Planets Name In Hindi and English : ग्रह ऐसे आकाशीय पिंड को कहा जाता है जो सूर्य या अन्य किसी तारे की परिक्रमा करते हैं। अर्थात किसी तारे के चारों ओर घूमने वाले विशेष आकार के नक्षत्रों को ग्रह कहा जाता है। सूर्य और उसके चारों ओर घूमने वाले ग्रहों के समूह को सौरमंडल कहते हैं। इन ग्रहों के समूहों में पृथ्वी भी आती है, जिस पर हमारा घर स्थित है। हमारे सौरमंडल में वर्तमान में कुल आठ ग्रह हैं।
आइये पहले इन सभी 8 ग्रहों के नाम हिंदी और इंग्लिश में जानते हैं (All 8 planets name in English and Hindi with picture) इसके बाद हम ये देखेंगे की सौरमंडल क्या है, ग्रह क्या है, तथा सभी 8 ग्रहों के बारे में विस्तार से जानेंगे।
सौरमंडल क्या है (What is solar system In Hindi)
सौरमंडल एक विज्ञानिक शब्द है जो खगोलशास्त्र (Astronomy) में प्रयुक्त होता है, और यह अंतरिक्ष में हमारे सौर सिस्टम को आकार देने वाले एक बड़े क्षेत्र को सूचित करता है। सौरमंडल आकार में एक बड़े वृत्त जैसा होता है और इसमें हमारे सौर सिस्टम के सभी ग्रह, उपग्रह, चंद्रकिरण, और अन्य खगोलिक वस्तुएँ शामिल होती हैं।
हमारे सौरमंडल में सबसे महत्वपूर्ण खगोलिक वस्तु है सूर्य, जो हमारे सौर सिस्टम का केंद्र है और इसके चारों ओर ग्रह और उनके उपग्रह सब चक्कर लगाते हैं। कुल मिलाकर, हमारे सौरमंडल में आठ प्रमुख ग्रह होते हैं: मर्करी, वीनस, पृथ्वी, मंगल, जुपिटर, सैर्टन, यूरेनस, और नेपच्यून। इसके अलावा, बहुत सारे छोटे ग्रह, कुएं, तारागण, और अन्य खगोलिक वस्तुएँ भी हमारे सौरमंडल के हिस्से हैं।
सौरमंडल का अध्ययन खगोलशास्त्र का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, और इसका अध्ययन हमें हमारे सौर सिस्टम के ग्रहों और अन्य खगोलिक प्रकृति की अधिक जानकारी प्राप्त करने में मदद करता है।
ग्रह क्या है (What is the planet in Hindi)
ग्रह (Planet) खगोलशास्त्र (Astronomy) में एक खगोलिक वस्तु होती है जो आकार में गोला जैसी होती है और अपने आस-पास का अंतरिक्ष में घूमती रहती है। ग्रह विभिन्न आदिकारणों में होते हैं जैसे कि पृथ्वी, मंगल, वीनस, यूरेनस, और जुपिटर, तथा ये सूर्य के चारों ओर घूमते हैं।
ग्रहों के बारे में कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ होती हैं:
- गोलाकार: ग्रह अपने आकार के कारण गोलाकार होते हैं और अपने आस-पास के आकार के किसी और खगोलिक वस्तु को अपनी ग्राविटेशनल आकर्षण के कारण अपनी चारों ओर लबाते हैं।
- ग्राविटेशनल आकर्षण: ग्रह स्वयं के चारों ओर के वस्तुओं को अपनी ग्राविटेशनल आकर्षण के कारण अपने पास खींचते हैं, जिसके कारण वे सबसे आस-पास की पदार्थों को अपने चारों ओर घुसने से रोकते हैं।
- प्रकृति: ग्रहों के पास अपनी विशेष प्रकृति होती है, जैसे कि वीनस की गर्मी और नाभिकीय घनत्व, मंगल की सूखापन और बारूदी दृष्टि, जुपिटर की बड़ी आकार और बाढ़ की गति आदि।
- घूमने की गति: ग्रह अपने आकार और सूचन के हिसाब से अपने मात्रिक तारे (सूर्य) के चारों ओर घूमते हैं। इसका अर्थ है कि वे नियमित अंतरालों पर अपने चारों ओर चक्कर लगाते हैं।
ग्रहों का अध्ययन खगोलशास्त्र में महत्वपूर्ण होता है, क्योंकि यह हमें ब्रह्मांड की संरचना और खगोलिक प्रकृति के बारे में जानकारी प्रदान करता है, और इसके अध्ययन से हम अपने खगोलिक सिस्टम की ज्यामिति, आकार, और गति को भी समझते हैं। आइये अब हम सभी ग्रहों के बारे में विस्तार से जानते हैं-
8 Graho Ke Naam
ग्रह (हिन्दी) | Planet (English) | Radius (approx.) | Major Satellite |
---|---|---|---|
1. बुध | Mercury | 2,400 km. | No Satellite |
2. शुक्र | Venus | 6,000 km. | No Satellite |
3. पृथ्वी | Earth | 6,400 km. | 1 (Moon) |
4. मंगल | Mars | 6,400 km. | 2 (Phobos and Deimos) |
5. वृहस्पति | Jupiter | 71,400 km. | 79 (Europa, Ganymede) |
6. शनि | Saturn | 58,200 km. | 82 (Titan, Mimas, Tethys) |
7. अरुण | Uranus | 25,300 km. | 5 (Miranda, Titania) |
8. वरुण | Neptune | 24,600 km. | 14 (Triton) |
इनके अतिरिक्त एक ग्रह और होता है – प्लूटो (Pluto), इसे “यम और बौना ग्रह” भी कहते हैं। प्लूटो सौर मण्डल का सबसे बड़ा बौना ग्रह है। प्लूटो को कभी सौर मण्डल का सबसे बाहरी ग्रह माना जाता था, लेकिन अब इसे सौर मण्डल के बाहरी काइपर घेरे की सब से बड़ी खगोलीय वस्तु माना जाता है। अन्य बौने ग्रहों में- सीरीस, हउमेया, माकेमाके, एरिस आदि प्रमुख हैं।
सभी ग्रह सूर्य के चारों ओर घुमते हैं और अपनी अपनी व्यास, द्रव्यमान, और आकार में भिन्न होते हैं। इनमें से कुछ ग्रह घने गैसों से बने होते हैं जैसे कि जुपिटर और सैटर्न, जबकि कुछ को पत्थरी सतहों से ढका जा सकता है जैसे कि पृथ्वी और मंगल।
ग्रहों के प्रकार
ग्रह दो प्रकार के होते है- आंतरिक ग्रह और बाह्य ग्रह।
- आंतरिक ग्रह (Inner Planet): इन्हें पार्थिव ग्रह (Solid Silicate) भी कहते हैं। इनके ऊपर विभिन्न प्रकार की चट्टानों का आवरण होता हैं। अर्थात इनकी सतह ठोस होती है। आंतरिक ग्रह संख्या में चार हैं- बुध, शुक्र, पृथ्वी और मंगल।
- बाह्य ग्रह (Outer Planet): ये ग्रह गैसीय अवस्था में होते हैं। अर्थात इनकी सतह ठोस नहीं हैं। बाह्य ग्रह संख्या में चार हैं- बृहस्पति शनि अरुण और वरुण।
ग्रहों के नाम
सभी ग्रहों के नाम सहित और उनके बारे में संक्षिप्त जानकारी निम्नलिखित है-
1. बुध (Mercury): सबसे छोटा ग्रह
- बुध सौरमंडल का सबसे छोटा और सूर्य के सबसे निकटतम ग्रह है।
- बुध पर दिन और रात के तापमान में सबसे ज्यादा अंतर (600 °C) होता है। बुध ग्रह पर दिन का तापमान 427 °C और रात का तापमान 173 °C होता है।
- बुध ग्रह पृथ्वी की तरह ही एक चट्टानी पिंड है जो कि सौर मंडल के चार स्थलीय ग्रह में से एक है।
- बुध ग्रह का कोई उपग्रह नहीं है।
- यह सूर्य की सबसे कम समय में परिक्रमा लगाता है। इसका न्यूनतम परिक्रमण काल 88 दिन है।
- इसका व्यास (चौड़ाई) 4,879.4 km है।
- सूर्य से इस ग्रह की दूरी 5.79 करोड़ किलोमीटर है।
- यह सुबह और शाम को ही दिखाई देता है।
- बुध ग्रह पर पृथ्वी या अन्य ग्रहों की तरह मौसम नहीं बदलते हैं।
- इस ग्रह को मध्य रात्रि को नहीं देखा जा सकता है।
- देखने में यह ग्रह गहरे भूरे रंग का दिखाई देता है।
2. शुक्र (Venus): पृथ्वी की बहन
- शुक्र ग्रह सौरमंडल में सूर्य से दूसरा सबसे निकटतम ग्रह है और यह सभी ग्रहों में पृथ्वी से नज़दीक वाला ग्रह है।
- शुक्र को पृथ्वी ग्रह की बहन (Sister of Planet Earth) भी कहा जाता है क्योंकि इन दोनों ग्रहों में बहुत से समानताएं है जैसे गुण, भार, आकार आदि।
- शुक्र ग्रह को भोर का तारा (Morning Star) और साँझ का तारा (Evening Star) के नाम से बहुत प्रसिद्द है क्योंकि यह बहुत ही ज़्यादा चमकीला है।
- चंद्रमा के बाद रात में सर्वाधिक चमकने वाला दूसरा सबसे ज्यादा चमकदार पिंड है।
- शुक्र ग्रह CO2 के कारण सौरमंडल में सर्वाधिक गर्म ग्रह माना जाता है (hottest planet)। जबकि लोग Mercury बुध ग्रह को सबसे गर्म मान लेते है क्योंकि वह सूर्य के समीप है।
- इस ग्रह पर रात का तथा दिन का तापमान लगभग एक समान होता है जो की 462°C है।
- शुक्र ग्रह पर वायु मंडल है जिसमे 90-95% कार्बन डाइऑक्साइड गैस पाया गया है। इस ग्रह के चारो तरफ sulphuric acid के जमे हुए बादल हैं।
- इस ग्रह का भी कोई उपग्रह (satellite) नहीं है।
- इस ग्रह को सूर्य की एक पूरी परिक्रमा करने में लगभग 225 दिन लगते है।
- शुक्र ग्रह का व्यास (चौड़ाई) 12,104 km है।
- यह अन्य ग्रहों के घूमने की दिशा से विपरीत दिशा में घूमता है- पूर्व से पश्चिम दिशा में।
- सूर्य से शुक्र ग्रह की दूरी 10.82 करोड़ किलोमीटर है और पृथ्वी से दूरी 4.36 करोड़ किलोमीटर है।
3. पृथ्वी (Earth): नीला ग्रह
- पृथ्वी सौर्यमण्डल का तीसरा ग्रह है, इस ग्रह को नीला ग्रह (Blue Planet) भी कहा जाता है।
- यह सौरमंडल के आठ ग्रह में से एक मात्र ऐसा ग्रह है, जिस पर जीवन संभव है। और जिस पर हम रहते हैं।
- पृथ्वी का एक ही प्राकृतिक उपग्रह है, जिसका नाम चंद्रमा है।
- पृथ्वी से चंद्रमा की औसत दूरी 384000 किलोमीटर होती है।
- सभी ग्रहों की तरह पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती है।
- इसका परिक्रमण काल 365¼ दिन (365 दिन 6 घंटे 8 मिनट और 45.51 सेकेंड) है।
- एक घूर्णन पूरा करने में पृथ्वी लगभग 24 घंटे (23 घंटे, 56 मिनट और 4.09 सेकेंड) का समय लेती है।
- इसका व्यास 12,742 km है।
- पृथ्वी की सूर्य से औसत दूरी 14.59 करोड़ किमी है।
- पृथ्वी की आकृति ‘जियोड‘ (गोलाकार चपटी) है। और इसके वास्तविक प्रतिविम्ब को ‘ग्लोब‘ कहते हैं।
- पृथ्वी की सबसे ऊपरी सतह बहुत कठोर है यह पत्थरों और मिट्टी से मिलकर बनी है इसकी सतह पर विशाल पर्वत, द्वीप, समुद्र, नदियां और पठार जैसी बहुत ही सुंदर प्रकृति और सुंदर संरचनाएं हैं।
- सूर्य का प्रकाश पृथ्वी तक पहुंचने में 8 मिनट 20 सेकंड का समय लगता है।
4. मंगल (Mars): लाल ग्रह
- मंगल ग्रह सूर्य से चौथे स्थान पर आता है सौरमंडल का दूसरा सबसे छोटा ग्रह है।
- मंगल ग्रह को लाल ग्रह (Red Planet) भी कहते हैं क्योंकि इसकी मिट्टी Red Oxide (Iron Oxide) के कारण लाल है।
- मंगल ग्रह की सर्वोच्च चोटी का नाम मिक्स ऑलमपिया (Mix Olympia) है।
- इसका परिक्रमण काल 687 दिन है।
- इसका घूर्णन काल 24.6 घंटे है।
- इसका व्यास 6,779 km है।
- मंगल ग्रह की सूर्य से औसत दूरी 22.79 करोड़ किमी है।
- मंगल के 2 उपग्रह हैं जिनका नाम फो़बोस (FOBOS) और डिमोज़ (DEMOS) है इन दोनों का आकार अनियमित और छोटा है।
- मंगल ग्रह को रात में नंगी आंखों से भी देखा जा सकता है।
- इस पर वायुमंडल अत्यंत विरल है।
- डिमोज़ सौरमंडल का सबसे छोटा उपग्रह है।
5. वृहस्पति (Jupiter): सबसे बड़ा ग्रह
- बृहस्पति सौरमंडल का सबसे बड़ा और सूर्य का पांचवा ग्रह है।
- इस ग्रह का द्रव्यमान पृथ्वी की तुलना में 300 गुना अधिक है।
- इसका गुरुत्वीय बल वहुत अधिक है, इसलिए इसे पृथ्वी का सुरक्षा कवच भी कहते हैं।
- इसका परिक्रमण काल 11.86 बर्ष है।
- इसका घूर्णन काल 9.925 hours है।
- इसका व्यास 142,800 km है।
- वृहस्पति ग्रह की सूर्य से औसत दूरी 77.84 करोड़ किमी है।
- सूर्य की तरह जुपिटर का अधिकांश हिस्सा हाइड्रोजन और हीलियम से बना है तथा अमोनिया, मेथेन और पानी का भी कुछ अंश है पर यह बहुत कम मात्रा में है।
- इस ग्रह का द्रव्यमान सौरमंडल में मौजूद अन्य 7 ग्रह से ढाई गुना और सूर्य के हजारवें भाग की बराबर है।
- बृहस्पति ग्रह की सूर्य से दूरी 77 करोड़ 88 लाख किलोमीटर है इसको सूर्य का एक संपूर्ण चक्कर लगाने में 11.86 साल का समय लगता है।
- इसके 79 उपग्रह हैं जिनमें गेनीमेड और यूरोपा क्रमशः सबसे बड़े उपग्रह हैं।
- यह तारा और यह दोनों के गुणों से युक्त है क्योंकि इसके पास स्वयं की रेडियो ऊर्जा है।
- इसका वायुमंडलीय दाब सूर्य की तुलना में एक करोड़ गुना अधिक है।
6. शनि (Saturn): रिंग वाला गृह
- शनि ग्रह बृहस्पति के बाद सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है।
- सूर्य से इसकी दूरी 1.434 अरब किलोमीटर है।
- शनि ग्रह का व्यास 1,16,460 किलोमीटर है।
- शनि का सबसे बड़ा उपग्रह टाइटन है तथा यह सौरमंडल का दूसरा सबसे बड़ा उपग्रह है इस उपग्रह का आकार बुध ग्रह से बड़ा है जो कि वायुमंडल को संजो कर रखने वाला एकमात्र उपग्रह है।
- इसे गोला या गैलेक्सी समान ग्रह भी कहा जाता है।
7. अरुण (Uranus): लेटा हुआ ग्रह
- अरुण सूर्य से 7वां ग्रह है यदि इसके व्यास की बात की जाए तो यह सौरमंडल का तीसरा सबसे बड़ा ग्रह है।
- अरुण का आकार पृथ्वी से 63 गुना अधिक बड़ा है और यह द्रव्यमान में पृथ्वी से 14.5 गुना अधिक भारी है।
- यह अपने अक्ष पर दक्षिणावर्त घूमता है।
- इसे लेटा हुआ ग्रह भी कहते हैं।
- इसके सभी उपग्रह पृथ्वी के विपरीत दिशा में परिभ्रमण करते हैं।
- ऊपरी वातावरण में तापमान काफी ठंडा होता है।
- इसका द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का लगभग 14.5 गुना है।
- अरुण ग्रह का वातावरण लगभग 80% हाइड्रोजन और 19% हीलियम से बना है इसके अलावा इसमें थोड़ी मात्रा में पानी और मेथेन भी मिलता है।
8. वरुण (Neptune): हरा ग्रह
- सूर्य से आठवां सबसे दूर वाला मान्य ग्रह वरुण है।
- सूर्य से इस ग्रह की दूरी 4.49 अरब किलोमीटर है।
- इसका द्रव्यमान पृथ्वी के द्रव्यमान का 17 गुना है।
- वरुण के तेहरा प्राकृतिक ज्ञात उपग्रह है जिनमें ट्राइटन डस्पीना, और थलेसा मुख्य है।
- इसे हरा ग्रह (Green Planet) भी कहते हैं, क्यूंकि इस पर मेथेन गैस अधिक मात्रा में होती है।
अरुण और वरुण यह काफी हद तक एक जैसे ही है अरुण और वरुण ग्रह की सतह पर बृहस्पति और शनि की अपेक्षा अधिक पर जमी हुई है जिसमें अमोनिया और मेथेन गैस मुख्य है।
ये ग्रह ब्रह्मांड में विज्ञान, खगोलशास्त्र, और खगोलविज्ञान के क्षेत्र में अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण हैं, और इनका अध्ययन हमें सौरमंडल की गतियों, विकास के प्रक्रियाओं, और विशेषताओं की समझ में मदद करता है।