Kahawat in Hindi
‘कहावतें’ हिन्दी भाषा का शब्द है। इसका अर्थ होता है, ‘कही हुई बातें।’ यदि हम इसके अर्थ पर विचार करते हैं तो स्पष्ट हो जाता है कि प्रत्येक कही हुई बात कहावत नहीं होती, बल्कि जिस कहावत में जीवन के अनुभव का सार–संक्षेपण चमत्कृत ढंग से किया जाए, उसे कहावत के अन्तर्गत माना जाता है।
जिस शब्द-समूह या वाक्य द्वारा जीवन के अनुभव का सार-संक्षेपण सुंदर और प्रभावशाली ढंग से किया जाता है, उस शब्द-समूह या वाक्य को ‘कहावत’ कहते है।
उदाहरणार्थ रवीश ने कहा, “मैं अकेला ही कुआँ खोद लूँगा।” इस पर सभी ने रवीश की हँसी उड़ाते हुए कहा, व्यर्थ की बातें करते हो, “अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता”। यहाँ कहावत का प्रयोग किया गया है, जिसका अर्थ है “एक व्यक्ति के करने से कोई कठिन काम पूरा नहीं होता।”
कहावत को सूक्ति, सुभाषित और लोकोक्ति भी कहते हैं। इनमें से कहावत शब्द ही उपयुक्त है, क्योंकि सूक्ति या सुभाषित का अर्थ है- ‘सुन्दर उक्ति या बात’। लोकोक्ति शब्द इसलिए उपयुक्त नहीं है, क्योंकि लोकोक्ति का अर्थ- ‘लोक (जनसाधारण) की उक्ति’ होता है।
कहावत और मुहावरा में अन्तर
मुहावरा | कहावत |
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मुहावरा एक वाक्यांश होता है। | कहावत एक वाक्य होता है। |
मुहावरे का स्वतन्त्र रूप में प्रयोग होता है। | कहावत का स्वतन्त्र रूप में प्रयोग नहीं होता। |
मुहावरे में उद्देश्य, विधेय का बन्धन नहीं होता लेकिन अर्थ की स्पष्टता के लिए इसका प्रयोग किया जाता है। | कहावत में उद्देश्य और विधेय का पूर्ण विधान होता है इसलिए अर्थ स्वतः स्पष्ट हो जाता है। |
मुहावरे किसी बात को कहने का विचार अथवा अनुभव का मूल है। | कहावत उस कथन में व्यक्त किए गए तरीका अथवा पद्धति है। |
मुहावरा में काल, वचन तथा पुरुष के प्रकार का परिवर्तन नहीं होता। | कहावत में उसके रूप में किसी अनुरूप परिवर्तन हो जाता है। |
मुहावरा का प्रयोग लाक्षणिक अर्थ अथवा अप्रस्तुत व्यंजना के लिए होता है। | कहावतं का प्रयोग प्रायः अन्योक्ति व्यक्त करने के लिए होता है। |
पढ़ें- मुहावरे और लोकोक्ति में अंतर।
कहावतें
हिन्दी व्याकरण की प्रसिद्ध कहावतें, उनके अर्थ और प्रयोग सहित उदाहरण वर्णमाला क्रम से निम्न हैं-
अ से कहावतें
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कहावत– अंधों में काना राजा
इस कहावत का अर्थ– मूर्खों के मध्य कुछ चतुर व्यक्ति।
इस कहावत का प्रयोग– निरक्षरों के मध्य कुछ पढ़ा-लिखा आदमी अंधों में काना राजा के समान होता है।
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कहावत– अंधेर नगरी चौपट राजा
इस कहावत का अर्थ– अन्याय का बोलबाला।
इस कहावत का प्रयोग– अयोग्य अधिकारी होने पर सभी कामों में धांधली चलती है, ठीक ही कहा गया है; अंधेर नगरी चौपट राजा।
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कहावत– अंधा बाँटे रेवड़ी फिर-फिर अपनों को दे
इस कहावत का अर्थ– स्वार्थी व्यक्ति पक्षपात करता है।
इस कहावत का प्रयोग– वर्तमान समय में नेतागण अंधा बाँटे रेवड़ी फिर-फिर अपनों को दे वाली उक्ति चरितार्थ करते हैं।
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कहावत– अंधी पीसे कुत्ता खाय
इस कहावत का अर्थ– जब कार्य कोई करे उसका फायदा दूसरा व्यक्ति उठाए।
इस कहावत का प्रयोग– मजदूर परिश्रम करता है, लेकिन लाभ पूँजीपति कमाता है। सच है- अंधी पीसे कुत्ता खाय।
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कहावत– अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ता
इस कहावत का अर्थ– अकेला व्यक्ति कुछ भी नहीं कर सकता है।
इस कहावत का प्रयोग– शत्रुओं के बीच अकेले मत जाओ, क्योंकि अकेला चना भाड़ नहीं फोड़ सकता है।
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कहावत– अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना राग
इस कहावत का अर्थ– मनमानी।
इस कहावत का प्रयोग– संगठन के अभाव में लोग अपनी-अपनी ढपली, अपना-अपना राग अलापते हैं।
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कहावत– अब पछताए होत क्या जब चिड़िया चुग गई खेत
इस कहावत का अर्थ– अवसर निकल जाने के बाद पछताना व्यर्थ होता है।
इस कहावत का प्रयोग– साल भर तो पढ़ाई नहीं की, अब असफल होने पर रोते हो, इससे क्या लाभ? अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत।
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कहावत– अपनी करनी पार उतरनी
इस कहावत का अर्थ– अपने किए का फल भोगना।
इस कहावत का प्रयोग– जीवन में सफल होने के लिए स्वयं परिश्रम करो, क्योंकि अपनी करनी पार उतरनी।
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कहावत– अधजल गगरी छलकत जाए
इस कहावत का अर्थ– कम ज्ञान, धन, सम्मान वाले व्यक्ति अधिक प्रदर्शन करते हैं।
इस कहावत का प्रयोग– जब कोई अल्पज्ञ अधिक बकवास करता है, तब यह कहावत कही जाती है।
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कहावत– अक्ल बड़ी या भैंस
इस कहावत का अर्थ– शारीरिक बल से बौद्धिक बल अधिक अच्छा होता है।
इस कहावत का प्रयोग– किसान पहले बहुत परिश्रम करता था, लेकिन उत्पादन कम था। अब उन्नत बीज, खाद व उपकरणों की सहायता से अधिक उत्पादन करता है। सच है अक्ल बड़ी या भैंस।
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कहावत– अन्त भला तो सब भला
इस कहावत का अर्थ– परिणाम अच्छा हो जाए तो सब कुछ अच्छा माना जाता है।
इस कहावत का प्रयोग– भारतीय क्रिकेट टीम कशमकश के पश्चात् पाकिस्तान दौरे पर गई और विजयी रही, सच है अन्त भला तो सब भला।
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कहावत– अंधे की लकड़ी
इस कहावत का अर्थ– बेसहारे का सहारा।
इस कहावत का प्रयोग– राजकुमार पिता की अंधे की लकड़ी है।
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कहावत– अटकेगा सो भटकेगा
इस कहावत का अर्थ– दुविधा या सोच विचार में पड़ोगे तो काम नहीं होगा।
इस कहावत का प्रयोग– मैं तैयारी करूँगा, चयन होगा या नहीं भूलकर तैयारी करो। कहावत है, जो अटकेगा सो भटकेगा।
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कहावत– अपना हाथ जगन्नाथ
इस कहावत का अर्थ– स्वयं का काम स्वयं करना अच्छा होता है।
इस कहावत का प्रयोग– लाला जी ने पहले खाना बनाने के लिए महाराज रखा हुआ था, लेकिन वह अच्छा खाना नहीं बनाता था, ऊपर से सामान चुरा लेता था। अब लालाजी स्वयं खाना बना रहे हैं। सच कहावत है, अपना हाथ जगन्नाथ।
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कहावत– अपनी पगड़ी अपने हाथ
इस कहावत का अर्थ– अपने सम्मान को बनाए रखना अपने ही हाथ में है।
इस कहावत का प्रयोग– अपने से छोटे से भी अच्छा व्यवहार करना चाहिए अन्यथा वे भी। अपमान कर सकते हैं। इसलिए कहावत है अपनी पगड़ी अपने हाथ।
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कहावत– अपना रख पराया चख
इस कहावत का अर्थ– निजी वस्तु की रक्षा एवं अन्य वस्तु का उपभोग।
इस कहावत का प्रयोग– अपना रख पराया चख अब तो संजय की प्रकृति हो गई है।
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कहावत– अच्छी मति जो चाहो बूढ़े पूछन जाओ
इस कहावत का अर्थ– बड़े बूढ़ों की सलाह से कार्य सिद्ध हो सकते हैं।
इस कहावत का प्रयोग– मैं सदैव अपने बाबा से किसी भी महत्त्वपूर्ण कार्य को करने से पहले सलाह लेता हूँ और कार्य सफल होता है। सच है अच्छी मति जो चाहो, बूढ़े पूछन जाओ।
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कहावत– अंधा सिपाही कानी घोड़ी, विधि ने खूब मिलाई जोड़ी
इस कहावत का अर्थ– दोनों साथियों में एक से अवगुणी।
इस कहावत का प्रयोग– शोभित में निर्णय लेने की क्षमता नहीं है, पत्नी भी बुद्धिहीन है। अत: दोनों मिलकर कोई कार्य सही नहीं कर पाते। सच है अंधा सिपाही कानी घोड़ी, विधि ने खूब मिलाई जोड़ी।
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कहावत– अंधे को अंधा कहने से बुरा लगता है
इस कहावत का अर्थ– कटु वचन सत्य होने पर भी बुरा लगता है।
इस कहावत का प्रयोग– लाला जी परचून की दुकान करते हैं और सब चीजों में मिलावट करते हैं। जब कोई ग्राहक उनसे मिलावटी कह देता है, तो वे भड़क उठते हैं। इसलिए कहावत है अंधे को अंधा कहने से बुरा लगता है।
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कहावत– अपनी छाछ को कोई खट्टा नहीं कहता
इस कहावत का अर्थ– अपनी चीज को कोई बुरा नहीं बताता।
इस कहावत का प्रयोग– सब्जी वाला खराब और बासी सब्जियों को भी ताजी और अच्छी सब्जियाँ बनाकर बेच जाता है, कोई कहे भी तो मानता नहीं है। सच है अपनी छाछ को कोई खट्टा नहीं कहता है।
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कहावत– अपनी चिलम भरने को मेरा झोंपड़ा जलाते हो
इस कहावत का अर्थ– अपने अल्प लाभ के लिए दूसरे की भारी हानि करते हो।
इस कहावत का प्रयोग– आज ऐसा समय आ गया है अधिकांश व्यक्ति अपनी चिलम भरने के लिए दूसरे का झोंपड़ा जलाने में गुरेज नहीं करते।
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कहावत– अभी दिल्ली दूर है
इस कहावत का अर्थ– अभी कसर है।
इस कहावत का प्रयोग– ग्यासुद्दीन तुगलक सूफी निजामुद्दीन औलिया को दण्ड देना चाहता था और तेजी से दिल्ली की ओर बढ़ रहा था। इस पर औलिया ने कहा अभी दिल्ली दूर है।
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कहावत– अब की अब के साथ, जब की जब के साथ
इस कहावत का अर्थ– सदा वर्तमान की ही चिन्ता करनी चाहिए।
इस कहावत का प्रयोग– भगवान महावीर ने वर्तमान को अच्छा बनाने का उपदेश दिया, भविष्य अपने आप सुधर जाएगा। सच है अब की अब के साथ, जब की जब के साथ।
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कहावत– अस्सी की आमद नब्बे खर्च
इस कहावत का अर्थ– आय से अधिक खर्च।
इस कहावत का प्रयोग– आजकल अधिकांश परिवारों का हाल है, अस्सी की आमद नब्बे खर्च।
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कहावत– अपनी नींद सोना, अपनी नींद जागना
इस कहावत का अर्थ– पूर्ण स्वतन्त्र होना।
इस कहावत का प्रयोग– मैं अपने कार्य में किसी का हस्तक्षेप पसन्द नहीं करता। कहावत है अपनी नींद सोना, अपनी नींद जागना।
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कहावत– अपने झोपड़े की खैर मनाओ
इस कहावत का अर्थ– अपनी कुशल देखो।
इस कहावत का प्रयोग– मुझे क्या धमकी दे रहे हो अपने झोपड़े की खैर मनाओ।
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कहावत– अपनी टांग उघारिये आपहि मरिए लाज
इस कहावत का अर्थ– अपने घर की बात दूसरों से कहने पर बदनामी होती है।
इस कहावत का प्रयोग– पहले तो तुमने अपने घर की बातें दूसरे से बता दीं, अब तुम्हारा मजाक उड़ाते हैं। कहावत भी है, अपनी टांग उघारिये आपहि मरिए लाज।
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कहावत– अटका बनिया देय उधार
इस कहावत का अर्थ– स्वार्थी और मज़बूर व्यक्ति अनचाहा कार्य भी करता है।
इस कहावत का प्रयोग– कारखाने में श्रमिकों की हड़ताल होने से कारखाना मालिक अकुशल श्रमिकों को भी दुगुनी-तिगुनी मजदूरी दे रहा है। कहावत सही है-अटका बनिया देय उधार।
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कहावत– अपनी गली में कुत्ता भी शेर होता है
इस कहावत का अर्थ– अपने घर में, क्षेत्र में सभी जोर बताते हैं।
इस कहावत का प्रयोग– यहाँ क्या अकड़ दिखाते हो, अपनी गली में तो कुत्ता भी शेर होता है।
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कहावत– अपना सोना खोटा तो परखैया का क्या दोष
इस कहावत का अर्थ– हममें ही कमजोरी हो तो बताने वालों का क्या दोष
इस कहावत का प्रयोग– लड़का बेरोजगार है, सारा दिन आवारागर्दी करता है, लोग ताना न मारें तो क्या करें। जब अपना सोना खोटा तो परखैया का क्या दोष।
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कहावत– अढाई दिन की बादशाहत
इस कहावत का अर्थ– थोड़े दिन की शान-शौकत।
इस कहावत का प्रयोग– शत्रुघ्न सिन्हा मन्त्री पद से हटा दिए गए, अढ़ाई दिन की बादशाहत भी समाप्त हो गई।
आ से हिन्दी कहावतें
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कहावत– आँख का अंधा नाम नयनसुख
इस कहावत का अर्थ– नाम के विपरीत गुण।
इस कहावत का प्रयोग– उसके पास रहने की जगह नहीं है, नाम है पृथ्वीलाल। ठीक ही कहा गया है आँख का अंधा नाम नयनसुख।
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कहावत– आँख के अंधे गाँठ के पूरे
इस कहावत का अर्थ– मूर्ख किन्तु धनी।
इस कहावत का प्रयोग– आजकल आँख के अंधे गाँठ के पूरे व्यक्ति मुकदमेबाज़ी अधिक करते हैं।
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कहावत– आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास
इस कहावत का अर्थ– जब कोई व्यक्ति किसी अच्छे कार्य के लिए जाता है, किन्तु बुरे कामों में फँस जाता है; तब यह कहावत कही जाती है।
इस कहावत का प्रयोग– कार्यकर्ता आए थे नेता संग चुनाव प्रचार को लेकिन जुआ खेलने लगे; इस पर नेताजी को कहना पड़ा, आए थे हरि भजन को ओटन लगे कपास।
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कहावत– आगे नाथ न पीछे पगहा
इस कहावत का अर्थ– बिल्कुल स्वतन्त्र।
इस कहावत का प्रयोग– रहीम की बराबरी मत करो, क्योंकि उसके आगे नाथ न पीछे पगहा।
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कहावत– आटे के साथ घुन भी पिस जाता है
इस कहावत का अर्थ– अपराधी की संगति से निरपराध भी दण्ड का भागी बनता है।
इस कहावत का प्रयोग– संजय जुआरियों के पास खड़ा था, पुलिस उसे भी ले गई। सच है आटे के साथ घुन भी पिस जाता है।
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कहावत– आधी छोड़ सारी को धावै, आधी मिलै न पूरी पावै
इस कहावत का अर्थ– अधिक लोभ करने से हानि ही होती है।
इस कहावत का प्रयोग– कुछ लोग अधिक लाभ के लालच में आकर दूसरा व्यापार करते हैं। इसका फल यह होता है कि उन्हें लाभ के बदले हानि होती है, ठीक ही कहा गया है-आधी छोड़ सारी को धावै, आधी मिलै न पूरी पावै।
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कहावत– आगे जाए घुटने टूटे, पीछे देखे आँखें फूटे
इस कहावत का अर्थ– जिधर जाएँ उधर ही मुसीबत।
इस कहावत का प्रयोग– जरदारी आतंकवाद को समाप्त करते हैं, तो कट्टरपंथी उन्हें चैन नहीं लेने देंगे और नहीं करते तो अमेरिका नहीं बैठने देगा। कहावत भी है आगे जाए घुटने टूटे, पीछे देखे आँखें फूटे।
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कहावत– आई मौज़ फ़कीर की दिया झोपड़ा फूंक
इस कहावत का अर्थ– मौजी और विरक्त आदमी।
इस कहावत का प्रयोग– राजन ने खूब पैसा व्यापार में कमाया, लेकिन मुकदमेबाज़ी में सारा उड़ा दिया। कहावत भी है आई मौज़ फ़कीर की दिया झोपड़ा फूंक।
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कहावत– आप न जावै सासुरे औरों को सिख देत
इस कहावत का अर्थ– कोई कार्य स्वयं तो न करे पर दूसरों को सीख दे।
इस कहावत का प्रयोग– नेताजी कार्यकर्ताओं से जेल जाने की पुरजोर अपील कर रहे थे लेकिन स्वयं नहीं जा रहे थे। इस पर एक कार्यकर्ता ने कहा नेता जी यह तो आप न जावै सासुरे औरों को सिख देत वाली बात हो गई
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कहावत– आया है सो जाएगा राजा रंक फकीर
इस कहावत का अर्थ– सबको मरना है।
इस कहावत का प्रयोग– आज आदमी धन के लिए दूसरे की जान का दुश्मन बना हुआ है जबकि वह जानता है, आया है सो जाएगा राजा रंक फकीर।
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कहावत– आदमी पानी का बुलबुला है
इस कहावत का अर्थ– मनुष्य जीवन नाशवान है।
इस कहावत का प्रयोग– आदमी का जीवन तो पानी का बुलबुला है जाने कब फूट जाए।
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कहावत– आम के आम गुठलियों के दाम
इस कहावत का अर्थ– दुहरा फायदा।
इस कहावत का प्रयोग– कम्पीटीशन की तैयारी हेतु मैंने नोट्स तैयार किए थे, बाद में पुस्तक के रूप में छपवा दिए। मेरे तो आम के आम गुठलियों के दाम हो गए।
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कहावत– आम खाने से काम, पेड़ गिनने से क्या काम
इस कहावत का अर्थ– अपने मतलब की बात करो।
इस कहावत का प्रयोग– राम ने अजय को दस हज़ार रुपए माँगने पर उधार दिए तो वह पूछने लगा कि तुम्हारे पास ये पैसे कहाँ से आए। इस पर राम ने कहा तुम आम खाओ पेड़ गिनने से क्या काम।
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कहावत– आदमी की दवा आदमी है
इस कहावत का अर्थ– मनुष्य ही मनुष्य की सहायता कर सकता है।
इस कहावत का प्रयोग– भोला ने नदी में डूबते आदमी को बचाया तो सभी कहने लगे, आदमी की दवा आदमी है।
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कहावत– आ पड़ोसन लड़ें
इस कहावत का अर्थ– बिना बात झगड़ा करना।
इस कहावत का प्रयोग– रीना से ज्यादा बातचीत ठीक नहीं, उसकी आदत तो आ पड़ोसन लड़ें वाली है।
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कहावत– आसमान पर थूका मुँह पर आता है
इस कहावत का अर्थ– बड़े लोगों की निन्दा करने से अपनी ही बदनामी होती है।
इस कहावत का प्रयोग– महात्मा गाँधी की बुराई करना आसमान पर थूकना है।
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कहावत– आठ कनौजिये नौ चूल्हे
इस कहावत का अर्थ– अलगाव की स्थिति।
इस कहावत का प्रयोग– पूँजीवादी व्यवस्था में समाज इतना स्वार्थी हो गया है कि आठ कनौजिय नौ चूल्हे वाली स्थिति दिखाई देती है।
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कहावत– आई तो रोज़ी नहीं तो रोज़ा
इस कहावत का अर्थ– कमाया तो खाया नहीं तो भूखे।
इस कहावत का प्रयोग– फेरी वाले का क्या, यदि कुछ माल बिक जाता है तो खाना खा लेता है वरना भूखा सो जाता है। सच है, आई तो रोज़ी नहीं तो रोज़ा।
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कहावत– आई है जान के साथ जाएगी जनाजे के साथ
इस कहावत का अर्थ– आजीवन किसी चीज़ से पिण्ड न छूटना।
इस कहावत का प्रयोग– दमे की बीमारी के विषय में कहा जाता है आई है जान के साथ जाएगी जनाजे के साथ।
इ से प्रमुख हिन्दी कहावतें
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कहावत– इतना खाएँ जितना पचे
इस कहावत का अर्थ– सीमा के अन्दर कार्य करना चाहिए।
इस कहावत का प्रयोग– तुम सभी लोगों से पैसे उधार लेते रहते हो और खर्च कर देते हो। इससे तो तुम कर्ज में डूब जाओगे। सच है, इतना खाएँ जितना पचे।
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कहावत– इस हाथ दे उस हाथ ले
इस कहावत का अर्थ– कर्म का फल शीघ्र मिलता है।
इस कहावत का प्रयोग– दूसरों का सम्मान करने से स्वयं को सम्मान मिलता है, ठीक ही है-इस हाथ दे उस हाथ ले।
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कहावत– इसके पेट में दाढ़ी है
इस कहावत का अर्थ– उम्र कम बुद्धि अधिक।
इस कहावत का प्रयोग– अक्षित की बात क्या करनी उसके तो पेट में दाढ़ी है।
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कहावत– इधर न उधर, यह बला किधर
इस कहावत का अर्थ– अचानक विपत्ति आ जाना। गाड़ी से अलीगढ़ जा रहे थे कि रास्ते में जाम लगा पाया और लोगों ने घेर लिया, तब पिताजी को कहना पड़ा-इधर न उधर, यह बला किधर।।
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कहावत– इमली के पात पर दण्ड पेलना
इस कहावत का अर्थ– सीमित साधनों से बड़ा कार्य करने का
इस कहावत का प्रयोग– प्रयास करना। लाला जी को कोई जानता नहीं और सांसद बनने के लिए खड़े हो रहे हैं। वे नहीं जानते कि इमली के पात पर दण्ड पेल रहे हैं।
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कहावत– इन तिलों में तेल नहीं
इस कहावत का अर्थ– किसी भी लाभ की सम्भावना न होना।
इस कहावत का प्रयोग– मैं जानता था इन तिलों में तेल नहीं है, इसलिए मैंने तुमसे उधार नहीं लिया और बाज़ार से लेकर काम चला रहा हूँ।
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कहावत– इधर कुआँ उधर खाई
इस कहावत का अर्थ– हर तरफ़ मुसीबत।
इस कहावत का प्रयोग– मुशर्रफ आतंकवाद को समाप्त करे तो कट्टरपंथी चैन न लेने दे और न करे तो अमेरिका। सच है मुशर्रफ के लिए तो इधर कुआँ उधर खाई।
ई से प्रसिद्ध हिन्दी कहावतें
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कहावत– ईंट की देवी माँगे का प्रसाद
इस कहावत का अर्थ– जैसा व्यक्ति वैसी आवभगत।
इस कहावत का प्रयोग– इंग्लैण्ड में जैसा स्वागत मोदी जी का हुआ किसी अन्य का नहीं। सच है ईंट की देवी, माँगे का प्रसाद।
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कहावत– ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया
इस कहावत का अर्थ– संसार में कहीं दुःख है कहीं सुख है।
इस कहावत का प्रयोग– किसी घर घी दूध की बहार है और किसी घर सूखी रोटी भी नहीं है, ठीक ही कहा गया है-ईश्वर की माया कहीं धूप कहीं छाया।
उ से शुरू होने वाली हिन्दी कहावतें
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कहावत– उसी की जूती उसी का सिर
इस कहावत का अर्थ– जिसकी करनी उसी को फल मिलता है।
इस कहावत का प्रयोग– शर्मा जी मुझे प्रधानाचार्य से कहकर आठवीं कक्षा दिलाना चाहते थे, लेकिन प्रधानाचार्य ने उन्हें ही आठवीं कक्षा दे दी। इसे कहते हैं उसी की जूती उसी का सिर।
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कहावत– उगले तो अंधा, खाए तो कोढ़ी
इस कहावत का अर्थ– दुविधा में पड़ना।
इस कहावत का प्रयोग– बीमारी में दफ़्तर जाओ तो बीमारी बढ़ने का भय, ना जाओ तो छुट्टी होने का भय। सच है उगले तो अंधा, खाए तो कोढ़ी।
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कहावत– उल्टे बाँस बरेली को
इस कहावत का अर्थ– विपरीत कार्य करना।
इस कहावत का प्रयोग– किशोर गाँव जाते वक्त शहर से शुद्ध देसी घी लेकर गाँव पहुँचा तो पिताजी ने कहा, भई वाह तुम तो उल्टे बाँस बरेली को ले आए।
ऊ से हिन्दी की कहावतें
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कहावत– ऊँट किस करवट बैठता है
इस कहावत का अर्थ– न जाने भविष्य में क्या होगा।
इस कहावत का प्रयोग– आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस या भाजपा में कौन जीतेगा, देखते हैं ऊँट किस करवट बैठता है।
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कहावत– ऊधौ का लेन न माधौ का देन
इस कहावत का अर्थ– किसी से कोई वास्ता न रखना।
इस कहावत का प्रयोग– मेरा क्या है रिटायरमेन्ट के पश्चात् मौज का जीवन गुजारूँगा, न ऊधौ का लेन न माधौ का देन।
ए से हिन्दी में कहावतें
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कहावत– एक अनार सौ बीमार
इस कहावत का अर्थ– एक ही वस्तु के अनेक आकांक्षी।
इस कहावत का प्रयोग– लोकसभा चुनाव में टिकट एक प्रत्याशी को मिलना है लेकिन टिकट माँगने वाले अनेक हैं। यहाँ तो एक अनार सौ बीमार वाली कहावत चरितार्थ हो रही है।
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कहावत– एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा
इस कहावत का अर्थ– दोहरा कटुत्व।
इस कहावत का प्रयोग– सुधा एक तो पढ़ने में कमज़ोर है और दूसरे शिक्षकों के प्रति उसका व्यवहार ठीक नहीं है, ऐसे लोगों के लिए कहा गया है-एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा।
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कहावत– एक सड़ी मछली सारे तालाब को गन्दा कर देती है
इस कहावत का अर्थ– अच्छे समाज को एक बुरा व्यक्ति कलंकित कर देता है।
इस कहावत का प्रयोग– सेठ जी के परिवार में एक लड़का डकैत निकल गया, जिससे पूरा परिवार बदनाम हो गया। ठीक ही कहा गया है, एक सड़ी मछली सारे तालाब को गन्दा कर देती है।
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कहावत– एक हाथ से ताली नहीं बजती
इस कहावत का अर्थ– झगड़े में दोनों पक्षों की गलती होती है
इस कहावत का प्रयोग– इसलिए कहा गया है-एक हाथ से ताली नहीं बजती।
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कहावत– एक पन्थ दो काज/एक ढेले से दो शिकार
इस कहावत का अर्थ– एक उपाय से दो कार्यों का होना।
इस कहावत का प्रयोग– रामू हिन्दी विषय में एम. ए. की तैयारी कर रहा था, उसने साहित्यरत्न का। भी फॉर्म भर दिया, इस प्रकार उसके एक पन्थ दो काज हो गए।
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कहावत– एक आँख से रोवे, एक आँख से हँसे
इस कहावत का अर्थ– दिखावटी रोना।
इस कहावत का प्रयोग– दादी की मृत्यु पर बुआ एक आँख से रो रही थी और एक आँख से हँस रही थी।
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कहावत– एक टकसाल के ढले हैं
इस कहावत का अर्थ– सब एक जैसे हैं।
इस कहावत का प्रयोग– फैक्ट्री के कर्मचारियों को क्या कहोगे सब एक टकसाल के ढले हैं।
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कहावत– एक मुँह दो बात
इस कहावत का अर्थ– अपनी बात से पलट जाना।
इस कहावत का प्रयोग– पहले आप कह रहे थे, मैं तुम्हें सम्पादक बनाऊँगा अब कह रहे हो उपसम्पादक बनाऊँगा। ये तो आप एक मुँह दो बात वाली बात कर रहे हो।
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कहावत– एक और एक ग्यारह होते हैं
इस कहावत का अर्थ– एकता में बल है।
इस कहावत का प्रयोग– हमें मिलकर रहना चाहिए अन्यथा लोग लाभ उठा लेंगे। कहावत भी है-एक और एक ग्यारह होते हैं।
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कहावत– ऐसे बूढ़े बैल को कौन बाँध भुस देय
इस कहावत का अर्थ– बूढ़ा और बेकार आदमी दूसरे पर बोझ हो जाता है।
इस कहावत का प्रयोग– भटनागर साहब बूढ़े हो गए और ठीक से कार्य नहीं कर पाते थे। अत: सेठ ने उन्हें नौकरी से निकाल दिया। सच है ऐसे बूढ़े बैल को कौन बाँध भुस देय।
ओ से प्रमुख कहावतें
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कहावत– ओखली में सर दिया तो मूसलों से क्या डरना
इस कहावत का अर्थ– जब कार्य करना ही है तो आने वाली कठिनाइयों से नहीं डरना चाहिए।
इस कहावत का प्रयोग– टेस्ट क्रिकेट प्लेयर बनना चाहते हो तो छोटी-मोटी चोट से मत घबराओ। कहावत भी है ओखली में सर दिया तो मूसलों से क्या डरना।
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कहावत– ओछे की प्रीति बालू की भीति
इस कहावत का अर्थ– दुष्ट व्यक्तियों की मित्रता क्षणिक होती है
इस कहावत का प्रयोग– कृष्ण के आड़े वक्त में सोनू ने उसकी मदद नहीं की, बल्कि उसे हानि पहुँचाने का प्रयास किया। जबकि दोनों में मित्रता थी। सच है ओछे की प्रीति बालू की भीति।
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कहावत– ओस चाटे प्यास नहीं बुझती
इस कहावत का अर्थ– बहुत कम वस्तु से आवश्यकता की पूर्ति नहीं होती।
इस कहावत का प्रयोग– शिवकुमार ने सेठ जी से लड़की के ब्याह हेतु 50. हजार रुपये माँगे, लेकिन सेठ जी ने दो हजार रुपये देने की बात कही, इस पर शिवकुमार बोला, “सेठ जी, ओस चाटे प्यास नहीं बुझती।”
क से शुप्रसिद्ध हिन्दी की कहावतें
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कहावत– कबीरदास की उल्टी बानी, बरसे कम्बल भीगे पानी
इस कहावत का अर्थ– उल्टी बात कहना।
इस कहावत का प्रयोग– जब भी तुमसे कोई बात कही जाती है तो तुम कबीरदास की उल्टी बानी, बरसे कम्बल भीगे पानी वाली कहावत चरितार्थ कर देते हो।
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कहावत– कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमति ने कुनबा जोड़ा
इस कहावत का अर्थ– इधर-उधर की सामग्री एकत्र करके कोई रचना करना।
इस कहावत का प्रयोग– आजकल लोग इधर-उधर की पुस्तकों से सामग्री लेकर पी. एच. डी. कर लेते हैं, ठीक ही कहा गया है-कहीं की ईंट कहीं का रोड़ा, भानुमति ने कुनबा जोड़ा।
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कहावत– कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली
इस कहावत का अर्थ– अत्यधिक अन्तर।
इस कहावत का प्रयोग– बृहस्पति तो एक धनी बाप का पुत्र है और तुम एक मजदूर के बेटे हो, उसकी बराबरी कैसे करोगे? कहाँ राजा भोज कहाँ गंगू तेली।
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कहावत– काठ की हाण्डी बार-बार नहीं चढ़ती
इस कहावत का अर्थ– अन्याय बार-बार नहीं चलता।
इस कहावत का प्रयोग– महेश बिना टिकट यात्रा के अपराध में पकड़ा ही गया, ठीक ही कहा गया है काठ की हाण्डी बार-बार नहीं चढ़ती
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कहावत– कर सेवा खा मेवा
इस कहावत का अर्थ– अच्छे कार्य का फल अच्छा मिलता है।
इस कहावत का प्रयोग– सुनील ने अजय से कहा, “मेहनत से प्रकाशन में कार्य करो तरक्की पा जाओगे’ कहावत सच है कर सेवा खा मेवा।
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कहावत– कभी घना-घना, कभी मुट्ठी भर चना, कभी वह भी मना
इस कहावत का अर्थ– जो मिले उसी में सन्तुष्ट रहना चाहिए।
इस कहावत का प्रयोग– तुम्हें जो काम मिले उतने में ही सन्तुष्ट रहते हो। तुम्हारे लिए कहावत सच है कभी घना-घना, कभी मुट्ठी भर चना, कभी वह भी मना।
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कहावत– कब्र में पाँव लटकाए बैठा है
इस कहावत का अर्थ– मरने वाला है।
इस कहावत का प्रयोग– वो कब्र में पाँव लटकाए बैठे हैं, लेकिन मजाक भद्दी करते हैं।
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कहावत– कमली ओढ़ने से फकीर नहीं होता
इस कहावत का अर्थ– ऊपरी वेशभूषा से किसी के अवगुण नहीं छिप जाते।
इस कहावत का प्रयोग– विवेक साइकिल चोर है लेकिन सूट-बूट में रहता है। लोग उसे जानते हैं इसलिए उससे कतराते हैं। सच है कमली ओढ़ने से फकीर नहीं होता।
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कहावत– कोयला होय न उजला सौ मन साबुन धोय
इस कहावत का अर्थ– दुष्ट व्यक्ति की प्रकृति
इस कहावत का प्रयोग– में कोई परिवर्तन नहीं होता उसे चाहे कितनी ही सीख दी जाए। संजय को मैंने बहुत समझाया कि शराब और जुआ छोड़ दे पर वह नहीं माना। सच है कोयला होय न उजला सौ मन साबुन धोय।
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कहावत– कुत्ते भौंकते रहते हैं और हाथी चलता जाता है
इस कहावत का अर्थ– महान् व्यक्ति छोटी-सी नुक्ता-चीनी पर ध्यान नहीं देता है।
इस कहावत का प्रयोग– साधु महाराज पर सड़क पर गुजरते समय कुछ लोग छींटाकशी कर रहे थे, लेकिन वे निरन्तर बढ़ते जा रहे। वहाँ ये कहावत चरितार्थ हो रही थी कुत्ते भौंकते रहते हैं और हाथी चलता जाता है।
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कहावत– काम का ना काज का दुश्मन अनाज का
इस कहावत का अर्थ– निकम्मा व्यक्ति।
इस कहावत का प्रयोग– वह 30 वर्ष का हो गया, बेरोज़गार है। अतः सभी उसे कहते हैं काम का ना काज का दुश्मन अनाज का।
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कहावत– कोठी वाला रोवे छप्पर वाला सोवै
इस कहावत का अर्थ– अधिक धन चिन्ता का कारण होता है।
इस कहावत का प्रयोग– सेठ रामलाल सारी रात जागते रहते हैं, चोरों के भय से उन्हें नींद नहीं आती। सच है कोठी वाला रोवे छप्पर वाला सोवे।
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कहावत– कहे खेत की, सुने खलिहान की
इस कहावत का अर्थ– कहा कुछ गया और समझा कुछ गया।
इस कहावत का प्रयोग– तुम भी बिल्कुल नमूने हो, कहे खेत की, सुनते हो खलिहान की।
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कहावत– काम को काम सिखाता है
इस कहावत का अर्थ– काम करते-करते आदमी होशियार हो जाता है।
इस कहावत का प्रयोग– जब दिनेश इस प्रकाशन में आया था प्रूफ रीडिंग से अनजान था, लेकिन काम को काम सिखाता है, आज वह ट्रेंड प्रूफ रीडर हो गया।
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कहावत– कहने से कुम्हार गधे पर नहीं चढ़ता
इस कहावत का अर्थ– हठी पुरुष समझाने से दूसरों का कहना नहीं मानता।
इस कहावत का प्रयोग– लड़की के सगे सम्बन्धियों ने लड़के के पिता से खाना खाने का अनुरोध किया लेकिन नहीं माना तब लड़के के ताऊ ने कहा, कहने से कुम्हार गधे पर नहीं चढ़ता।
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कहावत– कोऊ नृप होय हमें का हानी
इस कहावत का अर्थ– किसी के पद, धन या अधिकार मिलने से हम पर कोई प्रभाव नहीं होता।
इस कहावत का प्रयोग– कांग्रेस की सरकार आए या भाजपा की इससे हमें क्या फ़र्क पड़ता है। हमारे लिए तो कोऊ नृप होय हमें का हानि वाली कहावत चरितार्थ होती है।
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कहावत– कौआ चला हंस की चाल
इस कहावत का अर्थ– दूसरों की नकल पर चलने से असलियत नहीं छिपती तथा हानि उठानी पड़ती है।
इस कहावत का प्रयोग– छोटे से प्रेस मालिक ने बड़े प्रकाशकों की नकल करते हुए मॉडल पेपर निकाल दिए लेकिन वे नहीं बिके जिससे भारी नुकसान उठाना पड़ा। जिनके पैसे डूब गए उन्हें कहना पड़ा कौआ चला हंस की चाल।।
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कहावत– कुएँ की मिट्टी कुएँ में ही लगती है
इस कहावत का अर्थ– लाभ जहाँ से होता है, वहीं खर्च हो जाता है।
इस कहावत का प्रयोग– आशीष की नौकरी दिल्ली में लगी वहाँ पर मकान तथा अन्य खर्चे इतने अधिक हैं कि बचत नहीं हो पाती। सच है कुएँ की मिट्टी कुएँ में ही लगती है।
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कहावत– कुंजड़ा अपने बेरों को खट्टा नहीं बताता
इस कहावत का अर्थ– कोई अपने माल को खराब नहीं कहता।
इस कहावत का प्रयोग– सब्जी वाले बासी सब्जी को भी ताजी बताकर बेचते हैं। कहावत सच है कुंजड़ा अपने बेरों को खट्टा नहीं बताता।
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कहावत– कुत्ता भी दुम हिलाकर बैठता है
इस कहावत का अर्थ– सफ़ाई सबको पसन्द होती है।
इस कहावत का प्रयोग– तुम्हारी कुर्सी पर कितनी धूल जमी है। कैसे आदमी हो तुम, कुत्ता भी दुम हिलाकर बैठता है।
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कहावत– किया चाहे चाकरी राखा चाहे मान
इस कहावत का अर्थ– स्वाभिमान की रक्षा नौकरी में नहीं हो सकती।
इस कहावत का प्रयोग– सेठ ने डाँट दिया तो क्या नौकरी छोड़ दोगे, किया चाहे चाकरी राखा चाहे मान।
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कहावत– कखरी लरका गाँव गोहार
इस कहावत का अर्थ– वस्तु के पास होने पर दूर-दूर उसकी तलाश करना।
इस कहावत का प्रयोग– अच्छी संगीत पार्टी के लिए शर्मा जी दिल्ली तक गए, लेकिन मेरठ में ही कम पैसों में अच्छी संगीत पार्टी मिल गई, तब मित्र बोले कि कखरी लरका गाँव गोहार।
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कहावत– कोयले की दलाली में हाथ काले
इस कहावत का अर्थ– बुरी संगति का परिणाम बुरा होता है।
इस कहावत का प्रयोग– वह जुआरियों के लिए बीड़ी सिगरेट ला देता है। अत: एक दिन जब पुलिस ने उन्हें पकड़ा तो उसे भी हड़काया। सच है कोयले की दलाली में हाथ काले।
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कहावत– काला अक्षर भैंस बराबर
इस कहावत का अर्थ– निरक्षर व्यक्ति।
इस कहावत का प्रयोग– राजेश से पत्र लिखवाने की कह रहे हो; उसके लिए तो काला अक्षर भैंस बराबर है।
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कहावत– कानी के ब्याह को सौ जोखो
इस कहावत का अर्थ– पग-पग पर बाधाएँ।
इस कहावत का प्रयोग– लोकेश के चुगली करने पर राधा का रिश्ता टूट गया, इस पर रामकली बोली, “बड़ी मुश्किल से रिश्ता हुआ था, सच कहावत है-कानी के ब्याह को सौ जोखो।”
ख से हिन्दी में कहावतें
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कहावत– खरबूजे को देखकर खरबूजा रंग बदलता है
इस कहावत का अर्थ– किसी के व्यवहार का अनुकरण बदलना
इस कहावत का प्रयोग– जब कोई व्यक्ति अपने साथी के अनुसार आचरण करने लगता है तब यह कहावत कही जाती है।
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कहावत– खुदा गंजे को नाखून नहीं देता
इस कहावत का अर्थ– अयोग्य को अधिकार नहीं मिलता।
इस कहावत का प्रयोग– अकर्मण्य व्यक्ति को अधिकार नहीं मिल पाते हैं, क्योंकि खुदा गंजे को नाखून नहीं देता।
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कहावत– खेत खाए गदहा, मारा जाए जुलाहा
इस कहावत का अर्थ– निर्दोष को सजा मिलना
इस कहावत का प्रयोग– जब किसी व्यक्ति के अपराध पर दण्ड किसी अन्य को मिलता है तब यह कहावत चरितार्थ होती है।
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कहावत– खोदा पहाड़ निकली चुहिया
इस कहावत का अर्थ– अधिक कार्य का अत्यल्प फल।
इस कहावत का प्रयोग– भाजपा के शीर्ष नेताओं ने यू. पी. में लोकसभा चुनावों में बहुत परिश्रम किया लेकिन बहुमत नहीं ले पाई। सच में यह कहावत चरितार्थ हो गई खोदा पहाड़ निकली चुहिया।
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कहावत– खाक डाले चाँद नहीं छिपता
इस कहावत का अर्थ– अच्छे आदमी की निंदा करने से कुछ नहीं बिगड़ता।
इस कहावत का प्रयोग– महात्मा गाँधी की निंदा करना अनुचित है। खाक डाले चाँद नहीं छिपता।
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कहावत– खुदा की लाठी में आवाज़ नहीं होती
इस कहावत का अर्थ– कोई नहीं जानता कि भगवान कब, कैसे, क्यों दण्ड देता है।
इस कहावत का प्रयोग– तुम गरीबों का घोर शोषण करते हो, जानते नहीं खुदा की लाठी में आवाज नहीं होती।
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कहावत– खग ही जाने खग की भाषा
इस कहावत का अर्थ– सब अपने-अपने सम्पर्क के लोगों का हाल समझते हैं।
इस कहावत का प्रयोग– व्यापारी एक-दूसरे से इशारे ही इशारों में बात कर लेते हैं और आम इनसान कुछ नहीं समझ पाता। सच है खग ही जाने खग की भाषा।
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कहावत– खरी मजूरी चोखा काम
इस कहावत का अर्थ– पूरी मज़दूरी देने पर ही काम अच्छा होता है।
इस कहावत का प्रयोग– अच्छे फैक्ट्री मालिक खरी मजूरी चोखा काम की नीति में विश्वास करते हैं।
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कहावत– खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे
इस कहावत का अर्थ– खिसियाहट में क्रोधवश लोग अटपटा कार्य करते हैं।
इस कहावत का प्रयोग– अधिकारी से डाँट खाने के पश्चात् क्लर्क चपरासी से जाड़े में कोल्ड ड्रिंक लाने की हुज्जत करने लगा। इस पर साथी ने कहा खिसियानी बिल्ली खम्भा नोचे।
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कहावत– खुशामद से ही आमद है
इस कहावत का अर्थ– खुशामद से ही धन आता है।
इस कहावत का प्रयोग– आजकल का समय खुशामद से ही आमद का है।
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कहावत– खेती, खसम लेती है
इस कहावत का अर्थ– कोई काम अपने हाथ से करने पर ही ठीक होता है।
इस कहावत का प्रयोग– रोज घर जल्दी चले आते हो, ऐसे तो व्यापार ठप्प हो जाएगा। जानते हो खेती, खसम लेती है।
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कहावत– खूटे के बल बछड़ा कूदे
इस कहावत का अर्थ– किसी की शह पाकर ही आदमी अकड़ दिखाता है।
इस कहावत का प्रयोग– मैं जानता हूँ तुम किस खूटे के बल कूद रहे हो, मैं उसे भी देख लूँगा।
ग से प्रसिद्ध हिन्दी कहावतें
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कहावत– गुड़ खाए गुलगुलों से परहेज
इस कहावत का अर्थ– बनावटी त्याग।
इस कहावत का प्रयोग– स्वामी जी प्याज नहीं खाते, परन्तु प्याज की पकौड़ियाँ खाँ लेते हैं, ऐसे ही लोगों के लिए कहा गया है—गुड़ खाए गुलगुलों से परहेज।
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कहावत– गंगा गए गंगादास जमुना गए जमुनादास
इस कहावत का अर्थ– जो व्यक्ति सामने आए उसकी प्रशंसा करना।
इस कहावत का प्रयोग– कुछ लोगों की आदत होती है कि उनके सामने जो व्यक्ति आता है उसी की प्रशंसा करने लगते हैं, ऐसे लोगों के लिए ही कहा जाता है-गंगा गए गंगादास, जमुना गए जमुनादास।
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कहावत– गाँठ का पूरा आँख का अंधा
इस कहावत का अर्थ– पैसे वाला तो है पर है मुर्ख।
इस कहावत का प्रयोग– आज के युग में गाँठ का पूरा आँख का अंधे की तलाश किसे नहीं है।
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कहावत– गवाह चुस्त मुद्दई सुस्त
इस कहावत का अर्थ– जिसका काम है वो आलस्य में रहे और दूसरे फुर्ती दिखाएँ।
इस कहावत का प्रयोग– मास्टर जी तुम्हें पास कराने के लिए पूरी मेहनत कर रहे हैं और तुम बिल्कुल भी पढ़ने में मन नहीं लगा रहे, ये तो गवाह चुस्त मुद्दई सुस्त वाली बात हो गई।
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कहावत– गोदी में बैठकर दाढ़ी नोचे
इस कहावत का अर्थ– भला करने वाले के साथ दुष्टता करना।
इस कहावत का प्रयोग– आजकल बहुत बुरा समय आ गया है। लोग गोदी में बैठकर दाढ़ी नोचते हैं।
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कहावत– गए रोज़े छुड़ाने नमाज़ गले पड़ी
इस कहावत का अर्थ– अपनी मुसीबत से पीछा छुड़ाने
इस कहावत का प्रयोग– की इच्छा से प्रयत्न करते-करते नई विपत्ति का आ जाना।। शर्मा जी मेहमान आने के भय से घूमने गए। वहाँ उनके समधी मिल गए और उनका स्वागत करना पड़ा। गए रोज़े छुड़ाने नमाज़ गले पड़ी।
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कहावत– गधा धोने से बछड़ा नहीं हो जाता है
इस कहावत का अर्थ– किसी भी उपाय से स्वभाव नहीं बदलता।
इस कहावत का प्रयोग– उससे तुम्हारा विवाह नहीं हुआ अच्छा हुआ। वो तो बहुत अहंकारी औरत है। कहावत है गधा धोने से बछड़ा नहीं हो जाता।
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कहावत– गीदड़ की शामत आए तो गाँव की ओर भागे
इस कहावत का अर्थ– विपत्ति में बुद्धि काम नहीं करती।
इस कहावत का प्रयोग– लाला परमानन्द के यहाँ आयकर विभाग का छापा पड़ा तो उस कमरे में चल दिए जहाँ अकूत धन और कागज़ रखे हुए थे। इसे देख आयकर वाले बोले गीदड़ की शामत आए तो गाँव की ओर भागे।
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कहावत– गरजै सो बरसै नहीं
इस कहावत का अर्थ– डींग हाँकने वाले काम नहीं करते।
इस कहावत का प्रयोग– राजेश ने कहा था कि वह आई. ए. एस. बनके दिखाएगा। इस पर मित्र ने कहा, जो गरजै सो बरसै नहीं।
घ से प्रसिद्ध हिन्दी कहावतें
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कहावत– घर का भेदी लंका ढावे
इस कहावत का अर्थ– रहस्य जानने वाला बड़ा घातक होता है।
इस कहावत का प्रयोग– जयचन्द ने मुहम्मद गोरी से मिलकर घर का भेदी लंका ढावे उक्ति को चरितार्थ कर दिया।
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कहावत– घोड़ा घास से यारी करे तो खाए क्या
इस कहावत का अर्थ– व्यापार में रिश्तेदारी नहीं निभाई जाती।
इस कहावत का प्रयोग– जो जिस वस्तु का व्यापार करता है, उसमें लाभ न ले तो, उसका खर्च कैसे चले। इसीलिए कहा गया है कि घोड़ा घास से यारी करे तो खाए क्या।
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कहावत– घोड़ों को घर कितनी दूर
इस कहावत का अर्थ– पुरुषार्थी के लिए सफलता सरल है।
इस कहावत का प्रयोग– आशीष रात में कार चलाकर नैनी से लखनऊ आया तो ससुर साहब ने चिन्ता जतायी। इस पर आशीष ने कहा घोड़ों को घर कितनी दूर।
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कहावत– घोड़े को लात, आदमी को बात
इस कहावत का अर्थ– दुष्ट से कठोरता का और सज्जन से नम्रता का व्यवहार करें।
इस कहावत का प्रयोग– सुनील घोड़े को लात, आदमी को बात वाली नीति में विश्वास करता है।
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कहावत– घायल की गति घायल जाने
इस कहावत का अर्थ– जो कष्ट भोगता है वही दूसरे के कष्ट को समझ सकता है।
इस कहावत का प्रयोग– गरीब आदमी कैसे अभाव में अपना जीवन गुजारता है। यह गरीब व्यक्ति ही समझ सकता है। सच है घायल की गति घायल जाने।
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कहावत– घर का जोगी जोगना आन गाँव का सिद्ध
इस कहावत का अर्थ– किसी आदमी की प्रतिष्ठा अपने निवास स्थान पर कम होती है।
इस कहावत का प्रयोग– वह मेरठ में तो एक साधारण से प्रकाशन में था, लेकिन दिल्ली जाकर बहुत बड़े प्रकाशन में उच्च पद पर पहुँच गया है। सच है घर का जोगी जोगना आन गाँव का सिद्ध।
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कहावत– घर आए कुत्ते को भी नहीं निकालते
इस कहावत का अर्थ– घर में आने वाले का सत्कार करना चाहिए।
इस कहावत का प्रयोग– शिवानी जाओ चाय नाश्ता ले जाओ। भले ही यह व्यक्ति हमारा विरोधी है। जानती नहीं घर आए कुत्ते को भी नहीं निकालते।
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कहावत– घोड़े की दुम बढ़ेगी तो अपनी ही मक्खियाँ उड़ाएगा
इस कहावत का अर्थ– उन्नति करके आदमी अपना ही भला करता है।
इस कहावत का प्रयोग– कल तक नेताजी पर साइकिल नहीं थी। विधायक होते ही उन पर ऐश-ओ-आराम की सभी वस्तुएँ आ गईं। कहावत भी है घोड़े की दुम बढ़ेगी, तो अपनी ही मक्खियाँ उड़ाएगा।
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कहावत– घर की मुर्गी दाल बराबर
इस कहावत का अर्थ– अपने घर के गुणी व्यक्ति का सम्मान न करना।
इस कहावत का प्रयोग– जब मुझे बीरबल साहनी पुरस्कार प्रदान किया गया तब घर के लोगों में ऐसा उत्साह नहीं देखा गया, जैसा दिखना चाहिए। सच “घर की मुर्गी दाल बराबरा”।
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कहावत– घर खीर तो बाहर भी खीर
इस कहावत का अर्थ– सम्पन्नता में सर्वत्र प्रतिष्ठा मिलती है।
इस कहावत का प्रयोग– इतना जान लो कि जब तुम्हारा पेट भरा रहेगा तभी दूसरे लोग खाने के लिए पूछेगे। सच, “घर खीर तो बाहर भी खीर।”
च से प्रसिद्ध हिन्दी कहावतें
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कहावत– चमड़ी जाय पर दमड़ी न जाय
इस कहावत का अर्थ– बहुत कंजूस होना।
इस कहावत का प्रयोग– जो व्यक्ति बहुत कंजूस होते हैं उनके लिए कहा जाता है-चमड़ी जाए पर दमड़ी न जाए।
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कहावत– चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात
इस कहावत का अर्थ– अल्प समय के लिए लाभ।
इस कहावत का प्रयोग– नैनीताल के होटल वाले गर्मी में पर्यटकों से अधिक से अधिक पैसा कमाने का प्रयास करते हैं, क्योंकि मौसम निकलने के बाद ऐसा अवसर कहाँ? ठीक ही कहा गया है-चार दिन की चाँदनी फिर अँधेरी रात।
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कहावत– चोर की दाढ़ी में तिनका
इस कहावत का अर्थ– अपराधी सदा शंकित रहता है।
इस कहावत का प्रयोग– एक दरोगा जी चोरी के मामले पर विचार कर रहे थे। जिन-जिन लोगों पर शक था, वे सभी सामने खड़े थे। थोड़ी देर बाद दरोगा जी ने कहा-जो चोर है उसकी दाढ़ी में तिनका है: ह सुनकर सभी लोग ज्यों, के त्यों खड़े रहे, लेकिन जो चोर था वह अपनी दाढ़ी पर हाथ फेर कर देखने लगा कि कहीं मेरी दाढ़ी में तिनका तो नहीं है। दरोगा जी तुरन्त ताड़ गए कि कौन चोर है। यह कहावत इसी कथा से निकली हुई प्रतीत होती है।
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कहावत– चौबे गए छब्बे बनने, दूबे बनकर आए
इस कहावत का अर्थ– लाभ के बदले हानि।
इस कहावत का प्रयोग– जब कोई व्यक्ति लाभ की आशा से कोई कार्य करता है और उसमें हानि हो जाती है, तब यह कहावत चरितार्थ होती है।
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कहावत– चोर के पैर नहीं होते
इस कहावत का अर्थ– अपराधी अशक्त होता है।
इस कहावत का प्रयोग– जब पुलिस ने कड़ाई से रविन्द्र से पूछताछ की तो उसने स्वीकार कर लिया कि उसने ही चोरी की है। सच कहावत है चोर के पैर नहीं होते।
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कहावत– चिकने घड़े पर पानी नहीं ठहरता
इस कहावत का अर्थ– निर्लज्ज पर उपदेशों का असर नहीं पड़ता।
इस कहावत का प्रयोग– गिरीश मोहन को चाहे कितना समझा लो, डांट लो, शर्मिन्दा कर लो; लेकिन उस पर कोई असर नहीं होता है। चिकने घड़े पर पानी नहीं ठहरता कहावत उस पर चरितार्थ होती है।
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कहावत– चिराग में बत्ती और आँख में पट्टी
इस कहावत का अर्थ– शाम होते ही सोने लगना।
इस कहावत का प्रयोग– अब राज के घर जाना बेकार है वह तो चिराग में बत्ती और आँख में पट्टी वालों में है।
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कहावत– चूहों की मौत बिल्ली का खेल
इस कहावत का अर्थ– किसी को कष्ट देकर मौज़ करना।
इस कहावत का प्रयोग– कालाबाज़ारियों को अधिक से अधिक लाभ से मतलब है चाहे कितने ही लोग भूख से मर जाएँ। कहावत है चूहों की मौत बिल्ली का खेला,
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कहावत– चींटी की मौत आती है तो पर निकलते हैं
इस कहावत का अर्थ– घमण्ड करने से नाश होता है
इस कहावत का प्रयोग– सुबोध तुम्हें घमण्ड हो गया। यह मत भूलो चींटी की मौत आती है तो पर निकलते हैं।
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कहावत– चूहे का बच्चा बिल खोदता है
इस कहावत का अर्थ– जाति स्वभाव में परिवर्तन नहीं होता।
इस कहावत का प्रयोग– बबलू लकड़ी का मकान बनाता है, उसके पिता बिल्डर हैं। सच है चूहे का बच्चा बिल खोदता है।
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कहावत– चोरी और सीना जोरी
इस कहावत का अर्थ– दोषी भी हो घुड़की भी दे।
इस कहावत का प्रयोग– पहले जैन साहब से दस हजार रुपए उधार ले गए, माँगने पर कहते हो दिए ही नहीं। पुलिस में रिपोर्ट कर दूंगा कि तुम कालाबाजारी करते हो। तुम्हारी नीति सही है चोरी और सीना जोरी।
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कहावत– चोर-चोर मौसरे भाई
इस कहावत का अर्थ– एक पेशे वाले आपस में नाता जोड़ लेते हैं।
इस कहावत का प्रयोग– यदि आज किसी विभाग के सरकारी कर्मचारी, भ्रष्ट व्यापारी और उद्योगपति के छापा मारते हैं, तो वे सब एक होकर उसका विरोध करने लगते हैं। सच है चोर-चोर मौसरे भाई।
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कहावत– चुपड़ी और दो-दो
इस कहावत का अर्थ– अच्छी चीज और वह भी बहुतायत में।
इस कहावत का प्रयोग– राज का पी. सी. एस. में चयन हो गया और उसे पोस्टिंग भी मुज़फ़्फ़रनगर में मिल गई। यही तो है चुपड़ी और दो-दो।
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कहावत– चोरी का माल मोरी में
इस कहावत का अर्थ– गलत ढंग से कमाया धन यों ही बर्बाद होता है।
इस कहावत का प्रयोग– परचून की दुकान वाले ने मिलावट करके लाखों रुपया कमाया लेकिन कुछ पैसा बीमारी में लग गया बाकी चोर चोरी करके चले गए, तब पड़ोसी बोले चोरी का माल मोरी में।
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कहावत– छछुन्दर के सिर पर चमेली का तेल
इस कहावत का अर्थ– किसी व्यक्ति को ऐसी वस्तु की प्राप्ति हो, जिनके लिए वह सर्वथा अयोग्य हो।
इस कहावत का प्रयोग– उसे हिन्दी भाषा का तनिक भी जान नहीं था, किन्तु वह हिन्दी विषय का प्रवक्ता बन गया। यह तो, “छछुन्दर के सिर पर चमेली का तेल” के समान है।
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कहावत– छोटा मुँह बड़ी बात
इस कहावत का अर्थ– छोटे लोगों का बढ़-चढ़कर बोलना।
इस कहावत का प्रयोग– राकेश सामान्य-सा चपरासी है, किन्तु अपने अधिकारियों से ऐसे रौब झाड़ते हुए बात करता है, जैसे- “छोटा- मुँह बड़ी बात।”
ज से हिन्दी की कहावतें
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कहावत– जल में रहकर मगर से बैर
इस कहावत का अर्थ– बड़ों से शत्रुता नहीं चलती।
इस कहावत का प्रयोग– उमेश तुमने अपने अधिकारी से बिगाड़ क्यों की? जल में रहकर मगर से बैर नहीं चलेगा।
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कहावत– जब तक साँस तब तक आस
इस कहावत का अर्थ– आशा जीवनपर्यन्त बनी रहती है।
इस कहावत का प्रयोग– डॉक्टर को बुलाकर दिखा दीजिए जब तक साँस तब तक आस।
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कहावत– जहाँ न जाए रवि वहाँ जाए कवि
इस कहावत का अर्थ– कवि की कल्पना अनन्त होती है।
इस कहावत का प्रयोग– कालिदास और भवभूति जैसे कवियों की रचनाओं को पढ़कर कहा जा सकता है-जहाँ न जाए रवि वहाँ जाए कवि।
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कहावत– जान है तो जहान है
इस कहावत का अर्थ– जीवन ही सब कुछ है।
इस कहावत का प्रयोग– कथा है-किसी गाँव के तालाब में एक सियार डूब रहा था। गाँव के लोग उसे देख रहे थे। डूबता सियार चिल्लाने लगा, अरे बचाओ ! सारा जहान डूबा जा रहा है। गाँव वालों ने सोचा सियार शगुनी जानवर होता है, अवश्य ही कोई विशेष बात कह रहा होगा। ऐसा सोचकर गाँव वालों ने उसे पानी से निकाला और जहान डूबने की बात पूछी। सियार ने उत्तर दिया-जब मैं डूबा जा रहा था तो मेरे लिए सारा जहान डूबा जा रहा था। जान है तो जहान है, जान नहीं तो जहान नहीं। तभी से यह कहावत चल पड़ी-जान है तो जहान है।
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कहावत– जिसकी लाठी उसकी भैंस
इस कहावत का अर्थ– बाहुबलियों का बोल-बाला।
इस कहावत का प्रयोग– आजकल नेतागण गुण्डागर्दी के बलबूते चुनाव जीतकर जिसकी लाठी उसकी भैंस कहावत को चरितार्थ करते हैं।
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कहावत– जहँ-जहँ पाँव पड़े सन्तन के तहँ-तहँ होवै बन्टाधार
इस कहावत का अर्थ– मनहूस आदमी हर काम को बनाने के बजाय उसमें विघ्न ही डालता है।
इस कहावत का प्रयोग– उसे शादी में लाइट की व्यवस्था का जिम्मा मत सौंपना उस पर तो जहँ-जहँ पाँव पड़े सन्तन के तहँ-तहँ बन्टाधार कहावत चरितार्थ होती है।
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कहावत– जहाँ देखे तवा परात वहाँ गाए सारी रात
इस कहावत का अर्थ– लालच में कोई काम करना।
इस कहावत का प्रयोग– पूँजीवादी व्यवस्था में बहुत से बेरोज़गार जहाँ देखे तवा परात वहाँ गाए सारी रात वाली नीति पर चलने लगे हैं।
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कहावत– जाकै पैर न फटे बिवाई वह क्या जाने पीर पराई
इस कहावत का अर्थ– स्वयं दुःख भोगे बिना दूसरे के दर्द का एहसास नहीं होता।
इस कहावत का प्रयोग– वो गरीब है इसलिए तुम उसका मज़ाक उड़ा रहे हो कि उसके जूते फटे हैं। सच कहावत है जाकै पैर न फटे बिवाई वह क्या जाने पीर पराई।
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कहावत– जहाँ मुर्गा नहीं होता क्या सवेरा नहीं होता
इस कहावत का अर्थ– किसी एक की वजह से संसार का काम नहीं रुकता।
इस कहावत का प्रयोग– तुम यदि प्रकाशन से चले गए तो प्रकाशन क्या बन्द हो जाएगा। कहावत नहीं सुनी जहाँ मुर्गा नहीं होता तो क्या सवेरा नहीं होता।
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कहावत– जाय लाख रहे साख
इस कहावत का अर्थ– इज्जत रहनी चाहिए व्यय कुछ भी हो जाए।
इस कहावत का प्रयोग– मेरा तो एक सूत्रीय सिद्धान्त में विश्वास है जाय लाख रहे साख।
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कहावत– जान बची लाखो पाए
इस कहावत का अर्थ– किसी झंझट से मुक्ति।
इस कहावत का प्रयोग– दंगे में शर्मा जी फँस गए। किसी तरह पुलिस की मदद से निकले तो कहने लगे जान बची लाखो पाए।
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कहावत– जान मारे बनिया पहचान मारे चोर
इस कहावत का अर्थ– बनिया और चोर जान पहचान वाले को ही ज़्यादा ठगते हैं।
इस कहावत का प्रयोग– बनिये ने इस महीने मुझसे सामान में दो सौ रुपए अधिक ले लिए, जबकि वो हमें अच्छी तरह जानता है। इस पर मैडम बोली जानते नहीं जान मारे बनिया पहचान मारे चोर।
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कहावत– जिन ढूंढा तिन पाइया गहरे पानी पैठ
इस कहावत का अर्थ– संकल्पी व्यक्ति सब प्राप्त कर लेते हैं
इस कहावत का प्रयोग– जो संकल्पशील होते हैं, वे कठिन परिश्रम करके अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेते हैं।
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कहावत– जस दूल्हा तस बनी बरात
इस कहावत का अर्थ– जैसा मुखिया वैसे ही अन्य साथी।
इस कहावत का प्रयोग– जैसे बिजली विभाग का इंजीनियर भ्रष्ट है वैसे ही उसके कार्यालय के अन्य कर्मचारी भ्रष्ट हैं। कहावत सच है, जस दूल्हा तस बनी बरात।
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कहावत– जैसे साँपनाथ वैसे नागनाथ
इस कहावत का अर्थ– दोनों एक समान।
इस कहावत का प्रयोग– मायावती भाजपा और कांग्रेस को जैसे साँपनाथ वैसे नागनाथ कहती हैं।
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कहावत– जीभ जली और स्वाद भी कुछ न आया
इस कहावत का अर्थ– बदनामी भी हुई और लाभ भी नहीं मिला।
इस कहावत का प्रयोग– तुमने उस लड़की से प्यार किया उसने धोखा दिया और किसी और से शादी कर ली। तुमने तो जीभ जली और स्वाद भी कुछ न आया वाली कहावत चरितार्थ कर दी।
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कहावत– जहाँ जाय भूखा वहाँ पड़े सूखा
इस कहावत का अर्थ– दुःखी कहीं भी आराम नहीं पा सकता।
इस कहावत का प्रयोग– गरीबी से तंग आकर विराट भाई के पास रहने के लिए चला गया पर वहाँ पता लगा कि कुछ दिन पहले घर चोरी हो गई। वह सोचने लगा-जहाँ जाए भूखा वहाँ पड़े सूखा।
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कहावत– जड़ काटते जाना और पानी देते रहना
इस कहावत का अर्थ– ऊपर से प्रेम दिखाना, अप्रत्यक्ष में हानि पहुँचाते रहना।
इस कहावत का प्रयोग– प्रशान्त जब मुझसे मिलता है हँसकर प्रेम से बात करता है लेकिन पीछे भाई साहब से मेरी बुराई करता है। जब मुझे पता चला तो मैंने उससे कहा कि तुम जड़ काटते हो ऊपर से पानी देते हो।
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कहावत– जितने मुँह उतनी बातें-
इस कहावत का अर्थ– एक ही बात पर भिन्न-भिन्न कथन।
इस कहावत का प्रयोग– तुम अपने काम में ध्यान लगाओ। लोगों का काम तो कहना है जितने मुँह उतनी बातें।
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कहावत– जो हाँडी में होगा वह थाली में आएगा
इस कहावत का अर्थ– जो मन में है वह प्रकट होगा ही।
इस कहावत का प्रयोग– मित्रता का दम भरने वाला प्रशान्त जब भाई के सामने ज़हर उगलने लगा तो मैंने कहा-जो हाँडी में होगा वह थाली में आएगा, आखिर तुम्हारी असलियत पता चल ही गई।
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कहावत– जैसा करोगे वैसा भरोगे
इस कहावत का अर्थ– अपनी करनी का फल मिलता है।
इस कहावत का प्रयोग– निर्दोष लोगों की हत्या करने वालों को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। कहावत सच है जैसा करोगे वैसा भरोगे।
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कहावत– जैसा मुँह वैसा थप्पड़
इस कहावत का अर्थ– जो जिसके योग्य हो उसे वही मिलता है।
इस कहावत का प्रयोग– शादी में मौसी और मामी को मम्मी ने बढ़िया साड़ियाँ दी जबकि बुआओं को साधारण साड़ी दी। कहावत सच है जैसा मुँह वैसा थप्पड़।
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कहावत– जैसे कन्ता घर रहे वैसे रहे परदेश
इस कहावत का अर्थ– निकम्मा आदमी घर में हो या बाहर कोई अन्तर नहीं।
इस कहावत का प्रयोग– पहले नवनीत घर पर रहता था तो भी कुछ नहीं कमाता था, जब दिल्ली गया तो दोस्त के घर पर उसके टुकड़ों पर रहने लगा। जैसे कन्ता घर रहे वैसे रहे परदेश।
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कहावत– जितना गुड़ डालो, उतना ही मीठा
इस कहावत का अर्थ– जितना खर्च करोगे वस्तु उतनी ही अच्छी मिलेगी।
इस कहावत का प्रयोग– आप ₹ 200 में सिल्क की शानदार साड़ी माँग रही हो। इतने में तो साधारण साड़ी आएगी। बहन जी जितना गुड़ डालोगी, उतना ही मीठा होगा।
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कहावत– जिस थाली में खाना उसी में छेद करना
इस कहावत का अर्थ– जो उपकार करे उसका अहित करना।
इस कहावत का प्रयोग– मुझ पर ऐसा इल्ज़ाम लगाना तुम्हें शोभा नहीं देता। मैं जिस थाली में खाता हूँ उसी में छेद नहीं करता।
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कहावत– जिसका खाइये उसका गाइये
इस कहावत का अर्थ– जिससे लाभ हो उसी का पक्ष लें।
इस कहावत का प्रयोग– आजकल लोग इतने समझदार हो गए हैं कि जिसका खाते हैं उसका गाते हैं।
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कहावत– जिसका काम उसी को साजै
इस कहावत का अर्थ– जो काम जिसका है वही उसे ठीक तरह से कर सकता है।
इस कहावत का प्रयोग– एक दिन शिवानी बिजली का प्लग सही करने लगी तो वह रहा सहा भी खराब हो गया। इस पर मैंने कहा जिसका काम उसी को साजै।
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कहावत– जितनी चादर, उतने पैर पसारो
इस कहावत का अर्थ– अपनी आमदनी के हिसाब से खर्च करो।
इस कहावत का प्रयोग– सुबोध एक ही सप्ताह में सारी तनख्वाह खर्च कर देता है फिर लोगों से उधार लेता रहता है। एक दिन साहब ने कहा सुबोध जितनी चादर हो उतने पैर पसारने चाहिए।
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कहावत– ज्यों-ज्यों भीजे कामरी त्यों-त्यों भारी होय
इस कहावत का अर्थ– जैसे-जैसे समय बीतता है जिम्मेदारियाँ बढ़ती जाती हैं।
इस कहावत का प्रयोग– राजीव के एक बच्चा हो जाने के पश्चात् उसकी जिम्मेदारियाँ बढ़ गई हैं। कहावत है ज्यों-ज्यों भीजे कामरी त्यों-त्यों भारी होय।
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कहावत– जैसा देश वैसा भेष
इस कहावत का अर्थ– किसी स्थान का पहनावा, उस क्षेत्र विशेष के अनुरूप होता है।
इस कहावत का प्रयोग– जब मैं घर से बाहर शहर जाता हूँ, तो पैंट-शर्ट पहनता हूँ और जब गाँव में रहता हूँ तो कुर्ता-पायजामा पहनता हूँ, सच है जैसा देश वैसा भेष।
झ से हिन्दी की कहावतें
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कहावत– झूठ के पाँव नहीं होते
इस कहावत का अर्थ– झूठ बोलने वाला एक बात पर नहीं टिकता।
इस कहावत का प्रयोग– न्यायालय में पैरवी के दौरान एक ही गवाह के तरह-तरह के बयान से न्यायाधीश बौखला गया। वह समझ गया था, “झूठ के पाँव नहीं होते।”
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कहावत– झोंपड़ी में रह, महलों का ख़्वाब देखें
इस कहावत का अर्थ– सामर्थ्य से बढ़कर चाह रखना
इस कहावत का प्रयोग– झोपड़ी में रह, महलों का ख़्वाब देखें कहावत उन लोगों पर सटीक बैठती है, जो पूरी तरह से अर्थाभाव में जीते हैं, किन्तु मालदार सेठ बनने का ख़्वाब देखते हैं।
ट से हिन्दी की कहावतें
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कहावत– टके की मुर्गी नौ टके महसूल
इस कहावत का अर्थ– कम कीमती वस्तु अधिक मूल्य पर देना।
इस कहावत का प्रयोग– जब किसी वस्तु के मूल्य से अधिक उस पर खर्च हो जाता है, तब यह कहावत कही जाती है।
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कहावत– टके का सब खेल
इस कहावत का अर्थ– धन-दौलत से ही सब कार्य सिद्ध होते हैं।
इस कहावत का प्रयोग– आज के युग में जो चाहो, पैसा देकर हथिया लिया जा सकता है, क्योंकि भ्रष्टाचार के ज़माने में ‘टके का सब खेल’ है।
ठ से हिन्दी में कहावतें
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कहावत– ठोक बजा ले चीज़, ठोक बजा दे दाम
इस कहावत का अर्थ– अच्छी वस्तु का अच्छा मूल्य।
इस कहावत का प्रयोग– यह तो बाज़ार है-यहाँ कुछ वस्तुएँ सस्ती हैं तो कुछ महँगी भी, यानि जैसी चीज़ वैसा दाम। ऐसे में तो ‘ठोक बजा ले चीज़, ठोक बजा दे दाम’ वाली कहावत चरितार्थ होती है।
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कहावत– ठोकर लगे तब आँख खुले
इस कहावत का अर्थ– कुछ गँवाकर ही अक्ल आती है।
इस कहावत का प्रयोग– तुम अपने को कितना ही समझदार कह लो, लेकिन जब तक ठोकर नहीं लगती आँख नहीं खुलती।
ड से हिन्दी में कहावतें
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कहावत– डण्डा सबका पीर
इस कहावत का अर्थ– सख्ती करने से लोग नियंत्रित होते हैं।
इस कहावत का प्रयोग– कक्षा में राहुल नाम का छात्र बहुत शरारती था, लेकिन जब से अध्यापकों ने थोड़ी सी सख़्ती क्या की, वह अनुशासन में रहता है, क्योंकि ‘डण्डा सबका पीर’ होता है।
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कहावत– डायन को दामाद प्यारा
इस कहावत का अर्थ– अपना सबको प्यारा होता है।
इस कहावत का प्रयोग– यदि तुम उस नेता के लड़के की शिकायत करोगे तो क्या वह तुम्हारी सुनेगा, क्योंकि ‘डायन को दामाद प्यारा’ होता है।
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कहावत– ढाक के तीन पात
इस कहावत का अर्थ– सदैव एक-सी स्थिति में रहने वाला।
इस कहावत का प्रयोग– वास्तव में, जो योगी होता है, उसके लिए न तो हर्ष है और न विषाद, वह तो एक ही स्थिति में रहता है ‘ढाक के तीन पात’ की तरह।
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कहावत– ढोल के भीतर पोल/ढोल में पोल
इस कहावत का अर्थ– केवल ऊपरी दिखावा।
इस कहावत का प्रयोग– कविता अंग्रेज़ी में कुछ भी बोलती रहती है, अभी उससे पूछो कि ‘सेन्टेंस’ कितने प्रकार के होते हैं ‘तब ढोल के भीतर पोल’ दिखना शुरू हो जाएगा।
त से हिन्दी में कहावतें
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कहावत– तलवार का घाव भरता है, पर बात का घाव नहीं भरता
इस कहावत का अर्थ– मर्मभेदी बात आजीवन नहीं भूलती।
इस कहावत का प्रयोग– किसी को हृदय विदारक शब्द मत कहो, क्योंकि वे आजीवन याद रहते हैं, इसीलिए कहा गया है कि तलवार का घाव भरता है, पर बात का घाव नहीं भरता।
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कहावत– तेली का तेल जले, मशालची का दिल जले
इस कहावत का अर्थ– जब कोई व्यक्ति किसी की सहायता करता है और जलन अन्य व्यक्ति को होती है।
इस कहावत का प्रयोग– लाला रामप्रसाद को रोजाना दान पुण्य करते देख पड़ोसी उन्हें पाखण्डी कहते हैं। सच है तेली का तेल जले, मशालची का दिल जले।
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कहावत– तिरिया बिन तो नर है ऐसा, राह बटोही होवे जैसा
इस कहावत का अर्थ– बिना स्त्री के पुरुष का कोई ठिकाना नहीं।
इस कहावत का प्रयोग– जब से विकास की पत्नी उसे छोड़कर गई है तब से उसकी दशा तो तिरिया बिन तो नर है ऐसा, राह बताऊ होवे जैसा वाली हो गई है।
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कहावत– तू डाल-डाल, मैं पात-पात
इस कहावत का अर्थ– एक से बढ़कर दूसरा चालाक।
इस कहावत का प्रयोग– मनोज से संजय ने ₹ 10 हजार उधार लिए। माँगने पर वह आनाकानी करता था। एक दिन मनोज उसका कम्प्यूटर उठा लाया और पैसे देने पर ही देने की बात कही। इसे कहते हैं तू डाल-डाल, मैं पात-पात।
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कहावत– तख्त या तख्ता
इस कहावत का अर्थ– शान से रहना या भूखो मरना।
इस कहावत का प्रयोग– उसकी आदत तो, तख्त या तख्ता वाली है।
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कहावत– तुम्हारे मुँह में घी-शक्कर
इस कहावत का अर्थ– तुम्हारी बात सच हो।
इस कहावत का प्रयोग– उसने मुझे लड़का होने की दुआ दी, मैंने उससे कहा तुम्हारे मुँह में घी-शक्कर।
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कहावत– तेल देखो तेल की धार देखो
इस कहावत का अर्थ– सावधानी और धैर्य से काम लो।
इस कहावत का प्रयोग– चुनाव की घोषणा होते ही तुम जीत के दावे करने लगे। पहले तेल देखो तेल की धार देखो।
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कहावत– तलवार का खेत हरा नहीं होता
इस कहावत का अर्थ– अत्याचार का फल अच्छा नहीं होता।
इस कहावत का प्रयोग– तुम जो कर रहे हो वो ठीक नहीं है, तलवार का खेत हरा नहीं होता।
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कहावत– थूक से सत्तू सानना
इस कहावत का अर्थ– कम सामग्री से काम पूरा करना।
इस कहावत का प्रयोग– इतने बड़े यज्ञ के लिए दस किलो घी तो थूक से सत्तू सानने के समान है।
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कहावत– थोथा चना बाजे घना
इस कहावत का अर्थ– अकर्मण्य अधिक बात करता है।
इस कहावत का प्रयोग– राजेश के आश्वासन की क्या आशा करना, वह तो थोथा चना बाजे घना है। आपके लिए करेगा कुछ नहीं और बातें दुनिया भर की करेगा।
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कहावत– थोड़ी पूँजी धणी को खाय
इस कहावत का अर्थ– अपर्याप्त पूँजी से व्यापार में घाटा होता है।
इस कहावत का प्रयोग– सुबोध ने गेंद बनाने की फैक्ट्री लगायी, कच्चा माल उधार लेने लगा जो महँगा मिला, इस कारण उसे घाटा उठाना पड़ा। सच है थोड़ी पूँजी धणी को खाय।
द से प्रसिद्ध कहावतें
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कहावत– दुविधा में दोनों गए माया मिली न राम
इस कहावत का अर्थ– अस्थिर-विचार वाला व्यक्ति कुछ भी नहीं कर पाता है।
इस कहावत का प्रयोग– इस वर्ष तुमने न तो बी. एड. का फार्म भरा और न एम. ए. का ही, वही हाल हुआ कि दुविधा में दोनों गए माया मिली न राम।
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कहावत– दूध का जला छाछ भी फूंक-फूंककर पीता है
इस कहावत का अर्थ– ठोकर खाने के बाद आदमी सावधान हो जाता है।
इस कहावत का प्रयोग– किसी काम में हानि हो जाने पर दूसरा काम करने में भी डर लगता है। भले ही उसमें डर की सम्भावना न हो, ठीक ही कहा गया है-दूध का जला छाछ (मट्ठा) भी फूंक-फूंककर पीता है।
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कहावत– दूर के ढोल सुहावने
इस कहावत का अर्थ– दूर से ही कुछ चीजें अच्छी लगती हैं।
इस कहावत का प्रयोग– तुम दोनों दूर-दूर रहो वरना लड़ाई होगी, क्योंकि दूर के ढोल सुहावने होते हैं।
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कहावत– दाल भात में मूसलचन्द
इस कहावत का अर्थ– दो के बीच अनावश्यक व्यक्ति का हस्तक्षेप करना।
इस कहावत का प्रयोग– अजय और सुनील मित्र हैं, दोनों में घुटकर बातचीत होती रहती है, लेकिन विनय उनकी बातचीत में हस्तक्षेप करता है तब उससे कहना ही पड़ता है, दाल भात में मूसलचन्द मत बनो।
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कहावत– दाने-दाने पर मुहर
इस कहावत का अर्थ– हर व्यक्ति का अपना भाग्य।
इस कहावत का प्रयोग– मैं और सचिन नाश्ता कर रहे थे, इतने में अनिल आ गया तो मैंने कहा दाने-दाने पर मुहर होती है।
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कहावत– दाम संवारे काम
इस कहावत का अर्थ– पैसा सब काम करता है।
इस कहावत का प्रयोग– जब राजीव इंग्लैण्ड से भारत आया तो सब कुछ बदला-सा नजर आया इस पर साथियों ने कहा दाम संवारे सबई काम।
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कहावत– दुधारू गाय की लात सहनी पड़ती है
इस कहावत का अर्थ– काम आने वाले व्यक्ति को बर्दास्त करना
इस कहावत का प्रयोग– जिससे कुछ पाना होता है, उसकी धौंस डपट सहन करनी पड़ती है।
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कहावत– दूध पिलाकर साँप पोसना
इस कहावत का अर्थ– शत्रु का उपकार करना।
इस कहावत का प्रयोग– तुम राजेन्द्र को अपने यहाँ लाकर दूध पिलाकर साँप पोसना कहावत को चरितार्थ न करना।
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कहावत– दूसरे की पत्तल लम्बा-लम्बा भात
इस कहावत का अर्थ– दूसरे की वस्तु अच्छी लगती है।
इस कहावत का प्रयोग– तुम्हें मेरी सरकारी नौकरी अच्छी लग रही है। मुझे तुम्हारा व्यापार, जिससे खूब आय है। सच कहावत है दूसरे की पत्तल लम्बा-लम्बा भात।
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कहावत– दोनों दीन से गए पाण्डे हलुआ मिला न माँडे
इस कहावत का अर्थ– किसी तरफ़ के न होना।
इस कहावत का प्रयोग– उसने सरकारी नौकरी छोड़कर चुनाव लड़ा। वह चुनाव हार गया। इस प्रकार दोनों दीन से गए पाण्डे हलुआ मिला न माँडे।
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कहावत– दो मुल्लों में मुर्गी हलाल
इस कहावत का अर्थ– दो को दिया काम बिगड़ जाता है।
इस कहावत का प्रयोग– भाई साहब इस प्रोजेक्ट को दो लोगों को मत दीजिए, दो मुल्लों में मुर्गी हलाल हो जाती है।
ध से प्रसिद्ध कहावतें
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कहावत– धन्ना सेठ के नाती हैं
इस कहावत का अर्थ– सब अपने को अमीर समझते हैं।
इस कहावत का प्रयोग– जेब में सौ रुपए नहीं रहते वैसे अपने को धन्ना सेठ के नाती बनते हैं।
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कहावत– धूप में बाल सफेद नहीं किए हैं
इस कहावत का अर्थ– सांसारिक अनुभव बहुत होना।
इस कहावत का प्रयोग– तुम हमें बहकाने की कोशिश मत करो, ये बाल धूप में सफेद नहीं किए हैं।
न से प्रसिद्ध कहावतें
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कहावत– नंगा क्या नहायेगा, क्या निचोड़ेगा
इस कहावत का अर्थ– जिसके पास कुछ है ही नहीं, वह क्या अपने पर खर्च करेगा और क्या दूसरों पर।
इस कहावत का प्रयोग– बेरोज़गार अजय के साले की शादी है। कैसे नए कपड़े बनवाए, कैसे लेन-देन की व्यवस्था करे। सच कहावत है नंगा क्या नहायेगा, क्या निचोड़ेगा।
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कहावत– न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी
इस कहावत का अर्थ– काम न करने के उद्देश्य से असम्भव बहाने बनाना।
इस कहावत का प्रयोग– कोई अनारकली नाम की वेश्या थी। उसका नृत्य बहुत प्रसिद्ध हो गया था, लेकिन उसे उतना अच्छा नाचना नहीं आता था। इसलिए जब कोई व्यक्ति उसे नाचने के लिए बुलाता तो वह यही कह देती थी कि नौ मन तेल का चिराग जलाओ, तब नाचूँगी। लोग न तो नौ मन तेल इकट्ठा कर पाते और न उसका नाच-गाना ही हो पाता। इस प्रकार जब कोई व्यक्ति काम न करने के उद्देश्य से असम्भव बहाने बनाने लगता है तब यह कहावत चरितार्थ होती है।
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कहावत– नाच न आवे आँगन टेढ़ा
इस कहावत का अर्थ– जब कोई व्यक्ति दूसरों के दोष निकालकर अपनी अयोग्यता को छिपाने का प्रयास करता है।
इस कहावत का प्रयोग– तुम आउट हो गए और दोष अम्पायर को दे रहे हो। तुम तो नाच न आवे आँगन टेढ़ा कहावत चरितार्थ कर रहे हो।
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कहावत– नीम न मीठा होय सींचो गुड़ घी से
इस कहावत का अर्थ– बुरे लोगों का स्वभाव नहीं बदलता, प्रयाग चाहे जैसा किया जाए।
इस कहावत का प्रयोग– अतुल ने अपने मित्र श्याम को हर तरह से समझाया, परंतु श्याम ने एक दिन अपना स्वभाव दिखा ही दिया। अतः सच कहा गया है- नीम न मीठा होय सींचो गुड़ घी से।
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कहावत– नाक दबाने से मुँह खुलता है
इस कहावत का अर्थ– कठोरता से कार्य सिद्ध होता है।
इस कहावत का प्रयोग– शाह आलम साहब, नाक दबाने से मुँह खुलता है, नीति में विश्वास करते
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कहावत– नक्कारखाने में तूती की आवाज
इस कहावत का अर्थ– बड़ों के बीच में छोटे आदमी की कौन सुनता है।
इस कहावत का प्रयोग– व्यवस्था परिवर्तन चाहने वालों की आवाज़ नक्कारखाने में तूती की आवाज़ बनकर रह गई है।
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कहावत– नानी क्वांरी मर गई, नाती के नौ-नौ ब्याह
इस कहावत का अर्थ– झूठी बड़ाई।
इस कहावत का प्रयोग– निर्भय हर जगह अपनी धन-दौलत का गुणगान करता रहता है। एक दिन अजय ने उससे कह दिया नानी क्वांरी मर गई, नाती के नौ-नौ ब्याह।
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कहावत– नदी-नाव संयोग
इस कहावत का अर्थ– कभी-कभी मिलना।
इस कहावत का प्रयोग– अरे आज तुम इतने दिन बाद मिल गए, ये तो नदी नाव संयोग वाली कहावत चरितार्थ हो गई।
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कहावत– नकटा बूचा सबसे ऊँचा
इस कहावत का अर्थ– निर्लज्ज आदमी सबसे बड़ा है।
इस कहावत का प्रयोग– निर्भय से जीतना असम्भव है। उस पर तो नकटा बूचा सबसे ऊँचा वाली कहावत लागू होती है।
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कहावत– नेकी कर और कुएँ में डाल
इस कहावत का अर्थ– भलाई का काम करके फल की आशा मत करो।
इस कहावत का प्रयोग– मेरा तो सिद्धान्त है नेकी कर और कुएँ में डाल। इसलिए जिसकी मदद होती है कर देता हूँ।
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कहावत– नौ नकद, न तेरह उधार
इस कहावत का अर्थ– नकद का काम उधार के काम से अच्छा है।
इस कहावत का प्रयोग– व्यापार में लाला जी पैसे तो आपको नकद देने पड़ेंगे। हमारा प्रकाशन नौ नकद न तेरह उधार की कहावत में विश्वास करता है।
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कहावत– नया नौ दिन पुराना सौ दिन
इस कहावत का अर्थ– पुरानी चीजें ज्यादा दिन चलती हैं।
इस कहावत का प्रयोग– मैंने एक साइकिल अभी-अभी एक वर्ष पूर्व ली थी तभी खराब हो गई, लेकिन पन्द्रह वर्ष पहले ली गई हीरो साइकिल अभी सही चल रही है।
प से प्रसिद्ध कहावतें
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कहावत– पत्नी टटोले गठरी और माँ टटोले अंतड़ी
इस कहावत का अर्थ– पत्नी देखती है कि मेरे पति के पास कितना धन है और माँ देखती है कि मेरे बेटे का पेट अच्छी तरह भरा है या नहीं।
इस कहावत का प्रयोग– अभय जब ऑफिस से घर आता है तो पत्नी कोई-न-कोई फरमाइश कर पैसे माँगती है, जबकि माँ पूछती बेटा तूने दिन में क्या खाया, आ खाना खा ले। कहावत सच है, पत्नी टटोले गठरी और माँ टटोले अंतड़ी।
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कहावत– पढ़े फ़ारसी बेचे तेल यह देखो कुदरत का खेल
इस कहावत का अर्थ– योग्यतानुसार कार्य न मिलना।
इस कहावत का प्रयोग– उमेश पी-एच डी. है, लेकिन क्लर्की करता है, इसलिए कहा गया है-पढ़े फ़ारसी बेचे तेल यह देखो कुदरत का खेल।
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कहावत– पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं
इस कहावत का अर्थ– पराधीनता सदैव दुःखदायी होती है।
इस कहावत का प्रयोग– तुलसीदास जी ने कहा है-पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं। करि विचार देखहु मन माँही।
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कहावत– पाँचों उँगलियाँ बराबर नहीं होतीं
इस कहावत का अर्थ– सभी के गुण समान नहीं होते, उनमें कुछ न कुछ अन्तर होता है।
इस कहावत का प्रयोग– रामलाल के तीन बेटे सरकारी अधिकारी हैं और दो बेटे क्लर्क। सच है पाँचों उँगलियाँ बराबर नहीं होती।
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कहावत– पराये धन पर लक्ष्मी नारायण
इस कहावत का अर्थ– दूसरे के धन पर गुलछरें उड़ाना।
इस कहावत का प्रयोग– तुम तो पराये धन पर लक्ष्मी नारायण बन रहे हो।
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कहावत– पाँचों सवारों में मिलना
इस कहावत का अर्थ– अपने को बड़े व्यक्तियों में गिनना।
इस कहावत का प्रयोग– वह भले ही पैसे वाला न हो लेकिन पाँचों सवारों में मिलना चाहता है।
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कहावत– पानी पीकर जात पूछते हो
इस कहावत का अर्थ– काम करने के बाद उसके अच्छे-बुरे पहलुओं पर विचार करना।
इस कहावत का प्रयोग– पहले लड़की की शादी अनजान घर में कर दी अब पूछ रहे हो लोग कैसे हैं? आप तो पानी पीकर जात पूछने वाली कहावत चरितार्थ कर रहे हो।
फ से प्रसिद्ध कहावतें
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कहावत– फ़कीर की सूरत ही सवाल है
इस कहावत का अर्थ– फ़कीर कुछ माँगे या न माँगे, यदि सामने आ जाए तो समझ लेना चाहिए कि कुछ माँगने ही आया।
इस कहावत का प्रयोग– शर्मा जी जब घर आते हैं कुछ न कुछ माँगकर ले जाते हैं। जब वे परसों घर आए तो मैंने दो सौ रुपए दे दिए। बीवी ने पूछा बिना माँगे क्यों दिए तो कहा फ़कीर की सूरत ही सवाल है।
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कहावत– फलेगा सो झड़ेगा
इस कहावत का अर्थ– उन्नति के पश्चात् अवनति अवश्यम्भावी है
इस कहावत का प्रयोग– एक निश्चित ऊँचाई पर पहुँचने के बाद प्रत्येक व्यक्ति की अवनति होती है, क्योंकि फलेगा सो झड़ेगा।
ब से हिन्दी की प्रसिद्ध कहावतें
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कहावत– बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद
इस कहावत का अर्थ– जब कोई व्यक्ति ज्ञान के अभाव में किसी वस्तु की कद्र नहीं करता है।
इस कहावत का प्रयोग– मनीष को साम्यवाद समझा रहे हो। बन्दर क्या जाने अदरक का स्वाद।
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कहावत– बद अच्छा बदनाम बुरा
इस कहावत का अर्थ– बुरे कर्मों की अपेक्षा कलंकित होना अधिक बुरा है।
इस कहावत का प्रयोग– मंजर एक बार चोरी करते पकड़ा गया तब से पूरा मुहल्ला उसे चोर समझता है जबकि उस मुहल्ले में अनेक चोर हैं, जो पकड़े नहीं गए। सच है बद अच्छा बदनाम बुरा।
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कहावत– बनिया मीत न वेश्या सती
इस कहावत का अर्थ– बनिया किसी का मित्र नहीं होता और वेश्या चरित्रवान नहीं होती।
इस कहावत का प्रयोग– शर्मा जी पड़ोस के बनिये चन्द्रप्रकाश के साझे में और वेश्या से प्यार में लुटकर अपने को बर्बाद कर बैठे तो लोगों ने कहा बनिया मीत न वेश्या सती।
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कहावत– बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि लेय
इस कहावत का अर्थ– जो कुछ हो चुका है उसे भूलकर भविष्य के लिए सँभल जाना चाहिए।
इस कहावत का प्रयोग– तुम पिछले दो वर्ष से पी. सी. एस. में सलेक्ट नहीं हो रहे। निराश न हो, इस वर्ष जमकर मेहनत करो। कहावत भी है, बीती ताहि बिसार द्रे आगे की सुधि लेया
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कहावत– बोया पेड़ बबूल का आम कहाँ ते होय
इस कहावत का अर्थ– बुरे कर्मों का परिणाम अच्छा नहीं हो सकता।
इस कहावत का प्रयोग– आज तक गुण्डागर्दी करते रहे, अब समाज में सम्मान पाना चाहते हैं, यह कैसे सम्भव है? क्योंकि बोया पेड़ बबूल का आम कहाँ ते खाय।
भ से हिन्दी की प्रसिद्ध कहावतें
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कहावत– भीगी बिल्ली बताना
इस कहावत का अर्थ– बहाना बनाना।
इस कहावत का प्रयोग– यह कहावत ऐसे आलसी नौकर की कथा पर आधारित है, जो अपने मालिक की बात को किसी न किसी बहाने टाल दिया करता था। एक बार रात के समय मालिक ने कहा, “देखो बाहर पानी तो नहीं बरस रहा है? नौकर ने कहा, “हाँ बरस रहा है।’ मालिक ने पूछा “तुम्हें कैसे मालूम हुआ?” नौकर ने कहा, “अभी एक बिल्ली मेरे पास से निकली थी, उसका शरीर मैंने टटोला, तो वह भीगी थी।”
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कहावत– भूल गए राग रंग, भूल गए छकड़ी, तीन चीज याद रहीं नून तेल लकड़ी
इस कहावत का अर्थ– जब कोई स्वतन्त्र प्रकृति का व्यक्ति बुरी तरह से गृहस्थी के चक्कर में पड़ जाता है।
इस कहावत का प्रयोग– राजू शादी के पश्चात् नेतागिरी भूल गया। सच है भूल गए राग रंग, भूल गए छकड़ी, तीन चीज याद रहीं नून तेल लकड़ी।
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कहावत– भैंस के आगे बीन बजे, भैंस खड़ी पगुराय
इस कहावत का अर्थ– मूर्ख अच्छी वस्तु की कद्र नहीं करते, उनको उपदेश देना व्यर्थ है।
इस कहावत का प्रयोग– भारत में मार्क्सवाद की शिक्षा देना ऐसा ही है जैसे भैंस के आगे बीन बजे, भैंस खड़ी पगुराय।
म से हिन्दी की कहावतें
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कहावत– मन चंगा तो कठौती में गंगा
इस कहावत का अर्थ– यदि मन शुद्ध है तो तीर्थाटन आवश्यक नहीं है।
इस कहावत का प्रयोग– मनुष्य मन से पवित्र है तो सभी तीर्थ उसके पास हैं। अतः भक्त रविदास ने कहा है-मन चंगा तो कठौती में गंगा।
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कहावत– मान न मान मैं तेरा मेहमान
इस कहावत का अर्थ– जबरजस्ती गले पड़ना
इस कहावत का प्रयोग– जब कोई व्यक्ति जबर्दस्ती किसी पर बोझा बनता है तब यह कहावत कही जाती है।
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कहावत– मुल्ला की दौड़ मस्जिद तक
इस कहावत का अर्थ– सीमित क्षेत्र तक पहुँच।
इस कहावत का प्रयोग– वह अधिक से अधिक ग्राम प्रधान के पास जाएगा, मुल्ला की दौड़ मस्जिद तक।
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कहावत– मेरी ही बिल्ली और मुझसे म्याऊँ
इस कहावत का अर्थ– जब कोई व्यक्ति अपने आश्रयदाता को
इस कहावत का प्रयोग– आँख दिखाता है तब यह कहावत प्रयुक्त होती है।
य से हिन्दी की प्रसिद्ध कहावतें
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कहावत– यह मुँह और मसूर की दाल
इस कहावत का अर्थ– जब कोई व्यक्ति अपनी योग्यता से अधिक पाने की अभिलाषा करता है तब यह कहावत चरितार्थ होती है।
इस कहावत का प्रयोग– सुधा एम. ए. द्वितीय श्रेणी में है और वाइस चान्सलर बनने के ख्वाब देखती. है, ऐसे ही लोगों के लिए कहा गया है-यह मुँह और मसूर की दाल।
र से हिन्दी की कहावतें
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कहावत– रस्सी जल गई पर ऐंठन नहीं गई
इस कहावत का अर्थ– स्वाभिमानी व्यक्ति बुरी अवस्था को प्राप्त होने पर भी अपनी शान नहीं छोड़ता है।
इस कहावत का प्रयोग– अमेरिका ने सद्दाम को पकड़ लिया पर उसने कुछ नहीं बताया न दबा। सच है रस्सी जल गई पर ऐंठन नहीं गई।
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कहावत– राम नाम जपना, पराया माल अपना
इस कहावत का अर्थ– ऊपर से भक्त, भीतर से ठग होना
इस कहावत का प्रयोग– आज के अधिकतर साधु-संत अपने बुरे कामों से जनमानस को मूर्ख बनाकर ‘राम नाम जपना, पराया माल अपना’ वाली नीति को चरितार्थ कर ठग रहे हैं।
ल से हिन्दी कहावत
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कहावत– लकड़ी के बल बन्दर नाचे
इस कहावत का अर्थ– दुष्ट लोग भय से ही काम करते हैं।
इस कहावत का प्रयोग– अत: कहा गया है-लकड़ी के बल बन्दर नाचे।
व से कहावत
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कहावत– वही मन, वही चालीस सेर
इस कहावत का अर्थ– बात एक ही है, दोनों बातों में कोई अन्तर नहीं।
इस कहावत का प्रयोग– मैंने तुम्हारी पुस्तक तुम्हारे घर में दे दी है विश्वास न हो तो अपने भाई से पूछ लो या फिर घर जाकर देख लो, क्योंकि “वही मन, वही चालीस सेर।”
श से प्रमुख हिन्दी कहावतें
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कहावत– शक्ल चुडैल की, मिज़ाज परियों का
इस कहावत का अर्थ– बेकार का नखरा।
इस कहावत का प्रयोग– निशा कुछ हद तक तो गुणवान है, परन्तु कभी-कभी ऊटपटाँग बातें करती है। तब कहना पड़ता है, “शक्ल चुडैल की मिज़ाज परियों का।”
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कहावत– शेख़ी सेठ की, धोती भाड़े की
इस कहावत का अर्थ– कुछ न होने पर भी बड़प्पन दिखाना।
इस कहावत का प्रयोग– सेठ पन्नालाल अपने व्यापार में सारा धन लगाकर पूरी तरह से खोखले हो चुके हैं फिर भी उनका हाल ‘शेखी सेठ की, धोती भाड़े की’ के समान है।
स से हिन्दी कहावतें
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कहावत– सब धान बाइस पंसेरी
इस कहावत का अर्थ– अच्छे-बुरे को एक समान समझना।
इस कहावत का प्रयोग– अयोग्य अधिकारी अच्छे-बुरे सभी कर्मचारियों को समान मानकर सब धान बाइस पंसेरी तौलते हैं।
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कहावत– सीधी उँगली से घी नहीं निकलता
इस कहावत का अर्थ– सर्वत्र सीधेपन से काम नहीं चलता है।
इस कहावत का प्रयोग– अशोक की जब तक पिटाई नहीं होगी तब तक नहीं पड़ेगा, ठीक ही कहा गया है सीधी उँगली से घी नहीं निकलता।
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कहावत– सूरदास खल काली कामरि चढ़े न दूजौ रंग
इस कहावत का अर्थ– दुष्ट व्यक्ति अपनी दुष्टता नहीं छोड़ता।
इस कहावत का प्रयोग– अलीजान को लोगों ने बहुत समझाया, किन्तु उस पर कोई असर नहीं हुआ, ठीक कहा गया है-सूरदास खल काली कामरि चढ़े न दूजौ रंग।
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कहावत– सौ सुनार की एक लुहार की
इस कहावत का अर्थ– निर्बल की सौ चोटों की अपेक्षा बलवान की एक चोट काफी होती है।
इस कहावत का प्रयोग– मनोज मेरी भाईसाहब से रोज़ शिकायत करता था। एक दिन मैंने भाईसाहब से शिकायत कर दी, बच्चे को नौकरी बचानी भारी पड़ गई। तब साथी बोले सौ सुनार की एक लुहार की।
ह से शुरू होने वाली कहावतें
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कहावत– हाथ कंगन को आरसी क्या
इस कहावत का अर्थ– प्रत्यक्ष को प्रमाण की क्या आवश्यकता।
इस कहावत का प्रयोग– अरे बहस क्यों करते हो पुस्तक में देख लो, हाथ कंगन को आरसी क्या?
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कहावत– होनहार बिरवान के होत चीकने पात
इस कहावत का अर्थ– बचपन से ही अच्छे लक्षणों का दिखाई देना।
इस कहावत का प्रयोग– राहुल और सचिन बचपन से ही अच्छा क्रिकेट खेलते थे जिस कारण वह अच्छे खिलाड़ी बनकर उभरे हैं कहा जा सकता है कि होनहार बिरवान के होत चीकने पात।’
कहावतों से अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न और उनके उत्तर
कहावत (Kahawat) किसे कहते हैं? परिभाषा और अर्थ सहित लिखिए।
‘कहावतें’ हिन्दी भाषा का शब्द है। इसका अर्थ होता है, ‘कही हुई बातें।’ अर्थात “जिस शब्द-समूह या वाक्य द्वारा जीवन के अनुभव का सार-संक्षेपण सुंदर और प्रभावशाली ढंग से किया जाता है, उस शब्द-समूह या वाक्य को ‘कहावत’ कहते है।”
दो प्रचलित कहावतों के उदाहरण अर्थ और प्रयोग सहित लिखिए।
1. “न नौ मन तेल होगा, न राधा नाचेगी“-
अर्थ– काम न करने के उद्देश्य से असम्भव बहाने बनाना।; प्रयोग– कोई अनारकली नाम की वेश्या थी। उसका नृत्य बहुत प्रसिद्ध हो गया था, लेकिन उसे उतना अच्छा नाचना नहीं आता था। इसलिए जब कोई व्यक्ति उसे नाचने के लिए बुलाता तो वह यही कह देती थी कि नौ मन तेल का चिराग जलाओ, तब नाचूँगी। लोग न तो नौ मन तेल इकट्ठा कर पाते और न उसका नाच-गाना ही हो पाता। इस प्रकार जब कोई व्यक्ति काम न करने के उद्देश्य से असम्भव बहाने बनाने लगता है तब यह कहावत चरितार्थ होती है।
2. “झूठ के पाँव नहीं होते“-
अर्थ– झूठ बोलने वाला एक बात पर नहीं टिकता। प्रयोग– न्यायालय में पैरवी के दौरान एक ही गवाह के तरह-तरह के बयान से न्यायाधीश बौखला गया। वह समझ गया था, “झूठ के पाँव नहीं होते।”
निम्न कहावतों का अर्थ लिखिए- (i) बद अच्छा बदनाम बुरा, (ii) तू डाल-डाल, मैं पात-पात।
1. बद अच्छा बदनाम बुरा
अर्थ– बुरे कर्मों की अपेक्षा कलंकित होना अधिक बुरा है।; प्रयोग– मंजर एक बार चोरी करते पकड़ा गया तब से पूरा मुहल्ला उसे चोर समझता है जबकि उस मुहल्ले में अनेक चोर हैं, जो पकड़े नहीं गए। सच है बद अच्छा बदनाम बुरा।
2. तू डाल-डाल, मैं पात-पात
अर्थ– एक से बढ़कर दूसरा चालाक।; प्रयोग– मनोज से संजय ने ₹ 10 हजार उधार लिए। माँगने पर वह आनाकानी करता था। एक दिन मनोज उसका कम्प्यूटर उठा लाया और पैसे देने पर ही देने की बात कही। इसे कहते हैं तू डाल-डाल, मैं पात-पात।
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