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लृङ्ग् लकार लिङ निमित्ते लृङ्ग् क्रियातिपत्तौ – क्रियातिपत्ति में लृङ्ग् लकार होता है। जहाँ पर भूतकाल की एक क्रिया दूसरी क्रिया पर आश्रित होती है, वहाँ पर हेतु हेतुमद भूतकाल होता...
लङ्ग् लकार अनद्यतने लङ्– अनद्यतन भूत में लङ् लकार होता है, जो कार्य आज से पूर्व हो चुका है अर्थात् क्रिया आज समाप्त नहीं हुई बल्कि कल या उससे भी पूर्व हो...
लट् लकार वर्तमाने लट्– वर्तमान काल में लट् लकार का प्रयोग होता है। क्रिया के जिस रूप से कार्य का वर्तमान समय में होना पाया जाता है, उसे वर्तमान काल...
लृट् लकार लृट् शेषे च – सामान्य भविष्यत काल में ‘लृट् लकार‘ का प्रयोग किया जाता है। क्रिया के जिस रूप से उसके भविष्य में सामान्य रूप से होने का पता चले, उसे...
लकार संस्कृत भाषा में दस लकारें होती हैं – लट् लकार (Present Tense), लोट् लकार (Imperative Mood), लङ्ग् लकार (Past Tense), विधिलिङ्ग् लकार (Potential Mood), लुट् लकार (First Future Tense...
लुट् लकार अनद्यतने लुट् – अनद्यतन भविष्यत काल में लुट् लकार का प्रयोग होता है। बीती हुई रात्रि के बारह बजे से, आने वाली रात के बारह बजे तक के समय...
विधिलिङ्ग् लकार विधिनिमन्त्रणामन्त्रणाधीष्टसंप्रश्नप्रार्थनेषु लिङ् – विधि (चाहिये), निमन्त्रण, आदेश, विधान, उपदेश, प्रश्न तथा प्रार्थना आदि अर्थों का बोध कराने के लिये विधि लिङ् लकार का प्रयोग किया जाता है;जैसे– विधि– सत्यं...
लोट् लकार आशिषि लिङ् लोटौं– आज्ञा, प्रार्थना अनुमति, आशीर्वाद आदि का बोध कराने के लिये लोट् लकार का प्रयोग किया जाता है। जैसे– आज्ञा– त्वं गृहं गच्छ। (तुम घर जाओ।) प्रार्थना–...
आशीर्लिन्ग लकार आशी: – आशीर्वाद के अर्थ में आशीलिङ् लकार का प्रयोग किया जाता है, जैसे– रामः विजीयात्। (राम विजयी हो।) आशीर्लिन्ग लकार का प्रयोग केवल आशीर्वाद अर्थ में ही होता है।...
लुङ्ग् लकार लुङ् – लुङ् लकार में सामान्य भूत काल का प्रयोग होता है। क्रिया के जिस रूप में भूतकाल के साधारण रूप का बोध होता है, उसे सामान्य काल कहते...