विरोधाभाष अलंकार – Virodhabhash Alankar परिभाषा, भेद और उदाहरण – हिन्दी

Virodhabhash Alankar
Virodhabhash Alankar

विरोधाभाष अलंकार

परिभाषा– जहाँ वास्तविक विरोध न होकर केवल विरोध का आभास हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है। अर्थात जब किसी वस्तु का वर्णन करने पर विरोध न होते हुए भी विरोध का आभाष हो वहाँ पर विरोधाभास अलंकार होता है।

यह अलंकार, Hindi Grammar के Alankar के भेदों में से एक हैं।

विरोधाभाष अलंकार के उदाहरण

उदाहरण 1.

या अनुरागी चित्त की गति समुझे नहिं कोय। ।
ज्यों-ज्यों बूड़े स्याम रँग त्यों-त्यों उज्ज्वल होय।।

स्पष्टीकरण– यहाँ श्याम रंग में डूबने पर चित्त के उज्ज्वल होने की बात कहकर विरोध का कथन है, किन्तु श्याम रंग का अभिप्राय कृष्ण (ईश्वर) के प्रेम से लेने पर अर्थ होगा कि जैसे जैसे चित्त ईश्वर के अनुराग में डूबता है, वैसे-वैसे चित्त और भी अधिक निर्मल होता जाता है। यहाँ विरोध का आभास होने से विरोधाभास अलंकार है।

उदाहरण 2.

आग हूँ जिससे ढुलकते बिंदु हिमजल के।
शून्य हूँ जिसमें बिछे हैं पांवड़े पलकें।

विरोधाभासालंकारः, संस्कृत

विरोधः सोऽविरोधेऽपि विरुद्धत्वेन यद्वचः‘ – वास्तव में विरोध न होने पर भी विरुद्ध रूप से जो वर्णन करना यह विरोधाभास होता है।

उदाहरणस्वरूप :

उदाहरण 1.

गिरयोऽप्यनुन्नतियुजो मरुदप्यचलोऽब्धयोऽप्यगम्भीराः ।।
विश्वम्भराऽप्यतिलघर्नरनाथ! तवान्तिके नियतम् ।।

स्पष्टीकरण– यहाँ ‘गिरि’ आदि जातिवाचक शब्दों का जो अनुन्नतत्वादि वर्णित है, उनमें जाति का गुण के साथ विरोध दिखाया गया है।

उदाहरण 2.

सततं मुसलासक्ता बहुतरग्रहकर्मघटनया नृपते!
द्विजपलीनां कठिनाः सति भवति कराः सरोजसुकुमाराः ।।

उदाहरण 3.

पेशलमपि खलवचनं दहतितरां मानसं सतत्त्वविदाम् ।।
परुषमपि सुजन वाक्यं मलयजरसवत् प्रमोदयति ।।

 सम्पूर्ण हिन्दी और संस्कृत व्याकरण

  • संस्कृत व्याकरण पढ़ने के लिए Sanskrit Vyakaran पर क्लिक करें।
  • हिन्दी व्याकरण पढ़ने के लिए Hindi Grammar पर क्लिक करें।

You may like these posts

संस्कृत रस – Ras in Sanskrit, काव्य सौंदर्य – संस्कृत व्याकरण

Ras in Sanskrit ‘स्यत आस्वाद्यते इति रसः‘- अर्थात जिसका आस्वादन किया जाय, सराह-सराहकर चखा जाय, ‘रस‘ कहलाता है। कहने का मतलब कि किसी दृश्य या अदृश्य बात को देखने, सुनने,...Read more !

सर्वनाम – सर्वनाम के भेद, परिभाषा, उदाहरण – Sarvanam ke bhed

Sarvanam (Pronoun) सर्वनाम: वह शब्द जो संज्ञा के बदले में आए उसे सर्वनाम कहते हैं। जैसे – मैं, तुम, हम, वह, आप, उसका, उसकी आदि। यह संज्ञा के स्थान पर...Read more !

उपसर्ग (Upsarg) – परिभाषा, अर्थ, भेद और उदाहरण – Upsarg in Hindi

उपसर्ग (Prefix) Upsarg in Hindi: जो शब्दांश शब्दों के शुरुआत में जुड़कर उनके अर्थ में कुछ विशेषता या परिवर्तन लाते हैं, उन्हें उपसर्ग कहते हैं। उपसर्ग शब्द ‘उप‘ (समीप) तथा...Read more !