चंद्रयान क्या है?
चंद्रयान भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा संचालित चंद्र अन्वेषण कार्यक्रम है, जिसके तहत अब तक तीन प्रमुख मिशन लॉन्च किए गए हैं:
- चंद्रयान-1 (2008): भारत का पहला चंद्र मिशन, जिसने चंद्रमा की सतह पर पानी के अणुओं की उपस्थिति की पुष्टि की।
- चंद्रयान-2 (2019): इस मिशन में ऑर्बिटर, लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ शामिल थे। हालांकि लैंडर की सॉफ्ट लैंडिंग सफल नहीं हो पाई, लेकिन ऑर्बिटर अभी भी चंद्रमा की परिक्रमा कर रहा है और डेटा भेज रहा है।
- चंद्रयान-3 (2023): इस मिशन में केवल लैंडर और रोवर शामिल थे, जिसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करना था। यह मिशन सफल रहा, और भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर लैंडिंग करने वाला पहला देश बन गया।
इन मिशनों के माध्यम से, भारत ने चंद्र अन्वेषण में महत्वपूर्ण प्रगति की है और अंतरिक्ष विज्ञान में अपनी क्षमता को प्रदर्शित किया है।
चंद्रयान | सभी चंद्रयान मिशनों की जानकारी
चंद्रयान-1 (2008):
- लॉन्च वजन: 1,380 किलोग्राम (3,040 पौंड)
- मिशन अवधि: 2 वर्ष; हासिल: 10 माह, 6 दिन
- बुधवार 22 अक्टूबर 2008 को 6 बजकर 21 मिनट पर श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से चंद्रयान प्रथम छोड़ा गया।
- इसके सफल प्रक्षेपण के साथ ही भारत दुनिया का छठा देश बन गया है, जिसने चांद के लिए अपना अभियान भेजा है।
- चंद्रयान के ध्रुवीय प्रक्षेपण अंतरिक्ष वाहन “पीएसएलवी सी-11” ने सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से रवाना होने के 19 मिनट बाद ट्रांसफर कक्षा में प्रवेश किया।
- इस महान क्षण के मौके पर ‘इसरो’ के मुखिया “जी माधवन नायर” मौजूद थे।
- शनिवार 8 नवंबर 2008 को चन्द्रयान भारतीय समय अनुसार करीब 5 बजे सबसे मुश्किल दौर से गुजरते हुए चन्दमाँ की कक्षा में स्थापित हो गया।
- शनिवार 29 अगस्त 2009 चंद्रयान-1 का नियंत्रण कक्ष से संपर्क टूट गया।
- रविवार 30 अगस्त 2009 भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने चंद्रयान प्रथम औपचारिक रूप से समाप्त कर दिया।
चंद्रयान-2 (2019):
- लॉन्च वजन कुल योग: 3,877 कि॰ग्राम (8,547 पौंड);
पेलोड वजन ऑरबिटर: 2,379 कि॰ग्राम (5,245 पौंड),
विक्रम लैंडर:1,471 कि॰ग्राम (3,243 पौंड),
प्रज्ञान रोवर : 27 कि॰ग्राम (60 पौंड)। - मिशन अवधि- ऑर्बिटर: 1 वर्ष, विक्रम लैंडर: 15 दिन, प्रज्ञान रोवर: 15 दिन
- भारत ने चंद्रयान-2 को 22 जुलाई 2019 को श्रीहरिकोटा रेंज से भारतीय समयानुसार दोपहर 02:43 बजे सफलता पूर्वक प्रक्षेपित किया।
- चंद्रयान-2 लैंडर और रोवर को चंद्रमा पर लगभग 70° दक्षिण के अक्षांश पर स्थित दो क्रेटरों मज़िनस सी और सिमपेलियस एन के बीच एक उच्च मैदान पर उतरने का प्रयास करना था।
- भारतीय समय अनुसार लगभग 1:52 बजे, लैंडर लैंडिंग से लगभग 2.1 किमी की दूरी पर अपने इच्छित पथ से भटक गया और अंतरिक्ष यान के साथ ग्राउन्ड कंट्रोल ने संचार खो दिया।
चंद्रयान-3 (2023):
- चंद्रयान-3 चाँद पर खोजबीन करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा भेजा गया तीसरा भारतीय चंद्र मिशन है।
- मिशन अवधि– विक्रम लैंडर: 14 दिन, प्रज्ञान रोवर: 14 दिन
- वजन- प्रणोदक भाग: 2148 किग्रा, लैंडर भाग (विक्रम): 26 किग्रा के (प्रज्ञान) रोवर सहित 1752 किग्रा, कुल: 3900 किग्रा
- इसमें चंद्रयान-2 के समान एक लैंडर और एक रोवर है, लेकिन इसमें कक्षित्र (ऑर्बिटर) नहीं है।
- चंद्रयान-3 का प्रक्षेपण सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र (शार), श्रीहरिकोटा से 14 जुलाई, 2023 शुक्रवार को भारतीय समय अनुसार दोपहर 2:35 बजे हुआ था।
- यह यान चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास की सतह पर 23 अगस्त 2023 को भारतीय समय अनुसार सायं 06:04 बजे के आसपास सफलतापूर्वक उतरा था।
- भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक अंतरिक्ष यान उतारने वाला पहला और चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश बन गया।
चंद्रयान-3 से जुड़े सामान्य ज्ञान प्रश्न और उत्तर | Chandrayaan 3 GK Questions and Answers in Hindi
भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करते हुए चंद्रयान-3 मिशन के विक्रम लैंडर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफलतापूर्वक उतारा है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि के साथ, भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया है।
चंद्रयान-3 भारत का तीसरा चंद्र मिशन है, जिसे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) द्वारा संचालित किया गया। यह मिशन वैज्ञानिक और तकनीकी दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण है, और इसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह का गहन अध्ययन करना तथा वहां सुरक्षित लैंडिंग तकनीकों को परखना है।
भारत में आयोजित विभिन्न सरकारी भर्ती परीक्षाओं जैसे UPSC, SSC, RRB, NTPC, CTET, UPTET, SSC GD, Delhi Police, PET और रेलवे आदि में करंट अफेयर्स और जनरल नॉलेज से जुड़े प्रश्न पूछे जाते हैं। चंद्रयान-3 मिशन हाल ही में सुर्खियों में रहा है, इसलिए यह संभावना प्रबल है कि आने वाली परीक्षाओं में इससे जुड़े सवाल पूछे जाएं।
इसी को ध्यान में रखते हुए, आगामी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए हम चंद्रयान-3 मिशन से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न और उनके उत्तर लेकर आए हैं।
चंद्रयान-3 से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न और उत्तर
यहाँ चंद्रयान-3 मिशन पर आधारित महत्वपूर्ण प्रश्न दिए गए हैं, जो आपकी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी में सहायक सिद्ध होंगे।
क्रमांक | प्रश्न | उत्तर |
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1 | चंद्रयान-3 मिशन को कौन सा संगठन चला रहा है? | भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) |
2 | चंद्रयान-3 मिशन में कितने पेलोड्स को जोड़ा गया है? | चार पेलोड्स को जोड़ा गया है। |
3 | चंद्रयान-3 की लैंडिंग की विशेषता अन्य कई देशों के चंद्र मिशन की तुलना से कैसे अलग है? | चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना |
4 | चंद्रयान-3 मिशन में कितने सोलर पैनल लगे हैं? | चंद्रयान-2 से दोगुने यानी 4 सोलर पैनल लगाए गए हैं। |
5 | चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर की चंद्रमा पर रिसर्च करने में कितना समय लगेगा? | छह महीने का समय लगेगा। |
6 | चंद्रयान-3 मिशन के अनुसार चांद पर सॉफ्ट लैंडिंग की सफलता कितनी प्रतिशत है? | सॉफ्ट लैंडिंग की सफलता का प्रतिशत 52% है। |
7 | चंद्रयान-3 मिशन का सबसे कठिन भाग कौन सा है? | चांद की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग करना। |
8 | चंद्रयान-3 का मुख्य लक्ष्य क्या है? | अंतरिक्ष मिशनों के लिए नई तकनीकों को विकसित करना। |
9 | चंद्रयान-3 मिशन के निदेशक कौन हैं? | सी. रितु करिधल |
10 | चंद्रयान-3 मिशन की थीम क्या है? | Science Of The Moon (चंद्रमा का विज्ञान) |
11 | चंद्रयान-3 अभियान के प्रोजेक्ट डायरेक्टर कौन हैं? | पी. वीरा मुथुवेल |
12 | चंद्रयान-3 मिशन को किस रॉकेट से लॉन्च किया गया है? | LVM3-M4 रॉकेट से |
13 | इसरो ने चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर के क्या नाम रखे हैं? | लैंडर – विक्रम, रोवर – प्रज्ञान |
14 | भारत में ‘मून मैन ऑफ इंडिया’ किसे कहा जाता है? | के. सिवान (Sivan Kailasavadivoo) |
15 | चंद्रयान-3 की लागत कितनी है? | लगभग 960 करोड़ रुपये |
16 | चंद्रयान-3 मिशन किस तारीख को लॉन्च हुआ? | 14 जुलाई 2023 |
17 | चंद्रयान-3 की कुल दूरी कितनी है? | 3.84 लाख किलोमीटर |
18 | चंद्रयान-3 मिशन में कितने दिन लगे चांद तक पहुंचने में? | 40 दिन |
19 | चंद्रयान-3 में कौन-कौन से मॉड्यूल जोड़े गए हैं? | लैंडर मॉड्यूल (LM), प्रोपल्शन मॉड्यूल (PM), और रोवर |
20 | चंद्रयान-3 में लैंडर के किस हिस्से में बदलाव किया गया है? | थ्रस्टर्स का बदलाव किया गया है। |
21 | चंद्रयान-3 की निगरानी के लिए क्या नया उपयोग किया गया है? | अधिक नेविगेशनल इक्यूप्मेंट्स |
22 | चंद्रयान-3 का कुल वजन कितना है? | 2,148 किलोग्राम |
23 | चंद्रयान-3 मिशन में रॉकेट की गति कितनी थी? | 36,000 किलोमीटर प्रति घंटा |
24 | चंद्रयान-3 के लैंडर में कौन से वैज्ञानिक उपकरण हैं? | भूतल विज्ञान, वायुमंडलीय विज्ञान और जल विज्ञान उपकरण |
25 | चंद्रयान-3 मिशन से पहले चंद्रयान-2 को किस रॉकेट से लॉन्च किया गया था? | GSLV MK 3 |
26 | इसरो टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क (ISTRAC) कहां स्थित है? | बेंगलुरु |
27 | चंद्रयान-3 मिशन से पहले इसरो ने कौन-कौन से चंद्र मिशन लॉन्च किए? | 2008 – चंद्रयान-1, 2019 – चंद्रयान-2 |
28 | चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर को कितने दिनों में सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी? | 45 से 50 दिनों के भीतर |
29 | चंद्रयान-3 के प्रणोदन मॉड्यूल में क्या नया प्रयोग किया गया है? | स्पेक्ट्रो-पोलरिमेट्री ऑफ हैबिटेबल प्लैनेट अर्थ (SHAPE) |
30 | चंद्रमा पर रोवर उतारने वाला दुनिया का चौथा देश कौन सा है? | भारत (रूस, अमेरिका, चीन के बाद) |
31 | भारत से पहले कौन-कौन से देश चंद्रमा पर पहुंचे थे? | अमेरिका, रूस और चीन |
32 | चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर की मिशन लाइफ कितनी है? | एक चंद्र दिवस (पृथ्वी के 14 दिन के बराबर) |
33 | चंद्रयान-3 की लैंडिंग कब हुई थी? | 23 अगस्त 2023 को |
34 | चंद्रयान-3 के लॉन्च को देखने के लिए कितने छात्र स्पेस सेंटर पहुंचे थे? | 200 छात्र |
35 | चंद्रयान-3 का उद्देश्य क्या है? | सुरक्षित लैंडिंग, चंद्रमा की सतह पर रोवर की गतिविधि और वैज्ञानिक प्रयोग करना। |
36 | इंसान का चांद पर वजन कितना कम हो जाता है? | 16.5% कम |
37 | चांद पर आखिरी बार किस व्यक्ति ने कदम रखे थे? | जीन सर्नन (Apollo 17, 1972) |
38 | चंद्रयान-3 मिशन की लैंडिंग की सफलता का प्रतिशत कितना है? | लगभग 50% |
39 | चांद पर दिन और रात का तापमान कितना होता है? | दिन – 134°C, रात – -153°C |
40 | चंद्रयान-3 मिशन से जुड़े प्रमुख वैज्ञानिक कौन हैं? | डॉ. रितु करिधल |
41 | चंद्रयान-3 मिशन के प्रबंधनकर्ता कौन हैं? | इसरो की लीड साइंटिस्ट रितु करिधल |
42 | चंद्रयान-3 मिशन के तहत किस लांचर का उपयोग किया गया है? | GSLV-Mk3 |
43 | चंद्रयान-3 के लैंडर और रोवर पेलोड क्या अलग हैं? | यह चंद्रयान-2 जैसे ही हैं। |
44 | पेलोड का उद्देश्य क्या है? | भूकंप, सतह के तापीय गुण और चंद्रमा-धरती की दूरी की गणना |
45 | प्रोपल्शन मॉड्यूल क्या है और इसका डिजाइन कैसा है? | बॉक्स आकार का, बड़ा सौर पैनल और बड़ा सिलेंडर |
46 | चंद्रयान-3 मिशन के लॉन्च स्थल का नाम क्या है? | सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र, श्रीहरिकोटा |
47 | शेकल्टन क्रेटर क्या है? | चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव का 4.2 किमी चौड़ा क्रेटर, जहां सूरज की रोशनी नहीं पहुंचती। |
48 | चंद्रयान-3 मिशन की कुल लागत कितनी थी? | लगभग 960 करोड़ रुपये |
49 | चंद्रयान-3 मिशन के लॉन्च के समय कितनी गति थी? | 36,000 किलोमीटर प्रति घंटा |
50 | चंद्रमा पर गोल्फ खेलने वाला पहला इंसान कौन था? | एलन शेफर्ड (Apollo 14, 1971) |
चंद्रयान-3 की सफलता भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। इस मिशन के माध्यम से भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बना। साथ ही, यह मिशन वैज्ञानिक अनुसंधान, तकनीकी प्रगति और भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों के लिए नई संभावनाएँ खोलता है।
प्रतियोगी परीक्षाओं की दृष्टि से चंद्रयान-3 से जुड़े प्रश्न महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि सरकारी परीक्षाओं में करंट अफेयर्स और जनरल नॉलेज से संबंधित प्रश्न पूछे जाते हैं। इसलिए, इस मिशन से जुड़ी जानकारी परीक्षार्थियों के लिए उपयोगी साबित होगी।