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अभिवृद्धि की आवश्यकताएँ अथवा आत्म विकास एवं आत्म-वास्तवीकरण की आवश्यकताएँ Growth needs, meta needs, being needs and B-needs अभिवृद्धि आवश्यकताएँ निम्नलिखित तीन प्रकार की होती हैं- पंचम आवश्यकता – आत्म-वास्तवीकरण...
अभाव आवश्यकताएँ शारीरिक आवश्यकताएँ जैसे- भूख, प्यास, सुरक्षा की आवश्यकताएँ, प्रेम तथा सम्बद्धता की आवश्यकताएँ तथा आदर की आवश्यकताएँ आदि अभाव या कमी की आवश्यकताएँ हैं। अर्थात् इनकी कमी की...
सातवें स्तर पर सौन्दर्य आवश्यकताएँ हैं। कुछ व्यक्ति सौन्दर्योपासक होते हैं एवं इसी से अभिप्रेरित होकर वे अपने जीवन में कलात्मक रंग घोल लेते हैं। प्रत्येक संस्कृति एवं प्रत्येक समुदाय...
आत्मवास्तवीकरण की आवश्यकता के उपरान्त ज्ञान एवं समझ की आवश्यकता बलवती होती है। मास्लो के अनुसार अभावजनीन आवश्यकताओं (Deficiency needs) से अभिप्रेरित व्यक्तियों की तुलना में अभिवृद्धि की आवश्यकताओं (Growth...
मास्लो के वर्गीकरण में सर्वप्रमुख आवश्यकता आत्म-वास्तवीकरण है। प्रथम चार प्रकार की अभावजनीन आवश्यकताओं (Deficit needs) की पूर्ति हो जाने पर आत्म-वास्तवीकरण (Self-Actualization) की आवश्यकता व्यक्ति को अनुप्रेरित करती है।...
चौथे प्रकार की आवश्यकता सम्मान की आवश्यकता है। प्रथम तीन प्रकार की आवश्यकताओं की पूर्ति हो जाने पर सम्मान की आवश्यकता व्यक्ति को प्रेरित करती है, जिसके फलस्वरूप वह ऐसे...
प्रथम दो प्रकार की आवश्यकताओं की पूर्ति हो जाने के उपरान्त यह तीसरी प्रकार की आवश्यकता उभर कर व्यक्ति को उस दिशा में क्रियाशील होने के लिये प्रेरित करती है।...
जब शारीरिक आवश्यकताओं की सन्तुष्टि हो जाती है तब सुरक्षा की आवश्यकताओं का प्रादुर्भाव होता है। इनका मुख्य सम्बन्ध नियम एवं कानून से सुरक्षा बनाये रखना होता है। व्यक्ति जीवन...
मास्लो के पिरामिड की आधारभूत प्रथम आवश्यकता शारीरिक आवश्यकताएँ हैं। जीवन में सर्वाधिक महत्त्व इन आवश्यकताओं का ही है। अत: इन आवश्यकताओं का क्षेत्रफल सर्वाधिक दिखाया गया है। शरीर में...
वर्ण क्या हैं? उच्चारित ध्वनियों को जब लिखकर बताना होता है, तब उनके लिए कुछ लिखित चिह्न बनाए जाते हैं, जो उस भाषा के ‘लिपि-चिह्न’ कहलाते हैं। ध्वनियों को व्यक्त करने...