पदार्थों का वर्गीकरण (Padarth Ka Vargikaran)

Padarth Ka Vargikaran
Padarth Ka Vargikaran

Padarth Ka Vargikaran

दुनिया में जो भी वस्तु जिस भी सामग्री की बनी होती है और जो स्थान व्यक्ति है जिसका द्रव्यमान होता है वह पदार्थ कहलाती है कोई भी पदार्थ किसी भी अवस्था में मिल सकता है जैसे कि ठोस अवस्था में द्रव्य अवस्था में या गैसीय अवस्था में और कुछ पदार्थ ऐसे होते हैं जो हमें तीनों अवस्था में मिल जाते हैं जैसे कि पानी अगर पानी की बर्फ बना दें तो वह ठोस अवस्था में हो जाता है और अगर उसे गरम कर दें तो वह गैसीय अवस्था में हो जाता है और अगर पानी को सामान्य तापमान पर रखे तो वह तरल बना रहता है.

वस्तुओं द्वारा घिरा हुआ स्थान उस वस्तु का आयतन कहलाता है सभी वस्तुएं सिद्धांतों खेलती हैं लेकिन समान रुप से नहीं करती कुछ वस्तुएं कम स्थान गिरती है और कुछ वस्तुएं ज्यादा स्थान गिरती है जैसे की एक किताब एक पेन के मुकाबले ज्यादा स्थान गिरेगी सभी वस्तुओं का भार होता है लेकिन उन सभी वस्तुओं का भार उनके अणुओं के ऊपर निर्भर करता है दो समान आकार की वस्तुओं का भार अलग अलग हो सकता है जैसे कि पारा का भाग पानी के मुकाबले ज्यादा होता है और सभी पदार्थों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है.

पदार्थों का वर्गीकरण

  1. ठोस
  2. द्रव
  3. गैस

 ठोस

ऐसे पदार्थ जिनका आकार और भार हमें दोनों पता हो ऐसे पदार्थ ठोस पदार्थ कहलाते हैं जैसे कि लकड़ी, इंट.  ठोस पदार्थ के कारण एक दूसरे के बहुत ज्यादा पास होते हैं और इनके बीच में खाली स्थान बहुत ही कम होता है जिसके कारण उनके बीच का आकर्षण बल बहुत ज्यादा हो जाता है और इसीलिए इनका एक निश्चित आकार और भार बन जाता है.

ठोस पदार्थों के गुण

  1. आकृति और आयतन  -ठोस पदार्थो की आकृति और उसके आयतन निश्चित होते है .
  2.  घनत्व -ठोस पदार्थ का घनत्व उच्च होता है किसी द्रव्य के इकाई आयतन का उसका घनत्व कहलाता है !
    घनत्व=द्रव्यमान/आयतन
  3.  द्रवनांक और क्वथनांक -ठोस पदार्थो के द्रवनांक और क्वथनांक हमेशा उच्च होते है.( *ठोस पदार्थ के द्रवनांक और क्वथनांक कमरे के ताप से अधिक होते है)
  4.  कणों की अवस्था – ठोस पदार्थ में उसके अवयवी कण नियमित रूप से सजे रहते है.जिसे जालक कहते है.
  5.  संपीड्यता – ठोस पदार्थ असंपीड्य (Incompressibility) होते हैमतलब  ठोस पदार्थ पर दाब बढ़ाकर या दाब घटाकर उनके आयतन को घटाया बढाया नहीं जा सकता है .
  6.  बहाव – ठोस पदार्थो में बहावो की प्रवृति नहीं होती है.
  7.  प्रसार या संकुचन -ठोस पदार्थ को गर्म या ठंडा करने पर इनका प्रसार या संकुचन बहुत ही कम होता है !
  8.  उर्ध्वपातन  – वह प्रक्रिया ,जिसमें कोई ठोस पदार्थ गर्म किये जाने पर बिना द्रव्य रूप में परिणत हुए सीधे वाष्प की अवस्था में बदल जाता है और उस वाष्प को ठंडा करने पर वह बिना द्रव रूप में परिणत हुए सीधे ठोस की मूल अवस्था में परिवर्तित हो जाता है , उर्ध्वपातन कहलाती है ! उर्ध्वपातन के फलस्वरूप प्राप्त ठोस पदार्थ उर्ध्वपात  कहलाता है ! उदाहरण -अमोनियम क्लोराइड(नोसादर),आयोडीन ,कर्पुर(कर्पूर),नेप्थलीन इत्यादि .
  9.  प्रसरण  -प्रसरण वह प्रक्रिया है जिसमे किसी द्रव के कण किसी अन्य द्रव्य में प्रवेश करते है.

द्रव

जिस पदार्थ का भार निश्चित हो लेकिन आकार निश्चित ना हो उस पदार्थ को द्रव्य पदार्थ कहते हैं और इसका एक ही मुखपृष्ठ होता है जैसे दूध, जल  . द्रव्य पदार्थ के कारण एक दूसरे से काफी दूर दूर होते हैं और इनके कणों के बीच में काफी खाली स्थान होता है जिसके कारण उनका आकर्षण बल भी कमजोर होता है लेकिन इनका आकर्षण बल इतना कमजोर नहीं होता कि इनके करें एक दूसरे से बिल्कुल अलग हो जाएं इसीलिए द्रव्य पदार्थ का एक निश्चित आकार नहीं होता पर एक तिनका एक निश्चित भार होता है और यह बर्तन के आकार के अनुसार ही अपना आकार बदल लेते हैं.

द्रव  पदार्थों के गुण

  1. आकृति और आयतन – द्रव की आकृति निश्चित नहीं होती है, किन्तु उसका आयतन निश्चित होता है.
  2.  घनत्व  -द्रव का घनत्व उसके ठोस रूप के घनत्व से कम होता है.
  3.  संपीड्यता  – द्रव हमेशा असंपीड्य (Incompressibility) होते है ! लेकिनठोस की तुलना में ये थोडे अधिक संपीड्य होते है .
  4.  द्रवनांक और क्वथनांक  – द्रवों के द्रवनांक और क्वथनांक ठोस पदार्थो से हमेशा ही कम होते है.
  5.  तरलता  – द्रव पदार्थो में आसानी से  बहने  लगते है  .
  6.   द्रव का जमना  – किसी भी द्रव का ठोस के रूप में परिवर्तन द्रव का जमना कहलाता है.
  7.   वाष्पन – किसी द्रव का कमरे के ताप या द्रव के क्वथनांक के नीचे के तापों पर वाष्प बनकर धीरे धीरे वायुमंडल में जाने की प्रक्रिया वाष्पन कहलाती है !
  8.  क्वथन और क्वथनांक  -जब किसी द्रव का वाष्पदाब वायुमंडलीय दाब के बराबर हो जाता है ,तब वह द्रव उबलने लगता है ! द्रव को गर्म करने पर उसका वाष्प दाब क्रमशः बढ़ने लगता है ! जब द्रव का वाष्पदाब बढ़कर वायुमंडल के दाब के बराबर हो जाता है ,तब द्रव उबलने लगता है ! जिस ताप पर द्रव उबलना प्रारंभ करते है उस ताप को द्रव का क्वथनांक कहते है और यह प्रक्रिया क्वथन या उबलना कहलाती है.

गैस

ऐसे पदार्थ जिनका कोई आकार नहीं होता और इनका भार भी निश्चित नहीं होता और यह बहुत ही आसानी से संपीडित (Compressed) हो जाते हैं और इनका कोई मुख्यपृष्ठ नहीं होता जैसे कि भाप , नाइट्रोजन, हाइड्रोजन . गैसीय पदार्थ केक करण एक दूसरे से बहुत ज्यादा दूर होते हैं और इनके बीच का खाली स्थान भी बहुत ज्यादा होता है जिनके कारण इनके बीच का आकर्षण बल ना के बराबर हो जाता है और यह इसी कारण सभी दिशाओं में पहन सकते हैं और इसी कारण इनका कोई आकार नहीं होता और ना ही कोई निश्चित भार होता है लेकिन इन्हें बहुत ही आसानी से संपीड़ित किया जा सकता है ।

गैस पदार्थों के गुण:-

  1. आकृति और आयतन – गैस की ना तो कोई निश्चित आकृति होती है और न कोई निश्चित आयतन ! इसे जिस बर्तन में रखा जाता है उसी बर्तन की आकृति और आयतन ग्रहण कर लेती है
  2. पदार्थों का घनत्व – ठोस एवं द्रवों की तुलना में गैसों के घनत्व निम्न होते है .
  3. पदार्थों का द्रवनांक और क्वथनांक – सामान्य वायुमंडलीय दाब पर किसी गैस के द्रवनांक और क्वथनांक कमरे के ताप से कम होते है .
  4. संपीड्यता – गेसों की संपीड्यता बहुत अधिक होती है .
  5. ऊष्मा और ठण्ड का प्रभाव – गर्म या ठंडा करने पर गैस को क्रमशः प्रसारित या संकुचित किया जा सकता है .
  6. गैसों का प्रसरण या विसरण – घनत्व में अन्तर रहते हुए भी गैसों के परस्पर मिश्रित हो जाने की स्वाभाविक प्रक्रिया को गैसों का प्रसरण या विसरण कहते है .
  7. गैसों का संघनन – पदार्थ के गैसीय रूप का द्रव रूप में परिवर्तन गैस का संघनन कहलाता है .
    गैस का दाब -बर्तन की दीवारों के प्रति इकाई क्षेत्रफल पर गैस के कणों द्वारा आरोपित बल गैस का दाब कहलाता है .
  8. द्रवनांक – वह ताप जिसपर कोई ठोस पदार्थ द्रव अवस्था में परिवर्तित होता है, उसे उस ठोस पदार्थ का द्रवनांक कहते है . (* ठोस पदार्थ का द्रव में परिवर्तन ठोस पदार्थ का द्रवण कहलाता है .)
  9. द्रव का क्वथनांक – जिस ताप पर कोई पदार्थ द्रव की अवस्था से गैसीय या वाष्प की अवस्था में परिवर्तित होता है वह ताप द्रव का क्वथनांक कहलाता है.
  10. वाष्पन की गुप्त ऊष्मा – क्वथनांक पर किसी द्रव के गैस में परिवर्तित होने पर जितनी ऊष्मा का अवशोषण होता है, उसे वाष्पन की गुप्त ऊष्मा कहते है.
  11. पदार्थों का संघनन – वह प्रक्रिया जिसमें कोई पदार्थ गैस की अवस्था से द्रव की अवस्था में परिवर्तित होता है.संघनन कहलाता है.
  12. पदार्थों का हिमांक – वह ताप जिसपर कोई पदार्थ द्रव की अवस्था से ठोस की अवस्था में परिवर्तित होता है, द्रव का हिमांक कहलाता है,और यह प्रक्रिया द्रव का जमना कहलाता है.

पदार्थों से संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर

1. हमारे चारों तरफ की वस्तुएं हमें अलग-अलग क्यों दिखाई देती है?
उत्तर .  हमारे चारों तरफ की वस्तुएं हमें उनके आकार और बनावट के कारण अलग अलग दिखाई देती है.

2. पदार्थों के 5 उदाहरण?
उत्तर . पुस्तक तेल  जल पेड़  पत्थर.

3. पंच तत्व कौन से होते हैं?
उत्तर . आकाश ,जल, अग्नि ,पृथ्वी और वायु.

4. पदार्थ किससे मिलकर बनते हैं?
उत्तर . पदार्थ कणों से मिलकर बनते हैं.

5. पदार्थ की करण कितने छोटे हो सकते हैं?
उत्तर . पदार्थों के गुण अंतिम छोटे होते हैं जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते.

6.  अगरबत्ती की सुगंध दूर तक किस कारण फैल जाती है?
उत्तर . अगरबत्ती के पदार्थ के कणों के लगातार गतिशील रहने के कारण इसकी सुगंध दूर दूर तक फैल जाती है.

7. CNG का पूरा नाम क्या है
उत्तर . कंप्रेस्ड नेचुरल गैस जबाब रहित प्राकृतिक गैस

8. घरों में ईंधन के रूप में कौनसी गैस का उपयोग होता है
उत्तर . LPG लिक्विड पेट्रोलियम गैस द्रवित पेट्रोलियम गैस.

9. वाहनों में कौन सी गैस का उपयोग होता है
उत्तर . कंप्रेस्ड नेचुरल गैस संपीडित प्राकृतिक गैस CNG.

10. पानी किन किन अवस्थाओं में पाया जाता है
उत्तर . पानी ठोस द्रव और गैस अवस्था में पाया जाता है पानी ठोस अवस्था में बर्फ के रूप में होता है और सामान्यता तरल होता है और गर्म करने पर यह गैस का रूप ले लेता है.

11. सभी पदार्थ एक जैसे मजबूत क्यों नहीं होते
उत्तर . पदार्थों की मजबूती उनके बीच के आकर्षण बल के ऊपर निर्भर होती है और सभी पदार्थों के आकर्षण बल अलग-अलग होते हैं इसीलिए सभी पदार्थ एक जैसे मजबूत नहीं होते.

12. विसरण किसे कहते हैं
उत्तर . किसी दो अलग-अलग पदार्थों के कणों का अपने आप मिल जाना विसरण कहलाता है

13. जल का क्वथनांक कितना होता है
उत्तर . जल का क्वथनांक 373 K (100 डिग्री सेल्सियस) होता है.

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