दीपक अलंकार
परिभाषा– जहाँ पर प्रस्तुत और अप्रस्तुत का एक ही धर्म स्थापित किया जाता है वहाँ पर दीपक अलंकार होता है। यह अलंकार, Hindi Grammar के Alankar के भेदों में से एक हैं।
दीपक अलंकार के उदाहरण
उदाहरण 1.
अरविंदन में इंदिरा, सुन्दरि नैनन लाज।।
दीपकालंकार, संस्कृत
जिस अलंकार में उपमान तथा उपमेय का क्रियादिरूप धर्म जो एक ही बार ग्रहण किया जाता है, वह एक जगह स्थित भी समस्त वाक्य का दीपक होने से ‘दीपकालंकार’ होता है। जैसे – दरवाजे की देहलीज पर रखा दीपक कमरे के बाहर और भीतर दोनों जगह प्रकाश करता है।
उदाहरणस्वरूप:
उदाहरण 1.
कुलबालिकानां स्तनाः कुतः स्पृश्यन्तेऽमृतानाम् ।।
उदाहरण 2.
अन्तर्नन्दति चुम्बितुमिच्छति नवपरिणया वधूः शयने ।।।
स्पष्टीकरण – प्रथम उदाहरण में एक ही क्रियापद ‘स्पृश्यन्ते’ है और उसके साथ धन, फणमणि, केसर और स्तनादि अनेक कारकों का सम्बन्ध स्थापित हुआ है।
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