निरपेक्ष अस्थिरता या पूर्ण अस्थिरता (Absolute Instability): कारण, परिभाषा और इसके प्रभाव

निरपेक्ष अस्थिरता (Absolute Instability) एक वायुमंडलीय स्थिति है जिसमें गर्म हवा का कण ऊपर उठता है और ऊँचे बादल बनते हैं, जिससे भारी बारिश होती है। इस लेख में इसके कारण, प्रक्रिया और परिणामों की विस्तृत जानकारी दी गई है।

निरपेक्ष अस्थिरता (Absolute Instability)

परिभाषा एवं अर्थ

वायुमंडल की वह स्थिति, जिसमें पर्यावरणीय ह्रास दर (Environmental Lapse Rate) संतृप्त रुद्धोष्म ह्रास दर (Saturated Adiabatic Lapse Rate) और शुष्क रुद्धोष्म ह्रास दर (Dry Adiabatic Lapse Rate) दोनों से अधिक होती है, निरपेक्ष अस्थिरता उत्पन्न करती है। जब हवा के कण प्रारंभिक ताप और संवहन (Convection) के परिणामस्वरूप ऊपर उठने लगते हैं, तो उनका तापमान रुद्धोष्म रूप से विस्तार के कारण कम हो जाता है, लेकिन वे वातावरण की हवा से गर्म रहते हैं। इस कारण से, वे लगातार ऊंचाई पर उठते जाते हैं, जिससे ऊंचे बादलों का निर्माण होता है और भारी वर्षा होती है।

निरपेक्ष अस्थिरता (Absolute Instability) वायुराशि की वह स्थिति, जिसमें किसी भी मात्रा में वर्तमान जलवाष्प की मात्रा पर्यावरणीय तापह्रास दर से अधिक होती है, जो उसके चारों तरफ वर्तमान में होती है, परिणामस्वरूप यह अस्थायी होती है।

आसान शब्दों में-

वायुमंडल की निरपेक्ष अस्थिरता तब होती है जब वातावरण में तापमान गिरने की दर (Environmental Lapse Rate) शुष्क और संतृप्त ऐडियाबेटिक दरों से ज्यादा होती है। इस स्थिति में, जब हवा का कोई कण गर्म होकर ऊपर उठने लगता है, तो वह फैलाव के कारण ठंडा तो होता है, लेकिन फिर भी आसपास की हवा से ज्यादा गर्म रहता है।

क्योंकि यह कण आसपास की ठंडी हवा से हल्का होता है, इसलिए यह लगातार ऊपर उठता जाता है। इसके परिणामस्वरूप ऊंचे बादल बनते हैं और भारी बारिश की संभावना बढ़ती है।

Frequently Asked Questions

1.

निरपेक्ष अस्थिरता (Absolute Instability) किसे कहते हैं?

निरपेक्ष अस्थिरता तब होती है जब शुष्क रुद्धोष्म ह्रास दर (Dry Adiabatic Rate) पर्यावरणीय ह्रास दर (Environmental Lapse Rate) से कम होती है। इस स्थिति में, वायुमंडल का कोई वायु कण (Air Parcel) आसपास की हवा से अधिक गर्म और कम घनत्व वाला होता है, जिसके कारण वह उत्प्लावक बलों (Buoyant Forces) के कारण ऊपर उठता है। ऐसी स्थिति में, व्यापक ऊर्ध्वाधर विकास (Extensive Vertical Development) वाले बादल निरपेक्ष अस्थिरता के संकेतक होते हैं।

2.

निरपेक्ष अस्थिरता का उदाहरण क्या है?

मान लीजिए एक गर्म दिन है, और धरती की सतह तेज धूप से गर्म हो रही है। इस गर्मी के कारण सतह के पास की हवा का तापमान भी बढ़ जाता है। अब यह गर्म हवा आसपास की ठंडी हवा से हल्की हो जाती है, इसलिए यह ऊपर उठने लगती है। जैसे-जैसे यह हवा ऊपर जाती है, उसका विस्तार होता है और वह ठंडी होती जाती है, लेकिन वह फिर भी आसपास की हवा से ज्यादा गर्म रहती है। इस वजह से यह हवा लगातार ऊपर उठती जाती है और ऊँचे बादल (जैसे क्यूम्यलोनिम्बस बादल) बनते हैं। यह स्थिति निरपेक्ष अस्थिरता का एक उदाहरण है, और इससे भारी वर्षा, बिजली, या गरज-तूफान हो सकते हैं।

3.

निरपेक्ष अस्थिरता का परिणाम क्या होता है?

निरपेक्ष अस्थिरता के परिणामस्वरूप वायुमंडल में ऊर्ध्वाधर बादल (Vertical Clouds) बनते हैं, जैसे कि क्यूम्यलोनिम्बस (Cumulonimbus) बादल, जो भारी वर्षा, गरज-तूफान और बिजली गिरने का कारण बन सकते हैं।

4.

निरपेक्ष अस्थिरता और निरपेक्ष स्थिरता में क्या अंतर है?

निरपेक्ष अस्थिरता में हवा का कण ऊपर उठकर गर्म रहता है और लगातार ऊपर की ओर बढ़ता रहता है, जिससे बादलों का निर्माण और बारिश होती है। जबकि निरपेक्ष स्थिरता में हवा का कण ठंडा होकर वापस नीचे आ जाता है और कोई बादल या बारिश नहीं होती।

5.

क्या निरपेक्ष अस्थिरता खतरनाक हो सकती है?

हाँ, निरपेक्ष अस्थिरता के परिणामस्वरूप बनने वाले क्यूम्यलोनिम्बस बादल भारी वर्षा, तेज़ हवाएं, और बिजली गिरने जैसी खतरनाक घटनाओं को जन्म दे सकते हैं। ये तूफान की स्थिति बना सकते हैं, जो विनाशकारी हो सकते हैं।

6.

निरपेक्ष अस्थिरता का मौसम पर क्या प्रभाव होता है?

निरपेक्ष अस्थिरता के कारण मौसम में तीव्र बदलाव आ सकता है, जिसमें गरज-तूफान, भारी बारिश, तेज हवाएं और ओले गिरने की संभावना बढ़ जाती है।

7.

निरपेक्ष अस्थिरता के कारण ऊर्ध्वाधर बादल कैसे बनते हैं?

निरपेक्ष अस्थिरता के दौरान, गर्म हवा का कण ऊपर उठता है और आसपास की हवा से हल्का होता है। यह ऊपर उठते हुए फैलता और ठंडा होता जाता है, लेकिन वह अभी भी आसपास की हवा से गर्म रहता है। इस प्रकार, यह लगातार ऊपर उठता रहता है और ऊर्ध्वाधर बादल बनाता है, जो ऊंचाई में काफी बड़े हो सकते हैं।

8.

निरपेक्ष अस्थिरता का प्रभाव कहां देखा जा सकता है?

यह स्थिति उष्णकटिबंधीय और समशीतोष्ण क्षेत्रों में ज्यादा देखी जाती है, जहां सतह पर सूर्य की गर्मी के कारण तीव्र तापमान भिन्नता होती है। खासकर गरमियों में दोपहर के बाद, जब धरती की सतह अत्यधिक गर्म हो जाती है, तब ऐसी अस्थिरता उत्पन्न होती है।

9.

क्या पर्वतीय क्षेत्रों में निरपेक्ष अस्थिरता हो सकती है?

हाँ, पर्वतीय क्षेत्रों में हवा ऊपर की ओर बढ़ने के कारण निरपेक्ष अस्थिरता उत्पन्न हो सकती है। जैसे-जैसे हवा पहाड़ की ढलान पर चढ़ती है, वह ठंडी हो जाती है, लेकिन फिर भी आसपास की हवा से अधिक गर्म होने के कारण ऊपर उठती जाती है, जिससे बादल और बारिश बन सकते हैं।

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