भाषा– भाषा वह साधन है, जिसके माध्यम से हम सोचते है और अपने विचारों को व्यक्त करते हैं। मनुष्य अपने विचार, भावनाओं एवं अनुभुतियों को भाषा के माध्यम से ही व्यक्त करता है।
लिपि– मौखिक भाषा या उच्चारित भाषा को स्थायी रूप देने के लिए भाषा के लिखित रूप का विकास हुआ। प्रत्येक ध्वनि के लिए लिखित चिह्न या वर्ण बनाए गए। वर्णों की इसी व्यवस्था को ‘लिपि‘ कहा जाता है।
“एक भाषा कई लिपियों में लिखी जा सकती है, और दो या अधिक भाषाओं की एक ही लिपि हो सकती है। भाषा संस्कृति का वाहन है और उसका अंग भी।”, रामविलास शर्मा।
भाषा और लिपि
मौखिक भाषा या उच्चारित भाषा को स्थायी रूप देने के लिए भाषा के लिखित रूप का विकास हुआ। प्रत्येक ध्वनि के लिए लिखित चिह्न या वर्ण बनाए गए। वर्णों की इसी व्यवस्था को ‘लिपि‘ कहा जाता है। वास्तव में लिपि ध्वनियों को लिखकर प्रस्तुत करने का एक ढंग है।
सभ्यता के विकास के साथ-साथ मनुष्य के लिए अपने-अपने भावों और विचारों को स्थायित्व देना, दूर-दूर स्थित लोगों से सम्पर्क बनाए रखना तथा संदेशों और समाचारों के आदान-प्रदान के लिए मौखिक भाषा से काम चला पाना असम्भव हो गया। अनुभव की गई यह आवश्यकता ही लिपि के विकास का कारण बनी।
मौखिक ध्वनियों को लिखित रूप में प्रकट करने के लिए निश्चित किए गए चिह्नों को लिपि कहते हैं।
संसार की विभिन्न भाषाओं को लिखने के लिए अनेक लिपियाँ प्रचलित हैं। हिन्दी, मराठी, नेपाली और संस्कृत भाषाएँ देवनागरी लिपि में लिखी जाती हैं। देवनागरी का विकास ब्राह्मी लिपि से हुआ है। ब्राह्मी वह प्राचीन लिपि है जिससे हिन्दी, बंगला, गुजराती, आदि भाषाओं की लिपियों का विकास हुआ।
देवनागरी बाईं ओर से दाईं ओर को लिखी जाती है। यह बहुत ही वैज्ञानिक लिपि है। भारत की अधिकांश भाषाओं की लिपियाँ बाईं ओर से दाईं ओर को ही लिखी जाती हैं। केवल ‘फारसी’ लिपि जिसमें उर्दू भाषा लिखी जाती है, दाईं ओर से बाईं ओर को लिखी जाती है।
भाषा और लिपि में अंतर
# | भाषा (Language) | लिपि (Script) |
---|---|---|
1. | प्रत्येक भाषा की अपनी ध्वनियाँ होती है। | सामान्यतः एक लिपि किसी भी भाषा में लिखी जा सकती है। |
2. | भाषा सूक्ष्म होती है। | लिपि स्थूल होती है। |
3. | भाषा में अपेक्षाकृत अस्थायित्व होता है, क्योंकि भाषा उच्चरित होते ही गायब हो जाती है। | लिपि में अपेक्षाकृत स्थायित्व होता है, क्योंकि किसी भी लिपि को लिखकर ही व्यक्त किया जा सकता है। |
4. | भाषा ध्वन्यात्मक होती है। | लिपि दृश्यात्मक होती है। |
5. | भाषा तुरंत प्रभावकारी होती है। | लिपि थोड़ी विलंब से प्रभावकारी होती है। |
6. | भाषा ध्वनि संकेतों की व्यवस्था है। | लिपि वर्ण संकेतों की व्यवस्था है। |
7. | भाषा ही संगीत का माध्यम है। | परंतु लिपि नहीं। |
भाषा और लिपि में समानता
- भाषा और लिपि दोनों का उत्पत्ति एवं विकास सभ्यताओं के विकास के साथ-साथ हुआ।
- भावों और विचारों की अभिव्यक्ति का माध्यम भाषा और लिपि दोनों ही होती हैं।
- भाषा और लिपि दोनों के अध्ययन हेतु आज की दुनिया में कई श्रोत मौजूद हैं, जैसे – वेबसाईट, वीडियो, डिजिटल उपकरण। परंतु प्राचीन काल में शिक्षा ही एक प्रमुख श्रोत था।
- कभी-कभी भाषा और लिपि दोनों के ही माध्यम से अपने भावों और विचारों को व्यक्त करना मुस्किल हो जाता है। अर्थात दोनों ही अपने आप में परिपूर्ण नहीं हैं।
- अभिव्यक्ति की आजादी का उद्घोष भाषा और लिपि दोनों में किया जा सकता है।
पढ़ें- लिपि किसे कहते हैं?
विश्व की भाषाएँ और लिपियों के नाम
निम्न तालिका में विश्व की कुछ भाषाएँ और उनकी लिपियों के नाम दिए जा रहे है-
# | भाषा (Language) | लिपि (Script) | उदाहरण (Example) |
---|---|---|---|
1. | हिन्दी | देवनागरी | बच्चे खेल रहे हैं। |
2. | संस्कृत | देवनागरी | बालकाः क्रीड़न्ति। |
3. | अंग्रेजी | रोमन | The Boys are Playing |
4. | फ्रेंच | रोमन | Les garçons jouent. |
5. | पोलिश | रोमन | Chłopcy grają. |
6. | जर्मन | रोमन | Die Jungs spielen. |
7. | स्पेनिश | रोमन | Los chicos están jugando. |
8. | मराठी | देवनागरी | मुले खेळत आहेत। |
9. | नेपाली | देवनागरी | केटाहरू खेलिरहेका छन्। |
10. | पंजाबी | गुरमुखी | ਮੁੰਡੇ ਖੇਡ ਰਹੇ ਹਨ। |
11. | उर्दू | फारसी | لڑکے کھیل رہے ہیں۔ |
12. | अरबी | फारसी | الأولاد يلعبون. |
13. | रूसी | रूसी | Мальчики играют. |
14. | बुल्गेरियन | रूसी | Момчетата играят. |
यों तो हर भाषा की अपनी लिपि होती है, किन्तु कोई भी भाषा किसी भी लिपि में लिखी जा सकती है। हम हिन्दी को रोमन लिपि में और अंग्रेजी को देवनागरी में लिख सकते हैं। जैसे-
- मोहन किताब खरीद रहा है। – Mohan Kitab Kharid raha hai.
- John is going to Nepal. – जॉन इज गोइंग टू नेपाल।
अवश्य पढ़ें- भाषा किसे कहते हैं?
Sir apka thanks