur badee se telee,
taakee hanseete hue dam nikale
ai maalik tere bande ham…
jab julmon ka saamana hota hai,
tab too hee hamen thaamana
vo buraee karen, ham bahaana karen,
na hee kriya kee ho bhaavana
badhate badhate pyaar ka har kadam,
aur mote bair ka ye bharam
nekee par chale aur badee se telee,
taakee jigyaasaate dam nikalate hain
ai maalik tere band ham…..
इस गीत/प्रार्थना के लेखक का संक्षिप्त परिचय
भरत व्यास हिन्दी फ़िल्मों के प्रसिद्ध गीतकार थे। इनका जन्म ६ जनवरी १९१८ को बीकानेर (राजस्थान, भारत) मे हुआ था जाति से पुष्करना ब्राह्मण थे। मूल रूप से चुरू (राजस्थान का एक जिला) के थे। बचपन से ही इनमे कवि प्रतिभा दिखने लगी थी। उन्होंने १७-१८ वर्ष की उम्र तक लेखन शुरू कर दिया था। चुरू से मैट्रिक करने के बाद वे कलकत्ता चले गए। उनका लिखा पहला गीत था — आओ वीरो हिलमिल गाए वंदे मातरम। उनके द्वारा “रामू चन्ना ” नामक नाटक भी लिखा गया। 1942 के बाद वे बम्बई आ गए उन्होंने कुछ फ़िल्मों में भी भूमिका निभाई लेकिन प्रसिद्धि गीत लेखन से मिली।
हिंदी फिल्मों में उनका पहला ब्रेक फ़िल्म “दुहाई” के लिए था, जो 1943 में रिलीज़ हुई थी, और संगीत निर्देशन का श्रेय संयुक्त रूप से पन्नालाल घोष, रफ़ीक गज़नवी और शांति कुमार को दिया गया था। गीत नूरजहाँ और शांता आप्टे द्वारा गाए गए थे। व्यास नाटकों और रिकॉर्ड के लिए राजस्थानी गीत लिखते थे। यह भी उल्लेख है कि उन्होंने बंबई (अब मुंबई) में फिल्मों में आने से पहले कलकत्ता (अब कोलकाता) में पढ़ाई पूरी की। उन्हें फिल्म निर्देशन में भी दिलचस्पी थी और वास्तव में उन्होंने करियर की शुरुआत में ही एक फिल्म का निर्देशन किया था। उन्होंने 1940 के दशक में कुछ शुरुआती फिल्मों में अभिनय और गीत भी गाए। मुंबई आने के बाद, उनकी काव्य रचनाएँ लोकप्रिय हुईं।
उनकी मृत्यु 1982 मे हुई थी। उनके लिखे कुछ प्रमुख गीतों की फिल्मों के नाम हैं:— सारंगा, संत ज्ञानेश्वर, तूफ़ान और दिया, रानी रूपमती, गूंज उठी शहनाई, दो आँखे बारह हाथ, नवरंग, बूँद जो बन गई मोती, पूर्णिमा, आदि-आदि फ़िल्मों के यादगार/अमर गीत रचे थे। 4 जुलाई 1982 को मुंबई में उनका निधन हो गया। उनके छोटे भाई अभिनेता बृजमोहन व्यास (1920-2013) थे।
भरत व्यास की सदाबहार कविताओं में से कुछ
- दौलत के झूठे नशे में जो चूर (फ़िल्म: ऊँची हवेली)
- आ लौट के आजा मीत (फ़िल्म: रानी रूपमती)
- निर्बल से लडाई बलवान की (फ़िल्म: तूफ़ान और दिया)
- ऐ मलिक तेरे बंदे हम (फ़िल्म: दो आंखें बारह हाथ)
- सांझ हो गई प्रभु (फ़िल्म: जय चित्तौड़)
- मैने पीना सीख लिया (फ़िल्म: गूंज उठी शहनाई)
- तेरे सुर और मेरे गीत (फ़िल्म: गूंज उठी शहनाई)
- कह दो कोई न करे यहाँ प्यार (फ़िल्म: गूंज उठी शहनाई)
- दिल का खिलौना हाय टूट गया (फ़िल्म: गूंज उठी शहनाई)
- हाँ दीवाना हूं मैं (फ़िल्म: सारंगा)
- सारंगा तेरी याद में (फ़िल्म: सारंगा)
- तू छुपी है कहाँ (फ़िल्म: नवरंग)
- आधा है चन्द्रमा (फ़िल्म: नवरंग)
- तुम मेरे मैं तेरी (फ़िल्म: नवरंग)
- आज मधुउत्सव डोले (फ़िल्म: स्त्री)
- ओ निर्दय प्रीतम (फ़िल्म: स्त्री)
- रैन भये सो जा रे पंची (फ़िल्म: राम राज्य)
- ज्योत से ज्योत जगाते चलो (फ़िल्म: संत ज्ञानेश्वर)
- तुम गगन के चन्द्रमा हो (फ़िल्म: सती सावित्री)
- जीवन डोर तुम्ही संग बाँधी (फ़िल्म: सती सावित्री)
- मन की गहराई
भरत व्यास ने जिन फिल्मों के लिए उन्होंने गीत रचे:
- मन की जीत’ (1944; इस फ़िल्म के लिए दो गीत रचे; संगीत: एस.के. पाल ने दिया था।)
- गुलामी (1945; फ़िल्म में व्यास ने पांच गाने लिखे, बाकी जोश मलीहाबादी ने; संगीत: एस.के. पाल ने दिया था।)
- पृथ्वीराज संयुक्ता (1946; पृथ्वीराज कपूर मुख्य भूमिका में थे, और भरत व्यास ने फिल्म के लिए अभिनय किया और गाया; संगीत: एस.के. पाल ने दिया था।)
- मीराबाई (1947)
- चंद्रलेखा (1948; गीत बहुत लोकप्रिय थे, व्यास ने खुद एक गीत गाया ( संगीत: एस. राजेश्वर राव ने दिया था।) इस फ़िल्म में व्यास ने केवल दो गीत लिखे थे।
- अंजना (1948)
- रंगीला राजस्थान (1949; भरत व्यास ने इस फ़िल्म का निर्देशन किया था।)
- सावन आया रे (1949)
- बिजली (1950)
- आंखें (1950)
- हमारा घर (1950)
- राज मुकुट (1950)
- श्री गणेश जन्म (1951)
- नखरे (1951)
- भोला शंकर (1951)
- तमाशा (1952)
- अपनी इज़्ज़त (1952)
- नौलखा हार (1953)
- धर्मपत्नी (1953)
- परिणीता (1953)
- श्री चैतन्य महाप्रभु (1954)
- जगदुरु शंकराचार्य (1955)
- अंधेर नगरी चौपट राजा (1955)
- ऊँची हवेली (1955)
- तूफ़ान और दिया (1956)
- द्वारिकाधीश (1956)
- दो आँखें बारह हाथ (1957)
- जनम जनम के फेरे (1957)
- सम्राट चन्द्रगुप्त (1958)
- सहारा (1958)
- सुवर्णा सुंदरी (1958)
- कवि कालिदास (1959)
- सम्राट पृथ्वीराज चौहान (1959)
- बेदर्द ज़माना क्या जाने (1959)
- फैशनेबल पत्नी (1959)
- गूंज उठी शहनाई (1959)
- नवरंग (1959; गीत बहुत लोकप्रिय थे, व्यास ने खुद एक गीत गाया था।)
- रानी रूपमती (1959)
- चंद्रमुखी (1960)
- अंगुलिमाल (1960)
- हम हिंदुस्तानी (1960)
- सम्पूर्ण रामायण (1961)
- स्त्री (1961)
- सारंगा (1961)
- पिया मिलन की आस (1961)
- जय चित्तौड़ (1961)
- प्यार की प्यास (1961)
- कण कण में भगवान (1963)
- सती सावित्री (1964)
- दाल में काला (1964)
- चा चा चा (1964)
- भारत मिलाप (1965)
- पूर्णिमा (1965)
- महाभारत (1965)
- गोपाल-कृष्ण (1965)
- राम राज्य (1967)
- बून्द जो बन गई मोती (1967)
- सती सुलोचना (1969)
- लव कुश (1974)
- तू ही राम तू ही कृष्णा (1976)
- कर्म (1977)
- दो चेहरे (1977)
- मान अपमान (1979)
- मुकद्दर (वर्ष ज्ञात नहीं/Year not known)
- जन्माष्टमी (वर्ष ज्ञात नहीं/Year not known)
- मौसी (वर्ष ज्ञात नहीं/Year not known)
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