पुल्लिंग – पुल्लिंग शब्द, अर्थ, परिभाषा, पहचान और उदाहरण

Pulling
Pulling

पुल्लिंग (Pulling)

पुल्लिंग की परिभाषा: जिन संज्ञा के शब्दों से पुरुष जाति का पता चलता है उसे पुल्लिंग कहते हैं। जैसे:- पिता, राजा, घोडा, कुत्ता, बन्दर, हंस, बकरा, लड़का, आदमी, सेठ, मकान, लोहा, चश्मा, दुःख, प्रेम, लगाव, खटमल, फूल, नाटक, पर्वत, पेड़, मुर्गा, बैल, भाई, शिव, हनुमान, शेर आदि।

पुल्लिंग शब्द: आदमी, कपड़ा, कुत्ता,  खटमल, घोड़ा, धन, नक्शा, नशा, पत्थर, पत्रकार, पोषण, फल, बकरा, बन्दर, बालक, भाग्य, भेड़िया, मटर, रबर, राजकुमार, राजा, रुमाल, लगान, लड़का, वसंत, शहद, शिशु, शेर, सोना आदि।

सजीव पुल्लिंग शब्द: आदमी, कुत्ता,  खटमल, घोड़ा, पत्रकार, बकरा, बन्दर, बालक, भेड़िया, राजकुमार, राजा, लड़का, शिशु, शेर आदि जैसे शब्द प्राणीवचक पुल्लिंग शब्द होते हैं।

निर्जीव पुल्लिंग शब्द: कपड़ा, धन, नक्शा, नशा, पत्थर, पोषण, फल, भाग्य, मटर, रबर, रुमाल, लगान, वसंत, शहद, सोना आदि जैसे शब्द अप्राणीवचक पुल्लिंग शब्द होते हैं।

अपवाद

इसके अंतर्गत वे शब्द आते है जो हिन्दी में स्त्रीलिंग प्रतीत होते हैं, परंतु वे पुल्लिंग शब्द ही होते हैं। जैसे- पक्षी, फरवरी, एवरेस्ट, मोतिया, दिल्ली, स्त्रीत्व आदि शब्द पुल्लिंग होते हैं।

ऐसे शब्द जो हिन्दी में पुल्लिंग प्रतीत होते हैं, परंतु वे शब्द स्त्रीलिंग ही होते हैं। जैसे:- जनवरी, मई, जुलाई, पृथ्वी, श्रीलंका, चाँदी, इमली, ज्वार, मक्खी, ज्वार, अरहर, मूंग, लस्सी, चाय, काफी, चटनी, इ, ई, ऋ, गर्दन, जीभ, अंगुली, आँख, नाक, उँगलियाँ, सभा, कक्षा, संतान, प्रथम, तिथि, रात, सायं, सन्ध्या, दोपहर, छाया, खटास, मिठास, मणि,  आदि शब्द स्त्रीलिंग होते हैं।

पुल्लिंग शब्द की पहचान

1. जिन शब्दों के पीछे ‘अ, त्व, आ, आव, पा, पन, न‘ आदि प्रत्यय आये वे पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- मन, तन, वन, शेर, राम, कृष्ण, सतीत्व, देवत्व, मोटापा, चढ़ाव, बुढ़ापा, लडकपन, बचपन, लेन -देन आदि।

2. पर्वतों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- हिमालय, हिमाचल, विघ्यांच्ल, सतपुड़ा, आल्प्स, यूराल, कंचनजंगा, एवरेस्ट, फूजियामा, कैलाश, मलयाचल, माउन्ट एवरेस्ट आदि।

3. दिनों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- सोमवार, मंगलवार, बुद्धवार, वीरवार, शुक्रवार, शनिवार, रविवार आदि।

4. देशों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- भारत, चीन, ईरान, यूरान, रूस, जापान, अमेरिका, पाकिस्तान, उत्तर प्रदेश, हिमाचल, मध्य प्रदेश आदि।

5. धातुओं के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- सोना, ताम्बा, पीतल, लोहा,चाँदी, पारा आदि।

6. नक्षत्रों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- सूर्य, चन्द्र, राहू, आकाश, शनि, बुद्ध, बृहस्पति, मंगल, शुक्र आदि।

7. महीनों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- फरवरी, मार्च, चैत, आषाढ़, फागुन आदि।

8. द्रवों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- पानी, तेल, पेट्रोल, घी, शरबत, दही, दूध आदि।

9. पेड़ों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- केला, पपीता, शीशम, सागौन, जामुन, बरगद, पीपल, नीम, आम, अमरुद, देवदार, अनार, अशोक, पलाश आदि।

10. सागर के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- हिन्द महासागर, प्रशांत महासागर, अरब महासागर आदि।

11. समय के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- घंटा, पल, क्षण, मिनट, सेकेंड आदि।

12. अनाजों के नाम भी पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- गेंहूँ, बाजरा, चना, जौ आदि।

13. वर्णमाला के अक्षरों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- अ, उ, ए, ओ, क, ख, ग, घ, च, छ, य, र, ल, व्, श आदि।

14. प्राणीवाचक शब्द हमेशा पुरुष जाति का ही बोध करते हैं। जैसे:- बालक, गीदड़, कौआ, कवि, साधु, खटमल, भेडिया, खरगोश, चीता, मच्छर, पक्षी आदि।

15. समूह वाचक संज्ञा भी पुल्लिंग होती है। जैसे:- मण्डल, समाज, दल, समूह, सभा, वर्ग, पंचायत आदि।

16. भारी और बेडौल वस्तु भी पुल्लिंग होती हैं। जैसे:- जूता, रस्सा, पहाड़, लोटा आदि।

17. रत्नों के नाम भी पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- नीलम, पुखराज, मूँगा, माणिक्य, पन्ना, मोती, हीरा आदि।

18. फूलों के नाम पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- गेंदा, मोतिया, कमल, गुलाब आदि।

19. द्वीप भी पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- अंडमान -निकोबार, जावा, क्यूबा, न्यू फाउंलैंड आदि।

20. शरीर के अंग पुल्लिंग होते हैं। जैसे:-हाथ, पैर, गला, अंगूठा, कान, सिर, मुंह, घुटना, ह्रदय, दांत, मस्तक आदि।

21. दान, खाना, वाला से खत्म होने वाले शब्द हमेशा पुल्लिंग होते हैं। जैसे:- खानदान, पीकदान, दवाखाना, जेलखाना, दूधवाला, दुकानवाला आदि।

22. आकारान्त संज्ञा पुल्लिंग होती है। जैसे:- गुस्सा, चश्मा, पैसा, छाता आदि।

संस्कृत के पुल्लिंग शब्द

संस्कृत लिंग और हिन्दी लिंग के कुछ एक शब्दों में अंतर होता है, इसलिए हिन्दी के कुछ स्त्रीलिंग शब्द संस्कृत में पुल्लिंग हो सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए पढ़ें – संस्कृत में लिंग

संस्कृत के कुछ पुल्लिंग शब्द इस प्रकार हैं:-

  1. सुर असुरवाची शब्द– सुरः, देवः, शिवः, दैत्यः, दानवः, बलि आदि।
  2. यज्ञ तथा पर्यायवाची– मुखः, ऋतुः, अध्वरः, अदिः, शैला, नगः, मेरू: आदि।
  3. मेघवाची– मेघः, घनः, नीरदः, पयोदः, वारिवाहः, बलाहकः आदि, किन्तु ‘अम्र’ शब्द नपुंसकलिंग में प्रयुक्त होता है।
  4. समुद्रवाची– अब्धिः, उदधिः, सागरः, वारिधिः, सिन्धुः, अर्णवः आदि।
  5. कालवाची– कालः, समयः, पक्षः, मासः आदि।
  6. यत्रान्त शब्द– मध्यरात्रः, अहोरात्र: आदि।
  7. वसन्त व अनन्त शब्द– चन्द्रमस, मेघस्, राजन्, आत्यन आदि।
  8. जिन शब्दों के अन्त में क,ष,ण, भ,म,य,र हो; यथा– लोक,वृष, गण, कुम्भ, धूम्र, शंकर आदि।
  9. प,थ,न,म,ट,स के अन्त वाले शब्द, जैसे– कूपः, निशीथः,फेनः,मन्यः वायसः, पट् आदि।
  10. घ, ब-घ कि इनम् प्रत्यान्त शब्द, यथा– निश्छन्दः, महिमः, गरिमः, लघिमः, विधि, निधि आदि।
  11. जिन शब्दों के अन्त में अहन् अथवा अहः होते हैं, वे शब्द पुल्लिंग होते हैं, किन्तु पुष्प तथा आम्र शब्द भी नपुंसकलिंग माना जाता है।

लिंग की पहिचान

आपको जिस संज्ञा शब्द का लिंग पहचानना है पहले उसका बहुवचन में परिवर्तन कीजिए। बहुवचन में बदलने के बाद अगर शब्द के अंत में “” या “आँ” आये तो शब्द का लिंग “स्त्रीलिंग” है और अगर पीछे ऍ और आँ नहीं आता है तो वह पुल्लिंग होगा। जैसे:-

  •  पंखा – पंखे (अंत में “” या “आँ” नहीं आया है तो यह शब्द पुल्लिंग है।)
  • चाबी – चाबियाँ (अंत में “आँ” आया है तो यह शब्द स्त्रीलिंग हैं।)

पुल्लिंग शब्दों का स्त्रीलिंग में परिवर्तन

पुल्लिंग स्त्रीलिंग
कवि कवियित्री
विद्वान विदुषी
नेता नेत्री
महान महती
साधु साध्वी
दादा दादी
बालक बालिका
घोडा घोड़ी
शिष्य शिष्या
छात्र छात्रा
बाल बाला
धोबी धोबिन
पंडित पण्डिताइन
हाथी हथिनी
ठाकुर ठकुराइन
नर मादा
पुरुष स्त्री
युवक युवती
सम्राट सम्राज्ञी
मोर मोरनी
सिंह सिंहनी
सेवक सेविका
अध्यापक अध्यापिका
पाठक पाठिका
लेखक लेखिका
दर्जी दर्जिन
ग्वाला ग्वालिन
मालिक मालकिन
शेर शेरनी
ऊँट ऊंटनी
गायक गायिका
शिक्षक शिक्षिका
वर वधू
श्रीमान श्रीमती
भेड़ भेडा
नाग नागिन
पडोस पड़ोसिन
मामा मामी
बलवान बलवती
नर तितली तितली
भेडिया मादा भेडिया
नर मक्खी मक्खी
कछुआ मादा कछुआ
नर चील चील
खरगोश मादा खरगोश
नर चीता चीता
भालू मादा भालू
नर मछली मछली
घोडा घोड़ी
देव देवी
लड़का लडकी
ब्राह्मण ब्राह्मणी
बकरा बकरी
चूहा चुहिया
चिड़ा चिड़िया
बेटा बिटिया
गुड्डा गुडिया
लोटा लुटिया
माली मालिन
कहार कहारिन
सुनार सुनारिन
लुहार लुहारिन
नौकर नौकरानी
चौधरी चौधरानी
देवर देवरानी
सेठ सेठानी
जेठ जेठानी
बाल बाला
सुत सुता
तपस्वी तपस्विनी
हितकारी हितकारिनी
स्वामी स्वामिनी
परोपकारी परोपकारिनी
दास दासी

पुल्लिंग शब्द के उदाहरण

अ- अरमान, अनार, अदरख, अपराध, अनाज, अनुसार, अनुसरण, अबरब, अबीर, अन्वय, अमृत, अपरिग्रह, अपहरण, अनुदान, अनुमोदन, अनुसन्धान, अपयश, अक्षत, अणु, अकाल, अक्षर, अनुच्छेद, अखरोट आदि।

आ- आलस्य, आचार, आईना, आचरण, आखेट, आभार, आलू, आवेश, आविर्भाव, आश्रम, आश्र्वासन, आसन, आषाढ़, आस्वादन, आहार, आसव, आशीर्वाद, आकाश, आयोग, आटा, आमंत्रण, आक्रमण, आरोप, आयात, आयोजन, आरोपण, आलोक, आवागमन, आविष्कार आदि।

अं, अँ, आँ- अंधड़, अंगूर, अंक, अंबर, अंकुश, अंगार, अंतरिक्ष, अंतर्धान, अंतस्तल, अंबुज, अंश, अंजन, अंचल, अंकन, अंगुल, अंकगणित, अंतःपुर, अंतःकरण, अँधेरा, अंधेर, अंबर, अंशु, आँसू आदि।

ओ, औ– ओठ, ओल, ओला, औजार, औसत आदि।

इ, ई- इजलास, इन्द्रासन, इकतारा, इलाका, इजहार, इनाम, इलाज, इस्तीफा, इस्पात, इस्तेमाल, इन्तजार, इन्साफ, इलजाम, इत्र, ईंधन आदि।

उ, ऊ- उद्धार, उतार, उपवास, उफान, उबटन, उबाल, उलटफेर, उपादान, उपकरण, उत्पादन, उत्कर्ष, उच्छेदन, उत्तरदायित्व, उत्तरीय, उत्ताप, उत्साह, उत्सर्ग, उदय, उद्गार, उद्घाटन, उद्धरण, उद्यम, उन्माद, उन्मूलन, उपकार, उपक्रम, उपग्रह, उपचार, उपनयन, उपसर्ग, उपहास, उपाख्यान, उपालंभ, उल्लंघन, उल्लास, उल्लू, उल्लेख, ऊख, ऊन, ऊखल, ऊधम आदि।

क- कण्ठ, कपूर, कर्म, कम्बल, कलंक, कपाट, कछार, कटहल, कफन, कटोरा, कड़ाह, कलह, कक्ष, कच्छा, कछुआ, कटिबन्ध, कदम्ब, कनस्तर, कफ, कबाब, कब्ज, करकट, करतल, कर्णफूल, करार, करेला, कलाप, कलेवर, कल्प, कल्याण, कल्लोल, कवच आदि।

का- काग, काजल, काठ, कार्तिक, काँच (शीशा), कानन, कार्य, कायाकल्प आदि।

कि, की- कित्रर, किमाम, किसलय, कीर्तन, कीचड़ आदि।

कु, कू- कुँआ, कुटीर, कुतूहल, कुमुद, कुल, कुहासा, कुशल, कुष्ट, कूड़ा आदि।

के, को, कौ- केवड़ा, केंकड़ा, केराव, केशर, केश, कोटर, कोल्हू, कोढ़, कोदो, कीप, कोष(श), कोहनूर, कोष्ठ, कोट, कौतूहल, कौर, कौआ,कौशल आदि।

ख- खँडहर, खजूर, खटका, खटमल, खपड़ा, खरगोश, खरबूजा, खराद (यन्त्र), खर्राटा, खलिहान, खाँचा, खाका, खान(पठान), खान-पान, खार, खिंचाव, खीर-मोहन, खीरा, खुमार, खुदरा, खुर, खुलासा, खूँट(छोर), खूँटा, खेमा, खेल, खेलवाड़, खोंचा, खोआ आदि।

ग- गंजा, गन्धक, गन्धराज, गगन, गज, गजट, गजब, गठबन्धन, गढ़, गदर, गद्य, गबन, गमन, गरुड़, गर्जन, गर्व, गर्भाशय, गलसुआ, गलियारा, गलीचा, गश, गाँजा, गार्हस्थ्य, गिरजा, गिरगिट, गड्ढा, गुणगान, गोदाम, गुनाह, गुंजार, गुलाब, गुलाम, गिला, गूदा, गोंद, गेंद, गोत्र, गोधन, गोलोक, गौरव, ग्रह, ग्रीष्म, ग्रहण, ग्रास, गिलाफ, गिद्ध आदि।

घ- घट, घटाटोप, घटाव, घड़ा, घड़ियाल, घन, घराना, घपला, घर्षण, घाघरा, घाघ, घाटा, घात (चोट), घाव, घी, घुँघरू, घुटना, घुन, घुमाव, घूँघट, घूँट, घृत, घेघा, घोंघा, घोटाला, घोल आदि।

च- चंगुल, चण्डमुण्ड, चन्दन, चन्द्रमा, चन्दनहार, चन्द्रबिन्दु, चन्द्रहार, चन्द्रोदय, चकमा, चकला, चकवा, चकोर, चक्कर, चक्र, चक्रव्यूह, चटावन, चढाव, चढ़ावा, चप्पल, चमगादड़, चमत्कार, चमर, चम्मच, चम्पक, चयन, चर्खा, चरागाह, चर्स, चलचित्र, चलन, चालान, चषक, चाँटा, चाँद, चाक, चातक, चातुर्य, चाप (धनुष), चाबुक, चाम, चरण, चाकू, चाव, चिन्तन, चित्रकूट, चित्रपट, चिरकुट, चिराग, चीता, चीत्कार, चीर, चीलर, चुम्बक, चुम्बन, चुनाव, चुल्लू, चैन, चोकर, चौक, चौपाल आदि।

छ- छन्द, छछूँदर, छज्जा, छटपट, छत्ता, छत्र, छप्पर, छलछन्द, छाजन, छार, छिद्र, छिपाव, छींटा, छेद, छोआ, छोर आदि।

ज- जख्म, जमघट, जहाज, जंजाल, जन्तु, जड़ाव, जत्था, जनपद, जनवासा, जप, जमाव, जलधर, जलपथ, जलपान, जाँता, जाकड़, जाम, जाप, जासूस, जिक्र, जिगर, जिन, जिहाद, जी, जीरा, जीव, ज्वारभाटा, जुआ, जुकाम, जुर्म, जुलाब, जुल्म, जुलूस, जूड़ा, जेठ, जेल, जौ, जैतून, जोश, ज्वर आदि।

– झंझा, झंझावात, झकझोर, झकोर, झाड़ (झाड़ी), झंखाड़, झाल (बाजा), झींगुर, झुण्ड, झुकाव, झुरमुट, झूमर आदि।

– टण्टा, टमटम, टकुआ, टाट, टापू, टिकट, टिकाव, टिफिन, टीन, टमाटर, टैक्स आदि।

– डंक, डंड, डण्डा, डब्बा, डमरू, डर, डीह, डोल, डेरा आदि।

ढ- ढक्कन, ढेला, ढाँचा, ढोंग, ढाढस, ढंग, ढोल, ढकना, ढिंढोरा, ढेर आदि।

त- तम्बाकू, तम्बूरा, तकिया, तन, तनाव, तप, तबला, तमंचा, तरकश, तरबूज, तराजू, तल, ताण्डव, ताज, तार, ताला, तालाब, ताश, त्रिफला, तिल, तिलक, तिलकुट, तीतर, तीर, तीर्थ, तेजाब, तेल, तेवर, तोड़-जोड़, तोड़-फोड़, तौल, तौलिया, त्रास, तख्ता, तंत्र आदि।

थ- थन, थप्पड़, थल, थूक, थोक, थाना, थैला आदि।

द- दंड, दबाव, दर्जा, दर्शन, दरबार, दहेज, दाँत, दाग, दाम, दही, दिन, दिमाग, दिल, दीपक, दीया, दुःख, दुशाला, दूध, दृश्य, देहात, देश, द्वार, द्वीप, दर्द, दुखड़ा, दुपट्टा, दंश, दफा, दालान, दलाल, दानव, दाय, दास, दिखाया, दिमाग, दिल, दीपक, दुलार, दुशाला, दूध, दृश्य, दैत्य, दोष, दौरान, द्वार, द्वीप, द्वेष, दफ्तर आदि।

ध- धन्धा, धक्का, धड़, धन, धनुष, धर्म, धान, धाम, धैर्य, ध्यान, धनिया, धुआँ आदि।

न- नकद, नक्षत्र, नग, ननिहाल, नभ, नगर, नमक, नसीब, नरक, नल, नाख़ून, निबाह, नियम, निर्झर, निगम, निवास, निवेदन, निशान, निष्कर्ष, नीबू, नीर, नीलम, नीलाम, नृत्य, नेत्र, नैवेद्य, न्याय, नमस्कार, नक्शा, नगीना, नशा, न्योता आदि।

प- पंक्षी, पकवान, पक्ष, पक्षी, पत्र, पड़ोस, पतंग, पनघट, पतलून, पतन, पत्थर, पद, पदार्थ, पनीर, पपीहा, पर्दा, परमाणु, परलोक, पराग, परिचय, परिणाम, परिवर्तन, परिवार, पर्व, पल्लव, पहर, पहिया, पाखण्ड, पाचन, पाताल, पापड़, पाला, पिल्लू, पीताम्बर, पीपल, पुआल, पुराण, पुरस्कार, पुल, पुलक, पुस्तकालय, पूर्व, पोत, पोल, पोषण, पाजामा, प्याज, प्रकोप, प्रयोग, प्रतिफल, प्रतिबन्ध, प्रत्यय, प्रदेश, प्रभाव, प्रलय, प्रसार, प्रातः, प्रारम्भ, पैसा, प्राण, पेट, पौधा, प्यार, पहरा, पानी आदि।

फ- फर्क, फर्ज, फर्श, फल, फसाद, फाटक, फल, फूल, फेन, फेफड़ा, फेर, फेरा, फतिंगा आदि।

ब– बण्डल, बन्दरगाह, बखान, बबूल, बचपन, बचाव, बड़प्पन, बरतन, बरताव, बल, बलात्कार, बहाव, बहिष्कार, बाँध, बाँस, बाग, बाज, बाजा, बाजार, बादाम, बेलन, बेला, बेसन, बोझ, बोल, बैर, बगीचा, बादल, बुढ़ापा, बटन, बिल, बुखार, बीज, बिछावन, बेंत, बदला आदि।

भ- भण्डाफोड़, भँवर, भजन, भवन, भत्ता, भरण, भस्म, भाग्य, भाल, भाव, भाषण, भिनसार, भुजंग, भुलावा, भूकम्प, भेदभाव, भेड़िया, भोज, भोर, भरोसा आदि।

म- मंच, मंजन, मण्डन, मजा, मटर, मसूर, मतलब, मद्य, मच्छर, मनसूबा, मनोवेग, मरहम, मरोड़, मवेशी, मलय, मलाल, महुआ, माघ, माजरा, मिजाज, मील, मुकदमा, मुरब्बा, मुकुट, मूँगा, मृग, मेघ, मेवा, मोक्ष, मोती, मोतीचूर, मोम, मोर, मोह, मौन, म्यान, मुरब्बा, मक्खन आदि।

य- यन्त्र, यति (संन्यासी), यम, यश, यातायात आदि।

र- रक्त, रबर, रमण, रहस्य, राग, रासो, रूपा, रेत, रोग, रोमांच, रिवाज, रूमाल आदि।

ल- लंगर, लक्ष्य, लगान, लगाव, लटकन, लाघव, लालच, लिहाज, लेख, लेप, लोप, लोभ, लेनदेन आदि।

व- वजन, वज्र, वन, वनवास, वर, वसन्त, वार, विकल्प, विक्रय, विघटन, विमर्श, विलास, विष, विवाद, विसर्जन, विस्फोट, विहार, वैष्णव, व्यंजन, व्यय, व्याख्यान, व्याज, व्यास, व्यूह आदि।

श- शंख, शक, शनि, शर, शव, शरबत, शहद, शाप, शिखर, शीर्ष, शील, शुक्र, शून्य, शोक, श्रम, श्र्वास आदि।

स- संकट, संकेत, संकोच, संखिया, संगठन, संगम, संचार, संयोग, सन्दूक, संन्यास, सम्पर्क, सम्बन्ध, संविधान, सतू, सफर, समीर, सर, सरोवर, सहन, सहयोग, सहारा, साग, साधन, साया, सार, सिंगार, सिन्दूर, सियार, सिर, सिल्क, सींग, सुमन, सुराग, सूअर, सूत, सूत्र, सूना, सूद, सूप, सेतु, सेब, सेवन, सोच, सोन, सोना, सोफा, सोम, सोहर (गीत), सौभाग्य, सौरभ, स्तर, स्थल, स्पर्श, स्वरूप, स्वर्ग, सवर्ण, स्वाद आदि।

ह- हंस, हक, हमला, हरण, हरिण, हल, हवाला, हार (माला), हाल (समाचार, दशा), हास्य, हित, हिल्लोल, हीरा, हेरफेर, हैजा, होंठ, होश, ह्रास आदि।

पुल्लिंग शब्द और उनका वाक्य प्रयोग

पुल्लिंग शब्द वाक्य प्रयोग
अकाल राजस्थान में भीषण अकाल पड़ा था।
अपराध उनका अपराध क्षमा के योग्य है।
अम्बार किताबों का अम्बार लगा हुआ है।
आँसू मोहन के आँसू निकल पड़े।
आईना आईना टूट गया।
आयोजन पूजा का आयोजन हो रहा है।
इत्र यह जैस्मिन का इत्र है।
ईंधन ईंधन जला दिया गया।
उमंग मन में उमंग बहुत अच्छी होती है।
कंबल कंबल बहुत मोटा है।
कफन कफन थोडा छोटा है।
कवच यह सूअर की खाल का कवच है।
कीचड़ कीचड़ सुख गया।
कुआँ कुआँ गहरा है।
कुहासा कुहासा छाया हुआ है।
क्रोध क्रोध आदमी को पागल कर देता है।
खलिहान रामू का खलियान जल गया है।
गिरगिट गिरगिट रंग बदल सकता है
गीत वह गीत अच्छा नहीं है।
गुनाह उसका गुनाह क्या है।
घर घर साफ बना है।
घाव घाव पक कर गहरा हो गया है।
घी घी महँगा है।
चाबुक तुम्हारा चाबुक गिर गया है।
चुनाव चुनाव आने वाला है।
छप्पर वह लकड़ी का छप्पर है।
जख्म जख्म हर हो गया है।
जहाज जहाज डूब गया है।
जुलुस जुलूस लम्बा चलेगा।
जेल यह मुम्बई का जेल है।
जौ जौ का स्वाद अच्छा नहीं होता है।
टिकट यह बस का टिकट है।
तकिया यह रश्मी का तकिया है।
तीर हाथ से अचानक तीर छुट गया।
तौलिया यह स० डी० ओ० का तौलिया है।
दंगा दंगा अच्छा नहीं होता है।
दही दही बहुत खट्टा होता है।
दाग पान का दाग नहीं छूटता है।
नकद उसने खरीद के नकद पैसे दिए हैं।
नीड़ मेरा तो नीड़ उजड़ गया है।
नीलाम जमीन को नीलाम होना ही है।
पतंग पतंग उड़ रहा है।
पर्वत पर्वत बहुत ऊँचा है।
पहिया पहिया टूट चूका है।
पानी पानी साफ है।
प्राण उसके प्राण उड़ गये।
फर्ज हमारे प्रति उनका फर्ज बहुत ही ऊँचा है।
बचपन सभी का बचपन बहुत सुंदर होता है।
बोझ उसके सिर पर बोझ रखा है।
भोर भोर हो चूका है।
मोती मोती चमकता रहता है।
मोम मोम पिघल रहा है।
रुमाल रुमाल फटने वाला है।
वृक्ष वृक्ष सुख चूका है।
शोक उन्हें गाने का शोक है।
सींग गाय के दो सींग होते हैं।
हार यह हार बहुत महँगा है।
होश उनके होश उड़ चुके हैं।

आपको जिस संज्ञा शब्द का लिंग पहचानना है पहले उसका बहुवचन में परिवर्तन कीजिए। बहुवचन में बदलने के बाद अगर शब्द के अंत में “” या “आँ” आये तो शब्द का लिंग “स्त्रीलिंग” है और अगर पीछे ऍ और आँ नहीं आता है तो वह पुल्लिंग होगा। जैसे:- पंखा – पंखे (अंत में “” या “आँ” नहीं आया है तो यह शब्द पुल्लिंग है।) और चाबी – चाबियाँ (अंत में “आँ” आया है तो यह शब्द स्त्रीलिंग हैं।)

पुल्लिंग से अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न: FAQ

पुल्लिंग किसे कहते हैं? लिखिए।

ऐसे शब्द जिनसे पुरुष जाति का पता चलता है उसे “पुल्लिंग” कहते हैं। जैसे:- पिता, राजा, घोडा, कुत्ता, बन्दर, हंस, बकरा, शेर आदि।

पुल्लिंग शब्द के उदाहरण लिखिए

पुल्लिंग शब्दों के उदाहरण: लड़का, आदमी, सेठ, मकान, लोहा, चश्मा, दुःख, प्रेम, लगाव, खटमल, फूल, नाटक, पर्वत, पेड़, मुर्गा, बैल, भाई, शिव, हनुमान, शेर आदि।

पुल्लिंग का अर्थ क्या होता है?

जो शब्द पुरुष जाति का बोध कराएं, वे पुल्लिंग कहलाते हैं। जैसे- कुत्ता, हाथी, शेर पुल्लिंग आदि।

पुल्लिंग शब्दों का वाक्य में प्रयोग करिए?

कुछ पुल्लिंग शब्द और उनका वाक्य में प्रयोग:
कंबल- कंबल बहुत मोटा है।
कफन- कफन थोडा छोटा है।
कवच- यह सूअर की खाल का कवच है।
कीचड़ कीचड़ सुख गया।
क्रोध- क्रोध आदमी को पागल कर देता है।
गिरगिट- गिरगिट रंग बदल सकता है।
गीत- वह गीत अच्छा नहीं है।
गुनाह- उसका गुनाह क्या है।

पढिए संस्कृत में लिंग और पुल्लिंग शब्द रूप: पुरुष शब्द के रूप, राम शब्द रूप, बालक शब्द रूप, शिक्षक शब्द रूप, पति शब्द रूप, कवि शब्द रूप, साधू शब्द रूप आदि।