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Articles by Priya Mem:

बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय – कबीरदास का दोहा

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बुरा जो देखन मैं चला, बुरा न मिलिया कोय। जो दिल खोजा आपना, मुझसे बुरा न कोय॥ जानिए इस दोहे का अर्थ एवं भावार्थ, व्याख्या और सार, संदेश एवं शिक्षा।

पाहन पूजें हरि मिलें तो मैं पूजूँ पहार – कबीरदास का दोहा

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पाहन पूजें हरि मिलें, तो मैं पूजूँ पहार। याते तो चक्की भली, पीस खाय संसार॥ - जानिए अर्थ एवं भावार्थ, व्याख्या और सार, संदेश एवं शिक्षा।

नहाये धोये क्या हुआ जो मन मैल न जाए – कबीरदास का दोहा

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नहाये धोये क्या हुआ, जो मन मैल न जाए। मीन सदा जल में रहे, धोये बास न जाए॥ - जानिए अर्थ एवं भावार्थ, व्याख्या और सार, संदेश एवं शिक्षा।

बड़ा भया तो क्या हुआ जैसे पेड़ खजूर – कबीरदास का दोहा

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बड़ा भया तो क्या भया जैसे पेड़ खजूर। पंथी को छाया नही फल लागे अति दूर॥ - जानिए अर्थ एवं भावार्थ, व्याख्या और सार, संदेश एवं शिक्षा।

दुख में सुमिरन सब करैं सुख में करै न कोय – कबीरदास का दोहा

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दुःख में सुमिरन सब करैं, सुख में करै न कोय। जो सुख में सुमिरन करैं, दुःख काहे को होय॥ - जानिए अर्थ एवं भावार्थ, व्याख्या और सार, संदेश एवं शिक्षा।

जग में बैरी कोई नहीं जो मन शीतल होए – कबीरदास का दोहा

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जग में बैरी कोई नहीं, जो मन शीतल होए। यह आपा तो डाल दे, दया करे सब कोए॥ - जानिए अर्थ एवं भावार्थ, व्याख्या और सार, संदेश एवं शिक्षा।

चलती चक्की देख के दिया कबीरा रोये – कबीरदास का दोहा

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चलती चक्की देख के, दिया कबीरा रोये। दो पाटन के बीच में, साबुत बचा न कोए॥ - जानिए अर्थ एवं भावार्थ, व्याख्या और सार, संदेश एवं शिक्षा।

जाति न पूछो साधु की पूछ लीजिये ज्ञान – कबीरदास का दोहा

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जाति न पूछो साधु की, पूछ लीजिये ज्ञान। मोल करो तलवार का, पड़ा रहन दो म्यान॥ - जानिए अर्थ एवं भावार्थ, व्याख्या और सार, संदेश एवं शिक्षा।