समासोक्ति अलंकार – Samasokti Alankar परिभाषा उदाहरण अर्थ हिन्दी एवं संस्कृत

Samasokti Alankar
Samasokti Alankar

समासोक्ति अलंकार

परोक्तिभेदकैः श्लिष्टैः समासोक्तिः‘ – श्लेषयुक्त विशेषणों के द्वारा दो अर्थों का संक्षेप होने से समासोक्ति अलंकार होता है। यह अलंकार, Hindi Grammar के Alankar के भेदों में से एक हैं।

समासोक्ति अलंकार के उदाहरण

लब्ध्वा तव बाहुस्पर्श यस्याः सो कोऽप्युल्लासः।
जय लक्ष्मीस्तव विरहे न खलुज्ज्वला दुर्बला ननु सा।।

स्पष्टीकरण– यहाँ केवल ‘जय लक्ष्मी’ शब्द कान्ता का वाचक है। अर्थात् जय लक्ष्मी शब्द नायिका का बोधक है।

 सम्पूर्ण हिन्दी और संस्कृत व्याकरण

  • संस्कृत व्याकरण पढ़ने के लिए Sanskrit Vyakaran पर क्लिक करें।
  • हिन्दी व्याकरण पढ़ने के लिए Hindi Grammar पर क्लिक करें।

You may like these posts

सातत्यबोधक भविष्यकाल – परिभाषा, वाक्य और उदाहरण – हिन्दी व्याकरण

सातत्य बोधक भविष्य काल हिन्दी में – Hindi में Kaal के तीन भेद या प्रकार ‘भूतकाल, वर्तमान काल और भविष्य काल‘ आदि होते है। और भविष्य काल को पुनः चार...Read more !

दृष्टान्त अलंकार – Drashtant Alankar परिभाषा, भेद और उदाहरण – हिन्दी

दृष्टान्त अलंकार परिभाषा– जहाँ उपमेय और उपमान के साधारण धर्म में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव दिखाया जाए, वहाँ दृष्टान्त अलंकार होता है। या  जहाँ दो सामान्य या दोनों विशेष वाक्यों में बिम्ब-प्रतिबिम्ब...Read more !

णिजन्त प्रकरण – संस्कृत में प्रेरणार्थक क्रिया – संस्कृत व्याकरण

Preranarthak Kriya प्रेरणार्थक क्रिया तट्प्रयोजको हेतुश्च – प्रेरणार्थक में धातु के आगे ‘णिच्‘ प्रत्यय का प्रयोग होता है। जब कर्त्ता किसी क्रिया को स्वयं ना करके किसी अन्य को करने...Read more !