शंस्तृ (शंस्ता) शब्द के रूप (Shanstr Ke Shabd Roop) – संस्कृत

Shanstr Shabd

शंस्तृ शब्द (स्तुति करनेवाला, प्रशंसक, स्तुतिपाठक): शंस्तृ शब्द के ऋकारान्त पुल्लिंग शब्द के शब्द रूप, शंस्तृ (Shanstr) शब्द के अंत में ‘ऋ’ की मात्रा का प्रयोग हुआ इसलिए यह ऋकारान्त हैं। अतः Shanstr Shabd के Shabd Roop की तरह शंस्तृ जैसे सभी ऋकारान्त पुल्लिंग शब्दों के शब्द रूप (Shabd Roop) इसी प्रकार बनाते है। शंस्तृ शब्द के शब्द रूप संस्कृत में सभी विभक्तियों एवं तीनों वचन में शब्द रूप (Shanstr Shabd Roop) नीचे दिये गये हैं।

शंस्तृ के शब्द रूप – Shabd roop of Shanstr

विभक्ति एकवचन द्विवचन बहुवचन
प्रथमा शंस्ता शंस्तरौ शंस्तरः
द्वितीया शंस्तरम् शंस्तरौ शंस्तॄन्
तृतीया शंस्त्रा शंस्तृभ्याम् शंस्तृभिः
चतुर्थी शंस्त्रे शंस्तृभ्याम् शंस्तृभ्यः
पंचमी शंस्तुः शंस्तृभ्याम् शंस्तृभ्यः
षष्ठी शंस्तुः शंस्त्रोः शंस्तॄणाम्
सप्तमी शंस्तरि शंस्त्रोः शंस्तृषु
सम्बोधन हे शंस्ता ! हे शंस्तरौ ! हे शंस्तरः !

शंस्तृ शब्द का अर्थ/मतलब

शंस्तृ शब्द का अर्थ स्तुति करनेवाला, प्रशंसक, स्तुतिपाठक, ऋचाओं का पाठ करनेवाला, मंत्र- पाठक होता है। शंस्तृ शब्द ऋकारान्त शब्द है इसका मतलब भी ‘स्तुति करनेवाला, प्रशंसक, स्तुतिपाठक’ होता है।

शंस्तृ जैसे और महत्वपूर्ण शब्द रूप

उपर्युक्त शब्द रूप शंस्तृ शब्द के ऋकारान्त पुल्लिंग शब्द के शब्द रूप हैं शंस्तृ जैसे शब्द रूप (Shanstr shabd Roop) देखने के लिए Shabd Roop List पर जाएँ।

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