वितल क्षेत्र (Abyssal Zone): महासागर की सबसे गहरी और अंधेरी दुनिया

वितल क्षेत्र, जिसे Abyssal Zone के नाम से जाना जाता है, महासागर का एक ऐसा गहरा हिस्सा है जहाँ सूर्य की रोशनी नहीं पहुँचती। यहाँ अत्यधिक ठंड, उच्च दबाव और पोषक तत्वों की कमी के बावजूद कुछ अद्वितीय जीवन रूप पाए जाते हैं।

वितल क्षेत्र (Abyssal Zone)

परिभाषा एवं अर्थ

वितल क्षेत्र (Abyssal Zone) महासागर का एक अत्यंत गहरा और ठंडा क्षेत्र होता है, जो समुद्र की सतह से लगभग 3,000 से 6,000 मीटर (9,800 से 19,700 फीट) की गहराई में स्थित होता है। यह समुद्र के बाथयल (Bathyal) क्षेत्र के नीचे और हैडल (Hadal) क्षेत्र के ऊपर स्थित होता है। इस क्षेत्र का नाम ग्रीक शब्द “ἄβυσσος” (ábyssos) से लिया गया है, जिसका अर्थ है “अथाह” या “असीम गहराई”।

वितल क्षेत्र (Abyssal Zone) 1000 फैदम की गहराई से भी नीचे समुद्र का वह भाग, जहाँ सूर्य का प्रकाश बिल्कुल नहीं पहुँच पाता और तापक्रम सर्वदा हिमांक के आसपास रहता है। वितलीय अधःस्थलों से प्राप्त जीवों के कवचों तथा अस्थियों से पता चलता है कि इन गहराइयों में कुछ विशेष प्रकार के जीव रह सकते हैं।

वितल क्षेत्र की विशेषताएँ

वितल क्षेत्र की विशेषताएँ निम्नलिखित होती हैं:

  1. प्रकाश की अनुपस्थिति: इस गहराई पर सूर्य का प्रकाश नहीं पहुँचता, जिससे यहाँ पूर्ण अंधकार रहता है।
  2. ठंडा तापमान: वितल क्षेत्र का तापमान अत्यंत ठंडा होता है, आमतौर पर 0°C से 4°C के बीच।
  3. उच्च दबाव: इस गहराई पर पानी का दबाव बहुत अधिक होता है, जो सतह के दबाव से कई गुना ज्यादा हो सकता है।
  4. जीवन का अभाव: इस क्षेत्र में अत्यधिक अंधकार, ठंड और दबाव के कारण अधिकांश जीवों का अस्तित्व मुश्किल होता है, लेकिन यहाँ कुछ अनुकूलित जीव जैसे कि विशाल स्क्विड, एंग्लरफिश, और कुछ प्रकार के बेक्टीरिया पाए जाते हैं।
  5. पोषक तत्वों की कमी: चूंकि यहाँ प्रकाश नहीं होता, इसलिए प्रकाश संश्लेषण (Photosynthesis) संभव नहीं होता, और पोषक तत्व बहुत कम मात्रा में ही उपलब्ध होते हैं।

वितल क्षेत्र के प्रमुख पोषक तत्व

मृत कार्बनिक पदार्थ: वितल क्षेत्र में पोषक तत्वों की मुख्य स्रोत मृत जीवों के अवशेष होते हैं, जिन्हें “मरीन स्नो” कहा जाता है। यह स्नो सतह से गहराई में धीरे-धीरे गिरती है और यहाँ के जीवों के लिए भोजन का काम करती है।

केमोसिंथेसिस प्रक्रिया: कुछ जीव समुद्र की गहराई में पाए जाने वाले हाइड्रोथर्मल वेंट्स के पास रहते हैं, जहाँ से निकलने वाली रसायन पदार्थों से ऊर्जा प्राप्त करते हैं। इस प्रक्रिया को केमोसिंथेसिस कहते हैं, जो इस गहरे और अंधेरे क्षेत्र में जीवन को सहारा देती है।

वितल क्षेत्र में कठिनाइयाँ

प्रकाश की अनुपस्थिति: चूंकि यहाँ कोई प्रकाश नहीं है, जीवों को शिकार करने, साथी खोजने और भोजन प्राप्त करने के लिए विशेष अनुकूलन की आवश्यकता होती है। बायोल्यूमिनेसेंस का उपयोग करने वाले जीव इसी का एक उदाहरण हैं।

ऊर्जा की कमी: इस गहराई में ऊर्जा के स्रोत सीमित होते हैं, क्योंकि यहाँ कोई पौधे या प्रकाश संश्लेषण करने वाले जीव नहीं होते। इसलिए, जीव मुख्य रूप से मरे हुए जीवों के अवशेषों या समुद्र के ऊपरी हिस्से से गिरने वाले कार्बनिक पदार्थों पर निर्भर होते हैं।

दबाव और तापमान: उच्च दबाव और ठंडे तापमान में जीवित रहना चुनौतीपूर्ण होता है। यहाँ पाए जाने वाले जीवों के शरीर विशेष रूप से बनाए होते हैं ताकि वे इस वातावरण में जीवित रह सकें।

वितल क्षेत्र में जीवन

इस क्षेत्र में पाए जाने वाले जीव जैसे कि एंग्लरफिश, जायंट स्क्विड, और ग्लोबोट्युला बायोल्यूमिनेसेंस (प्रकाश उत्पन्न करने की क्षमता) से लैस होते हैं। ये जीव अंधकार में जीवित रहने के लिए अनुकूलित होते हैं और धीमी गति से चलते हैं ताकि कम ऊर्जा खर्च हो।

Frequently Asked Questions

1.

वितल क्षेत्र (Abyssal Zone) क्या होता है?

वितल क्षेत्र (Abyssal Zone) महासागर का एक अत्यंत गहरा और ठंडा क्षेत्र होता है, जो समुद्र की सतह से लगभग 3,000 से 6,000 मीटर (9,800 से 19,700 फीट) की गहराई में स्थित होता है।

2.

वितल क्षेत्र (Abyssal Zone) की परिभाषा अर्थ सहित लिखो?

वितल क्षेत्र (Abyssal Zone) 1000 फैदम की गहराई से भी नीचे समुद्र का वह भाग, जहाँ सूर्य का प्रकाश बिल्कुल नहीं पहुँच पाता और तापक्रम सर्वदा हिमांक के आसपास रहता है। वितलीय अधःस्थलों से प्राप्त जीवों के कवचों तथा अस्थियों से पता चलता है कि इन गहराइयों में कुछ विशेष प्रकार के जीव रह सकते हैं।

3.

वितल क्षेत्र की विशेषताएँ क्या हैं?

वितल क्षेत्र की विशेषताएँ: 1. प्रकाश की अनुपस्थिति, 2. ठंडा तापमान, 3. उच्च दबाव, 4. जीवन का अभाव, 5. पोषक तत्वों की कमी।

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