विप्सा अलंकार – परिभाषा, अर्थ, पहचान और उदाहरण

Vipsa Alankar

विप्सा अलंकार (Vipsa Alankar) Hindi Grammar के अलंकार के शब्द अलंकार 6 भेदों के भेदों में से एक हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि विप्सा अलंकार क्या है? विप्सा अलंकार की परिभाषा (Vipsa alankar in hindi) और विप्सा अलंकार की पहचान Vipsa Alankar ke udaharan सहित की जानकारी आगे दी जा रही है।

विप्सा अलंकार की परिभाषा (Vipsa Alankar Ki Paribhasha)

हिन्‍दी में सर्वप्रथम भिखारीदास ने ‘वीप्सालङ्कार‘ के नाम से इसे ग्रहण किया है। वीप्सा द्वारा मन का आकस्मिक भाव स्पष्ट होता है। जब आदर, हर्ष, शोक, विस्मयादिबोधक आदि भावों को प्रभावशाली रूप से व्यक्त करने के लिए शब्दों की पुनरावृत्ति हो, तो उसे ही “विप्सा अलंकार” कहते है। जैसे-

मोहि-मोहि मोहन को मन भयो राधामय।
राधा मन मोहि-मोहि मोहन मयी-मयी।

स्पष्टीकरण:– मोहि-मोहि की आवृत्ति में वीप्सा अलंकार है।

शब्दों की पुनरावृत्ति में जब घृणा, वैराग्य, आदर, घबराहट, आश्चर्य, रोचकता आदि विस्मयादिबोधक भावों की सघनता होती है, तो उसे विप्सा अलंकार कहा जाता है।

अतः विप्सा का अर्थ होता है- दोहराना। और पुनरुक्ति का भी अर्थ है- द्विरुक्ति या आवृत्ति या दोहराना। इस कारण अनेक विद्वान ‘विप्सा‘ और ‘पुनरुक्ति‘ दोनों अलंकारों को एक मान लेते हैं।

परंतु दोनों में दोनों (‘विप्सा’ और ‘पुनरुक्ति’) में सूक्ष्म अन्तर है। हम जानते हैं कि साहित्य में भावों (घृणा, वैराग्य, आदर, घबराहट, आश्चर्य, रोचकता आदि) को व्यक्त करने के लिए भांति-भांति के शब्दों जैसे- “हँसी-हँसी, छि-छि, राम-राम, शिव-शिव, ओह-ओह” आदि का प्रयोग किया जाता है। अतः जहाँ इन विस्मयादिबोधक शब्दों का प्रयोग किया जाता है, वहां वीप्सा अलंकार होता है। और वीप्सा अलंकार युक्त पक्तियों में विस्मयादिबोधक चिन्ह (!) होता है।

विप्सा अलंकार के उदाहरण (Vipsa Alankar Ke Udaharan)

आगे Vipsa Alankar Ke Udaharan स्पष्टीकरण सहित आगे दिए जा रहे हैं-

विप्सा अलंकार का 1 उदाहरण:

उठा लो ये दुनिया, जला दो ये दुनिया।
तुम्हारी है तुम ही सम्हालो ये दुनिया।

विप्सा अलंकार के 2 उदाहरण-

रीझि-रीझि रहसि-रहसि,
हँसी-हँसी उठे!

विप्सा अलंकार के 3 उदाहरण-

हा! हा! इन्हें रोकन को टोक न लगावो तुम।

विप्सा अलंकार के 4 उदाहरण-

रीझि-रीझि रहसि-रहसि हँसी-हँसी उठे!
साँसे भरि आँसू भरि कहत दई-दई!

विप्सा अलंकार के 5 उदाहरण-

चिता जलाकर पिता की, हाय-हाय मैं दीन!
नहा नर्मदा में हुआ, यादों में तल्लीन!

विप्सा अलंकार के 6 उदाहरण-

मेरे मौला, प्यारे मौला, मेरे मौला…
मेरे मौला बुला ले मदीने मुझे,
मेरे मौला बुला ले मदीने मुझे!

विप्सा अलंकार के 7 उदाहरण-

शिव शिव शिव कहते हो यह क्या?
ऐसा फिर मत कहना
राम राम यह बात भूलकर,
मित्र कभी मत गहना.

विप्सा अलंकार के 8 उदाहरण-

राम राम यह कैसी दुनिया?
कैसी तेरी माया?
जिसने पाया उसने खोया,
जिसने खोया पाया.

विप्सा अलंकार के 9 उदाहरण-

जांति पाँति हमतैं बड़ नाहीं,
नाहिंन बसत तुम्‍हारी छैयाँ!

विप्सा अलंकार के 10 उदाहरण-

सुखी रहें, सब सुखी रहें,
बस छोड़ो मुझ अपराधी को!

उपर्युक्त उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि विप्सा अलंकार में शब्दों के दोहराव से घृणा, वैराग्य, आदर, घबराहट, आश्चर्य, रोचकता के भावों की सघनता प्रगट होती है।

FAQs

1. विप्सा अलंकार किसे कहते हैं?

जब घृणा, वैराग्य, आदर, घबराहट, आश्चर्य, रोचकता आदि विस्मयादिबोधक भावों को प्रभावशाली रुप से व्यक्त करने के लिए शब्दों का बार-बार प्रयोग किया जाए, वहाँ वीप्सा अलंकार होता हैं।

2. निम्न पक्तियों में कौन सा अलंकार है-
“मोहि-मोहि मोहन को मन भयो राधामय।
राधा मन मोहि-मोहि मोहन मयी-मयी।”

उपरोक्त पंक्तियों में विप्सा अलंकार है।

3. विप्सा अलंकार के उदाहरण लिखो।

राम-राम यह बात भूलकर, मित्र कभी मत कहना!

मधुर-मधुर मेरे दीपक जल!

राधा मन मोहि-मोहि मोहन मयी-मयी!

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