स्त्रीलिंग (Striling)
स्त्रीलिंग की परिभाषा: जिन संज्ञा शब्दों से स्त्री जाति का पता चलता है उसे स्त्रीलिंग कहते हैं। जैसे:- हंसिनी, लडकी, बकरी, माता, रानी, जूं, सुईं, गर्दन, लज्जा, बनावट, घोड़ी, कुतिया, बंदरिया, कुर्सी, पत्ती, नदी, शाखा, मुर्गी, गाय, बहन, यमुना, बुआ, लक्ष्मी, गंगा, लडकी, औरत, शेरनी, नारी, झोंपड़ी, लोमड़ी आदि।
स्त्रीलिंग शब्द: ईंट, किताब, कुर्सी, गंगा, गाय, छत, झोंपड़ी, टोपी, धोती, नारी, बकरी, बुढिया, भेड़, भैंस, मछली, माता, राजकुमारी, रानी, लड़की, लोमड़ी, शाखा, शेरनी, सजा, सड़क आदि।
सजीव स्त्रीलिंग शब्द: गाय, नारी, बकरी, बुढिया, भेड़, भैंस, मछली, माता, राजकुमारी, रानी, लड़की, लोमड़ी, शेरनी आदि जैसे शब्द प्राणीवचक स्त्रीलिंग शब्द होते हैं।
निर्जीव स्त्रीलिंग शब्द: ईंट, किताब, कुर्सी, गंगा, छत, झोंपड़ी, टोपी, धोती, शाखा, सजा, सड़क आदि जैसे शब्द अप्राणीवचक स्त्रीलिंग शब्द होते हैं।
अपवाद
वे शब्द जो हिन्दी में पुल्लिंग प्रतीत होते हैं, परंतु वे शब्द स्त्रीलिंग ही होते हैं। जैसे:- जनवरी, मई, जुलाई, पृथ्वी, श्रीलंका, चाँदी, इमली, ज्वार, मक्खी, ज्वार, अरहर, मूंग, लस्सी, चाय, काफी, चटनी, इ, ई, ऋ, गर्दन, जीभ, अंगुली, आँख, नाक, उँगलियाँ, सभा, कक्षा, संतान, प्रथम, तिथि, रात, सायं, सन्ध्या, दोपहर, छाया, खटास, मिठास, मणि, आदि शब्द स्त्रीलिंग होते हैं।
ऐसे शब्द जो हिन्दी में स्त्रीलिंग प्रतीत होते हैं, परंतु वे पुल्लिंग शब्द ही होते हैं। जैसे– पक्षी, फरवरी, एवरेस्ट, मोतिया, दिल्ली, स्त्रीत्व आदि शब्द पुल्लिंग होते हैं।
स्त्रीलिंग प्रत्यय
जब पुल्लिंग शब्दों को स्त्रीलिंग बनाया जाता है तब प्रत्ययों को शब्दों में जोड़ा जाता है, जिन्हें स्त्रीलिंग प्रत्यय कहते हैं। जैसे:-
- ई = बड़ा – बड़ी, भला – भली आदि।
- इनी = योगी – योगिनी, कमल – कमलिनी आदि।
- इन = धोबी – धोबिन, तेल – तेली आदि।
- नि = मोर – मोरनी, चोर – चोरनी आदि।
- आनी = जेठ – जेठानी, देवर – देवरानी आदि।
- आइन = ठाकुर – ठकुराइन, पंडित – पण्डिताइन आदि।
- इया = बेटा – बिटिया, लोटा – लुटिया आदि।
स्त्रीलिंग शब्द की पहचान
1. जिन संज्ञा शब्दों के पीछे ख, ट, वट, हट, आनी आदि आयें वे सभी स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- कडवाहट, आहट, बनावट, शत्रुता, मूर्खता, मिठाई, छाया, प्यास, ईख, भूख, चोख, राख, कोख, लाख, देखरेख, झंझट, आहट, चिकनाहट, सजावट, इन्द्राणी, जेठानी, ठकुरानी, राजस्थानी आदि।
2. अनुस्वारांत, ईकारांत, उकारांत, तकारांत, सकारांत आदि संज्ञाएँ आती है वे स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- रोटी, टोपी, नदी, चिट्ठी, उदासी, रात, बात, छत, भीत, लू, बालू, दारू, सरसों, खड़ाऊं, प्यास, वास, साँस, नानी, बेटी, मामी, भाभी आदि।
3. भाषा, बोलियों तथा लिपियों के नाम स्त्रीलिंग होती हैं। जैसे:- हिंदी, संस्कृत, देवनागरी, पहाड़ी, अंग्रेजी,पंजाबी गुरुमुखी, फ्रांसीसी, अरबी,फारसी, ज़र्मन,बंगाली, रुसी आदि।
4. नदियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, रावी, कावेरी, कृष्णा, व्यास, सतलुज, झेलम, ताप्ती, नर्मदा आदि।
5. तरीखो और तिथियों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- पहली, दूसरी, प्रतिपदा, पूर्णिमा, पृथ्वी, अमावस्या, एकादशी, चतुर्थी, प्रथमा आदि।
6. नक्षत्रो के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- अश्विनी, भरणी, रोहिणी, रेवती, मृगशिरा, चित्रा आदि।
7. हमेशा स्त्रीलिंग रहने वाली संज्ञा होती हैं। जैसे:- मक्खी, कोयल, मछली, तितली, मैना आदि।
8. समूहवाचक संज्ञा स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- भीड़, कमेटी, सेना, सभा, कक्षा आदि।
9. प्राणीवाचक संज्ञा स्त्रीलिंग होती हैं। जैसे:- धाय, संतान, सौतन आदि।
10. पुस्तकों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- कुरान, रामायण, गीता, रामचरितमानस, बाइबल, महाभारत आदि।
11. आहारों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- सब्जी, दाल, कचौरी, पूरी, रोटी, पकोड़ी आदि।
12. शरीर के अंगों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- आँख, नाक, जीभ, पलक, उँगली, ठोड़ी आदि।
13. आभूषण और वस्त्रों के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- साड़ी, सलवार, चुन्नी, धोती, टोपी, पेंट, कमीज, पगड़ी, माला, चूड़ी, बिंदी, कंघी, नथ, अंगूठी आदि।
14. मशालों के नाम भी स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- दालचीनी, लौंग, हल्दी, मिर्च, धनिया, इलायची, अजवाइन, सौंफ, चाय आदि।
15. राशि के नाम स्त्रीलिंग होते हैं। जैसे:- कुम्भ, मीन, तुला, सिंह, मेष, कर्क आदि।
संस्कृत के स्त्रीलिंग शब्द
संस्कृत लिंग और हिन्दी लिंग के कुछ एक शब्दों में अंतर होता है, इसलिए हिन्दी के कुछ पुल्लिंग शब्द संस्कृत में स्त्रीलिंग हो सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें – संस्कृत में लिंग।
संस्कृत के कुछ स्त्रीलिंग शब्द इस प्रकार हैं:-
- एक स्वर वाले ईकारान्त एवं अकारान्त शब्द प्रायः स्त्री लिंग होते हैं, जैसे– श्रीः,धी:, भू आदि।
- ई, अ, नि, से अन्त होने वाले शब्द; जैसे– अनी, तंत्री, तरी, लक्ष्मी, चमू, तनु, वधु, श्रेणी आदि।
- विद्युत, निशा, वल्ली, वीणा, दिग्, नदी, हली वाची शब्द सदैव स्त्रीलिंग होते हैं।
- इति प्रत्यान्त शब्द, जैसे– पद्मनी, फलिनि आदि।
- कवप्-प्रत्यान्त शब्द; यथा– विद्या, शैय्या, हत्या आदि।
- ‘आप’ प्रत्यान्त शब्द, जैसे– शिवा, परीक्षा, प्रशंसा आदि।
- विंशति से शतम् तक संख्यावाची शब्द; जैसे– विंशति, त्रिंशति, चत्वारिंशत आदि।
- क्रिय् प्रत्यान्त शब्द; यथा– आपद, शरद आदि।
- इन्द्र, वरुण, शर्व, भव, मृङ्हिम, अरण्य, यवन एवं मातुल आदि शब्दों के आगे आनी जोड़ देने से स्त्रीलिंग बन जाते हैं। यथा– इन्द्राणी, रुद्राणो, भवानी, शर्वाणी, हिमानी, यवनानी, मातुलानी आदि।
लिंग की पहिचान
आपको जिस संज्ञा शब्द का लिंग पहचानना है पहले उसका बहुवचन में परिवर्तन कीजिए। बहुवचन में बदलने के बाद अगर शब्द के अंत में “ऍ” या “आँ” आये तो शब्द का लिंग “स्त्रीलिंग” है और अगर पीछे ऍ और आँ नहीं आता है तो वह पुल्लिंग होगा। जैसे:-
- पंखा – पंखे (अंत में “ऍ” या “आँ” नहीं आया है तो यह शब्द पुल्लिंग है।)
- चाबी – चाबियाँ (अंत में “आँ” आया है तो यह शब्द स्त्रीलिंग हैं।)
स्त्रीलिंग शब्दों का पुल्लिंग में परिवर्तन
स्त्रीलिंग | पुल्लिंग |
---|---|
कवियित्री | कवि |
विदुषी | विद्वान |
नेत्री | नेता |
महती | महान |
साध्वी | साधु |
दादी | दादा |
बालिका | बालक |
घोड़ी | घोडा |
शिष्या | शिष्य |
छात्रा | छात्र |
बाला | बाल |
धोबिन | धोबी |
पण्डिताइन | पंडित |
हथिनी | हाथी |
ठकुराइन | ठाकुर |
मादा | नर |
स्त्री | पुरुष |
युवती | युवक |
सम्राज्ञी | सम्राट |
मोरनी | मोर |
सिंहनी | सिंह |
सेविका | सेवक |
अध्यापिका | अध्यापक |
पाठिका | पाठक |
लेखिका | लेखक |
दर्जिन | दर्जी |
ग्वालिन | ग्वाला |
मालकिन | मालिक |
शेरनी | शेर |
ऊंटनी | ऊँट |
गायिका | गायक |
शिक्षिका | शिक्षक |
वधू | वर |
श्रीमती | श्रीमान |
भेडा | भेड़ |
नागिन | नाग |
पड़ोसिन | पडोस |
मामी | मामा |
बलवती | बलवान |
तितली | नर तितली |
मादा भेडिया | भेडिया |
मक्खी | नर मक्खी |
मादा कछुआ | कछुआ |
चील | नर चील |
मादा खरगोश | खरगोश |
चीता | नर चीता |
मादा भालू | भालू |
मछली | नर मछली |
घोड़ी | घोडा |
देवी | देव |
लडकी | लड़का |
ब्राह्मणी | ब्राह्मण |
बकरी | बकरा |
चुहिया | चूहा |
चिड़िया | चिड़ा |
बिटिया | बेटा |
गुडिया | गुड्डा |
लुटिया | लोटा |
मालिन | माली |
कहारिन | कहार |
सुनारिन | सुनार |
लुहारिन | लुहार |
नौकरानी | नौकर |
चौधरानी | चौधरी |
देवरानी | देवर |
सेठानी | सेठ |
जेठानी | जेठ |
बाला | बाल |
सुता | सुत |
तपस्विनी | तपस्वी |
हितकारिनी | हितकारी |
स्वामिनी | स्वामी |
परोपकारिनी | परोपकारी |
दासी | दास |
स्त्रीलिंग शब्द के उदाहरण
अ– अँगड़ाई, अँतड़ी, अकड़, अक्ल, अदालत, अनबन, अप्सरा, अफवाह, अपेक्षा, अपील, अहिंसा, अरहर, अवस्था आदि।
आ– आँच, आँत, आग, आजीविका, आज्ञा, आत्मा, आत्महत्या, आदत, आन, आपदा, आफत, आमद, आय, आयु, आराधना,आवाज, आस्तीन, आह, आहट, आशिष, आँख आदि।
इ, ई– इंच, इन्द्रिय, इच्छा, इजाजत, इज्जत, इमारत, इला, ईट, ईद, ईख, ईर्ष्या आदि।
उ, ऊ– उड़ान, उथल-पुथल, उपासना, उपेक्षा, उमंग, उम्र, उर्दू (भाषा), उलझन, उषा, ऊब आदि।
ए, ऐ– एकता, ऐंठ, ऐंठन, ऐनक आदि।
ओ, औ– ओट, ओस, औलाद आदि।
क– कक्षा, कटुता, कड़क, कतार, कथा, कदर, कन्या, कमर, कमाई, कमान, कमीज, करवट, करुणा, कसक, कसम, कसरत, कपास, कसौटी, कस्तूरी, काँगरेस, काश्त, करतूत, किस्मत, किशमिश, क़िस्त (ऋण चुकाने का भाग), कीमत, कील, कुंजी, कुटिया, कुशल(कुशलता), कुल्हाड़ी, कूक, कृपा, कैद, कोख, कोयल, क्रिया, क्रीड़ा, क्षमा आदि।
ख– खटपट, खटास, खटिया, खड़क, खडांऊँ, खनक, खपत, खबर, खरीद, खींच, खरोंच, खाँड़, खाई, खाज, खाट, खातिर, खाद, खाल, खान (खनि), खिजाँ, खिदमत, खोच, खीझ, खीर, खील, खुदाई, खुरमा, खुशामद, खैरात, खोट, खोह आदि।
ग– गंगा, गन्ध, गजल, गटपट, गठिया, गड़बड़, गणना, गति, गदा, गनीमत, गफलत, गरज, गर्दन, गरिमा, गर्द, गर्दिश, गाँठ, गाजर, गाज (बिजली), गागर, गाथा, गाद, गिटपिट, गिरफ्त, गिरह, गिलहरी, गीता, गीतिका, गुंजाइश, गुड़िया, गुड्डी, गुफा, गुरुता, गेरू, गुलेल, गूज, गैल, गैस, गोट, गोद, गोपिका, गौ आदि।
घ– घटा, घटिका, घास, घिन, घुड़दौड़, घुड़साल, घूस, घृणा, घोषणा आदि।
च– चमेली, चकई, चटक (चमक-दमक), चट्टान, चपत, चपला, चर्चा, चमक, चहक, चहल-पहल, चाँदी, चाँप, चाट, चादर, चारपाई, चाल, चाह, चाहत, चालढाल, चिकित्सा, चिट, चिमनी, चिलक, चिल्लाहट, चिढ, चिता, चिन्ता, चित्रकला, चिनक, चिनगारी, चिप्पी, चिलम, चील, चीख, चींटी, चीनी, चुटिया, चुड़ैल, चुनरी, चुनौती, चुहल, चुहिया, चूक, चें-चें, चेचक, चेतना, चेष्टा, चोंच, चोट, चौपड़, चौखट आदि।
छ– छटा, छत, छमछम, छलाँग, छवि, छाँह, छाछ, छानबीन, छाप, छाया, छाल, छींक, छींट, छीछालेदर, छूट, छूत, छेनी, छुआछूत आदि।
ज– जंग, जंजीर, जँभाई, जगह, जटा, जड़, जनता, जमात, जलवायु, जमानत, जमावट, जमीन, जलन, जय, जरा, जरूरत, जाँच, जाँघ, जागीर, जान, जायदाद, जिज्ञासा, जिद, जिरह, जिल्द, जिल्लत, जिह्ना, जीत, जीभ, जूँ, जूठन, जेब, जेवनार, जोंक, जोत, ज्वाला आदि।
झ– झंकार, झंझट, झख, झिझक, झड़प, झनकार, झपक, झपट, झपास, झरझर, झकझक, झलमल, झाड़फूंक, झाड़(झाड़ने की क्रिया), झाड़, झाँझ, झाँझर, झाँप, झाड़न, झाल, (तितास), झालर, झिड़क, झील, झूम आदि।
ट– टकसाल, टक्कर, टपक, टहल, टाँक, टाँग, टाँय-टाँय, टाप, टाल-मटोल, टिकिया, टिप-टिप, टिप्पणी, टीक, टीपटाप, टीमटाम, टीस, टूट, टेंट, टेक, टेर, टोह, टोक, ट्रेन आदि।
ठ– ठण्डक, ठक-ठक, ठनक, ठमक, ठिठक, ठिलिया, ठूँठ, ठेक, ठोकर, ठेस आदि।
ड– डग, डगर, डपट, डाक, डाट, डाँक, डाल, डींग, डीठ, डोर, डिबिया आदि।
ढ– ढोलक आदि।
त– तन्द्रा, तकरीर, तकदीर, तकरार, तड़क-भड़क, तड़प, तबीयत, तमत्रा, तरंग, तरकीब, तरफ, तरह, तरावट, तराश, तलब, तलवार, तलाश, तशरीफ, तह, तहजीब, तहसील, तान, ताक-झाँक, ताकत, तादाद, ताकीद, तातील, तारीफ, तालीम, तासीर, तिजारत, तीज, तुक, तुला, तोंद, तोबा, तोप, तोल, तोशक, त्योरी, त्रिया आदि।
थ– थकान, थकावट, थरथर, थलिया, थाप, थाह आदि।
द– दक्षिण, दगा, दतवन, दमक, दरखास्त, दरगाह, दरार, दलदल, दस्तक, दहाड़, दारू, दहशत, दावत, दिनचर्या, दिव्या, दीक्षा, दीठ, दीद, दीमक, दीवार, दुआ, दुकान, दुविधा, दुत्कार, दुम, दूरबीन, दुनिया, दुर्दशा, दूर, दूब, देखभाल, देखरेख, देन, देह आदि।
ध– धड़क, धड़कन, धरपकड़, धमक, धरा, धरोहर, धाक, धातु, धाय, धार, धारणा, धुन्ध, धुन, धूम, धूप (सूर्य-प्रकाश), धूपछाँह, धौंक, धौंस, ध्वजा आदि।
न– नकल, नस (स्त्रायु), नकाव, नकेल, नजर, नहर, नजाकत, नजात, नफरत, नफासत, नसीहत, नब्ज, नमाज, नाँद, नाक, निगाह, निद्रा, निराशा, निशा, निष्ठा, नींद, नीयत, नुमाइश, नोक, नोकझोंक, नौबत, नालिश, नेत्री आदि।
प– पंचायत, पंगत, पकड़, पखावज, पछाड़, पतवार, पटपट, पतझड़, पताका, पत्तल, पनाह, परख, पसन्द, परवाह, परत, परात, परिक्रमा, परिषद, परीक्षा, पलटन, पहचान, पहुँच, पायल, पिपासा, पिस्तौल, पुलिस, पुश्त, पुड़िया, पुकार, पूछताछ, पूँछ, पेंसिल, पेंशन, पोशाक, पैदावार, पौध, प्रकिया, प्रतिज्ञा, प्रतिभा, प्रतीक्षा, प्रभा आदि।
फ– फजीहत, फटकार, फटकन, फतह, फरियाद, फसल, फिक्र, फुरसत, फुलिया, फुहार, फूंक, फूट, फीस, फौज आदि।
ब– बन्दूक, बकवास, बयार, बगल, बचत, बदबू, बदौलत, बधाई, बनावट, बरात, बर्दाश्त, बर्फ, बला, बहार, बाँह, बातचीत, बाबत, बरसात, बुलाहट, बूँद, बूझ, बेर (दफा या बार), बैठक, बोतल, बोलचाल, बौखलाहट, बौछार आदि।
भ– भगदड़, भड़क, भनक, भभक, भरमार, भभूत, भाँग, भाप, भार्या, भिक्षा, भीख, भीड़, भुजा, भूख, भेंट, भेड़, भैंस, भौंह आदि।
म– मंजिल, मंशा, मचक, मचान, मजाल, मखमल, मटक, मणि, मसनद, ममता, मरम्मत, मर्यादा, मलमल, मशाल, मज्जा, मशीन, मस्जिद, महक, मसल, महफिल, महिमा, माँग, माता, मात्रा, माया, माप, माला, मिठास, मिर्च, मिलावट, मीनार, मुद्रा, मुराद, मुलाकात, मुसकान, मुसीबत, मुस्कराहट, मुहब्बत, मुहर, मूँग, मूँछ, मूर्खता, मेखला, मेहनत, मैना, मैल, मौज, मौत, मृत्यु आदि।
य– यमुना, याचना, यादगार, यातना, यात्रा, यामा, योजना आदि।
र– रक्षा, रचना, रात, राह, रेखा, रंगत, रकम, रंग, रगड़, रफ्तार, रस्म, राख, रामायण, राय, राहत, रियासत, रिमझिम, रीढ़, रुकावट, रूह, रेणु, रेत (बालू), रेल, रोक, रोकड़, रोर, रौनक, रोकटोक,रोटी आदि।
ल– लौंग, लड़ाई, लता, ललकार, लात, लहर, लार, लालटेन, लंका, लकीर, लगन, लगाम, लटक, लताड़, लचर, लज्जा, लट, लपक, ललक, ललकार, लहर, लात, लाज, लालमिर्च, लाश, लीक, लोटपोट, लू आदि।
व– वकालत, वायु, विद्या, विनय, वसीयत, विजय, विदाई, विधवा, व्यथा, विदुषी आदि।
श– शंका, शक्कर, शराब, शान, शाम, शरण, शर्त, शतरंज, शक्ल, शराफत, शबनम, शान, शाखा, शिखा, शिकायत, श्रद्धा।
स– सरसों, संस्कृत, संस्था, सजावट, सड़क, समझ, सभ्यता, समस्या, सरकार, ससुराल, साँझ, साँस, सिगरेट, सीमा, सुधा, सुविधा, सुबह, सूझ, सेना, सैर, साजिश, सनक, सन्तान (औलाद), सम्पदा, संसद आदि।
ह– हजामत, हड़ताल, हत्या, हवा, हलचल, हाय, हाट, हालत, हिंसा, हिचक, हिम्मत, हींग, हरकत, हड़प, हद, हकीकत, हिफाजत, हैसियत, हिम्मत आदि।
स्त्रीलिंग के शब्द और उनका वाक्य प्रयोग
स्त्रीलिंग शब्द | वाक्य प्रयोग |
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आदत | मुझे शराब पीने की आदत है। |
आय | मेरी आय ठीक है। |
आँख | उनकी आँख बहुत छोटी-छोटी हैं। |
आग | घर में आग लग गई। |
इच्छा | मेरी इच्छा सोने की हैं। |
ईट | ईंट बिलकुल पक चुकी है। |
ईर्ष्या | दूसरों से ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए |
उम्र | तुम्हारी उम्र लंबी है। |
ऊब | नीरस बातों से ऊब होती है। |
कब्र | कब्र खोदी जा चुकी है। |
कमर | मेरी कमर में बहुत दर्द है। |
कसम | मैंने उनकी कसम खायी है। |
कलम | कलम टूट चुकी है। |
खटिया | उसकी तो खटिया खड़ी हो गई। |
खोज | गुमशुदा व्यक्तियो की खोज अभी तक जारी है। |
खबर | उसकी मृत्यु की खबर गलत निकली थी। |
गर्दन | मेरी गर्दन फंस गई है। |
घूस | घूस बहुत ही बुरी चीज है। |
घात | चील साँप की घात में है। |
चमक | उनके चेहरे की चमक गायब हो चुकी है। |
चिढ | राम की चिढ बहुत महंगी पड़ी। |
चाल | घोड़े की चाल अच्छी होती है। |
चील | चील आकाश में उड़ रही है। |
छत | छत टूट चुकी है। |
जाँच | जाँच पूरी नहीं हुई है। |
जीभ | जीभ कटी नहीं है। |
जूं | मेरे सिर में जूं हो रही हैं। |
झंझट | झंझट में कभी नहीं पड़ना चाहिए। |
तांग | मरी तांग टूटने से बच गई है। |
ठेस | उसे बहुत ठेस लगी है। |
किताब | किताब बहुत पुराणी है। |
तबियत | उनकी तबियत ठीक है। |
थकावट | सारा दिन काम करने से शरीर में थकावट हो गई है। |
दीवार | दीवार गिर चुकी है। |
देह | उनकी देह बहुत मोटी है। |
धूप | धूप निकल गई है। |
नकल | मेरी नकल मत किया करो। |
नहर | नहर का पानी बहुत गंदा है। |
नब्ज | मै उसकी नब्ज पहचानता हूँ। |
प्रतिज्ञा | मेरी प्रतिज्ञा अटल है। |
फटकार | मैंने उसमे फटकार लगाई। |
बंदूक | यह सीता की बंदूक है। |
बर्फ | बर्फ गिर चुकी है। |
बालू | बालू पीली है। |
बूंद | पानी की बुँदे एक एक करके गिर रही हैं। |
भीख | भीख कभी नही देनी चाहिए। |
भीड़ | वहाँ पर भीड़ लग रही थी। |
भूख | मुझे भूख लग रही है। |
मूंछ | उनकी मूंछें नुकीली नहीं है। |
यात्रा | यात्रा अच्छी हुई थी। |
लाश | लाश सड चुकी है। |
लीक | यह लिक किस तरह की है। |
लु | लु चलने से उसे चक्कर आ गया। |
शराब | शराब बहुत महंगी है। |
विजय | युद्ध में उनकी विजय हुई। |
सजा | उसे दो साल की सजा हुई है। |
सडक | सडक बहुत छोटी है। |
साँझ | साँझ हो चुकी है। |
आपको जिस संज्ञा शब्द का लिंग पहचानना है पहले उसका बहुवचन में परिवर्तन कीजिए। बहुवचन में बदलने के बाद अगर शब्द के अंत में “ऍ” या “आँ” आये तो शब्द का लिंग “स्त्रीलिंग” है और अगर पीछे ऍ और आँ नहीं आता है तो वह पुल्लिंग होगा। जैसे:- पंखा – पंखे (अंत में “ऍ” या “आँ” नहीं आया है तो यह शब्द पुल्लिंग है।) और चाबी – चाबियाँ (अंत में “आँ” आया है तो यह शब्द स्त्रीलिंग हैं।)
स्त्रीलिंग से अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: FAQ
स्त्रीलिंग किसे कहते हैं? उदाहरण सहित लिखिए।
जिन शब्दों से स्त्री जाति का पता चलता है उसे स्त्रीलिंग कहते हैं। जैसे- हंसिनी, लडकी, बकरी, माता, औरत, शेरनी, नारी, झोंपड़ी, लोमड़ी आदि।
स्त्रीलिंग शब्द के उदाहरण लिखिए?
स्त्रीलिंग शब्दों के उदाहरण: कडवाहट, आहट, बनावट, शत्रुता, मूर्खता, मिठाई, छाया, प्यास, ईख, भूख, चोख, राख, कोख, लाख, देखरेख, झंझट, आहट, चिकनाहट, सजावट, इन्द्राणी, जेठानी, गंगा, यमुना, गोदावरी, सरस्वती, रावी, कावेरी, कृष्णा, व्यास, सतलुज, झेलम, ताप्ती, नर्मदा आदि।
स्त्रीलिंग का अर्थ क्या होता है?
जो शब्द स्त्री जाति का बोध कराएं, वे स्त्रीलिंग कहलाते हैं। जैसे- कुत्तिया, हथनी, शेरनी आदि।
स्त्रीलिंग शब्दों का वाक्य में प्रयोग करिए?
कुछ पुल्लिंग शब्द और उनका वाक्य में प्रयोग:
आँख– उनकी आँख बहुत छोटी-छोटी हैं।
आग– घर में आग लग गई।
ईर्ष्या– दूसरों से ईर्ष्या नहीं करनी चाहिए
उम्र– तुम्हारी उम्र लंबी है।
कब्र– कब्र खोदी जा चुकी है।
कमर– मेरी कमर में बहुत दर्द है।
कलम– कलम टूट चुकी है।
पढ़िए संस्कृत में लिंग और स्त्रीलिंग शब्द रूप: स्त्री शब्द के रूप, बालिका शब्द के रूप, लता शब्द के रूप, बाला शब्द के रूप, विद्या शब्द के रूप, मति शब्द के रूप, नदी शब्द के रूप, धेनु शब्द के रूप, वधू शब्द के रूप, भू (पृथ्वी) शब्द के रूप आदि।
उट स्त्रीलिंग बिल