बोली, उपभाषा और भाषा
बोली- किसी छोटे क्षेत्र में स्थानीय व्यवहार में प्रयुक्त होने वाली भाषा का वह अल्पविकसित रूप बोली कहलाता है, जिसका कोई लिखित रूप अथवा साहित्य नहीं होता। अतएव क्षेत्र-विशेष में साधारण सामाजिक व्यवहार में आने वाला बोलचाल का भाषा-रूप ही ‘बोली‘ है। पढ़ें- हिन्दी कि बोलियाँ।
उपभाषा– ‘उपभाषा’ अपेक्षाकृत विस्तृत क्षेत्र अथवा प्रदेश में बोल-चाल में प्रयुक्त आता है तथा उसमें साहित्य रचना भी की जाती है। उपभाषा क्षेत्र में एकाधिक बोलियाँ हो सकती हैं।
भाषा– ‘भाषा‘ एक विशाल-विस्तृत क्षेत्र में बोलने, लिखने, साहित्य रचना करने तथा संचारमाध्यमों के परस्पर आदान-प्रदान में प्रयुक्त होती है। भाषा में परिवर्तन के कारण-कई पीढियों के अन्तर, स्थान-विशेष की जलवायु, दैहिक भिन्नता, भौगोलिक विभिन्नता, जातीय और मानसिक अवस्था में अन्तर, रुचि और प्रवृत्ति में परिवर्तन एवं बदलाव तथा प्रयत्न साधन आदि कारणों से भाषा में परिवर्तन होते हैं।