‘र’ के विभिन्न रूप जैसे- रेफ, पदेन, ऋ, रु, रू, रकार (र, रा, रि, री, रु, रू, र्ऋ, रे, रै, रो, रौ, रं, रः, र्र, क्र, ट्र, ह्र, पृ) आदि के बारे में में इस पोस्ट में स्पष्ट, शुद्ध और सरल Hindi भाषा में जानकारी दी गई हैं।
R ki Matra – र की मात्रा
हिन्दी वर्णमाला में स्वर वर्णों के सहयोग से व्यंजन वर्ण बनते हैं, और वर्णों से शब्द। जब किसी व्यंजन वर्ण में ‘र’ प्रयुक्त होता है, (जैसे- क्र, ट्र, ह्र, पृ) तब उस वर्ण को ‘रकार‘ कहा जाता है। और र् के इस रूप को ही ‘र की मात्रा (R Ki Matra)‘ कहा जाता है। “र” हिंदी वर्णमाला का एक व्यंजन वर्ण है।
R Ke Vibhinn Roop – ‘र’ के विभिन्न रूप
हिन्दी भाषा में र का प्रयोग विभिन्न रूपों में होता है। कहीं र का प्रयोग स्वर के साथ होता है तो कहीं बिना स्वर के, आइए देखते हैं कि “र” के विभिन्न रूप कौन-कौन से हैं।
- ‘र’ का सामान्य रूप (रु, रू)
- ‘र’ के प्रकार – R Ke Prakar
- आधे र् वाले शब्द – Aadhe R Wale Shabd
- रकार युक्त शब्द – R Wale Shabd
- अन्य हिन्दी मात्राएं
- FAQs
‘र’ का सामान्य रूप (रु, रू)
‘र’ का प्रयोग शब्द के आरंभ मध्य और अंत, कहीं भी हो सकता है-
- र का प्रयोग शुरु में : रतन, रखना, रागिनी, राकेश, रिजवाना, रहीमा आदि।
- र का प्रयोग मध्य में: करब, आराम, सरमन, परवान, कारवाँ, शरबत, खूबसूरत आदि।
- र का प्रयोग अंत में: समर, सरदार, आदर, पीर, कबूतर, परिवार, आदि।
‘र’ के रूप (बारहखड़ी): र, रा, रि, री, रु, रू, र्ऋ, रे, रै, रो, रौ, रं, रः।
‘रु’ और ‘रू’ पर मात्रा-
- र् + ु = रु (उ की मात्रा)
- र् + ू = रू (ऊ की मात्रा)
‘रु’ से शब्द (‘र’ पर छोटे ‘उ’ की मात्रा)-
शब्द | शब्द | शब्द |
---|---|---|
रुपए | रुद्र | रुची |
रुक | रुक्मणी | दुरुस्त |
रुझान | रुस्तम | तरुण |
पुरुष | रुई | वरुण |
‘रू’ से शब्द (‘र’ पर बड़े ‘ऊ’ की मात्रा)-
शब्द | शब्द | शब्द |
---|---|---|
अनुरूप | गुरूर | रूस |
कुरूप | शुरूर | रूखा |
गुरू | अमरूद | कुरूप |
करू | डमरू | रूपा |
इनके अतिरिक्त कुछ और ‘र’ का प्रयोग अन्य रूपों में भी होता है, उनकी जानकारी आगे दी गई है।
‘र’ के प्रकार – R Ke Prakar
‘र’ वर्ण स्वरों के साथ व्यंजनों में भी प्रयुक्त होता है। व्यंजनों में ‘र’ का प्रयोग “र्र, क्र, ट्र, ह्र, पृ” के रूप में होता है। ‘र’ के इन प्रकारों की सम्पूर्ण जानकारी निम्न है-
- रेफ ‘र्’
- पदेन ‘र’
- ऋ की मात्रा
रेफ ‘र्’ की मात्रा (र्र, र्य, र्मा): मात्रा और शब्द
हिन्दी भाषा में स्वर रहित ‘र्‘ को रेफ कहते हैं। इसका प्रयोग कभी भी किसी भी शब्द के पहले अक्षर में नहीं किया जाता। शब्दों में ‘र’ के इस रूप का प्रयोग होते समय, इसके उच्चारण के बाद आने वाले अगले वर्ण के ऊपर रेफ लग जाता है।
जब किसी स्वर या व्यंजन में ‘र‘ वर्ण का आधा रूप उस वर्ण के पहले प्रयुक्त होता है, तब उस स्वर रहित आधे ‘र्‘ का रूप परिवर्तित होकर फर्राटा (र्र, र्य, र्मा) के रूप में प्रयुक्त होता है, तो ‘र्‘ के इस बदले रूप को “रेफ” कहा जाता है।
उदाहरण के लिए:
- कार्य (
कारय) = का +र् + य - पर्वत (
परवत) = प + र् + व + त - जुर्माना (
जुरमाना) = जु + र् + मा + ना - आशीर्वाद (
आशीरवाद) = आ + शी + र् + वा + द
नोट:
- रेफ का प्रयोग कभी भी किसी शब्द के पहले अक्षर में नहीं हो सकता है।
- ‘र्’ का यह रूप स्वर रहित है।
र के ऊपर भी रेफ का प्रयोग किया जा सकता है, जैसे:
- खर्र
- टर्र
- फर्र
- सर्र
- फुर्र
- चुर्र
- मुर्र
रेफ ‘र्’ की मात्रा वाले शब्द- Ref R Ki Matra Wale Shabd:
शब्द | शब्द | शब्द | शब्द |
---|---|---|---|
अर्चना | गर्दन | धैर्य | मर्ज़ |
अर्जित | गर्म | नर्म | मर्ज़ी |
अर्जुन | गर्मी | नर्स | मार्ग |
अर्थ | घर्षण | निर्झर | मिर्च |
अर्पण | चर्खा | निर्धन | मिर्ची |
आकर्षक | चर्च | निर्मल | मूर्ख |
आचार्य | चर्चा | परमार्थ | मूर्खता |
आर्य | चर्म | पर्चा | वर्ग |
आर्या | जुर्माना | पर्ण | वर्ण |
उत्तीर्ण | तर्क | पर्व | वर्षा |
कर्ज़ | तीर्थ | पर्वत | व्यर्थ |
कर्ता | दर्ज़ी | पर्स | शर्त |
कर्त्तव्य | दर्द | पार्क | शर्म |
कर्म | दर्पण | पूर्व | सर्दी |
कार्य | दर्शक | प्रार्थना | सर्प |
कुर्ता | दर्शन | फर्क | सूर्य |
खर्च | दुर्जन | फ़र्ज़ी | स्वार्थ |
खर्चा | धनुर्धर | फर्श | स्वार्थी |
खर्चीला | धर्म | बर्तन | हर्ष |
गर्जन | धूर्त | भार्या | हर्षित |
पदेन ‘र’ का रूप (क्र, ट्र, ह्र): मात्रा और शब्द
‘र‘ के “क्र, ट्र, ह्र” आदि जैसे रूप को “पदेन” कहा जाता है। ‘र’ का यह रूप अपने से पहले आए हुए व्यंजन वर्ण में लगता है।
जब किसी शब्द में ‘र‘ वर्ण के पूर्व कोई आधा वर्ण प्रयुक्त होता है तब ‘र‘ का स्वरूप बदलकर उसी आधे वर्ण नीचे तिरछी रेखा (क्र, ट्र) के रूप में प्रयुक्त होता है, तो ‘र‘ के इस बदले स्वरूप को ‘पदेन‘ कहा जाता है।
पदेन ‘र’ दो प्रकार का होता है-
1. पाई (।) वाले व्यंजन (क, ख, ग, प, म):
पाई (।) वाले व्यंजनों जैसे “क, ख, ग, प, म” आदि, ये सब पाई वाले व्यंजन हैं, जिनके लेखन में एक सीधी खड़ी रेखा पायी जाती है। उन वर्णों में र का यह तिरछा रूप (क्र, प्र, म्र, ख्र, ग्र) लगता है।
इसको लिखने का नियम इस प्रकार हैं-
- क् + र = क्र
- क् + र + म = क्रम
जैसे ‘क्रम‘ शब्द लिखा गया है, वैसे ही अन्य शब्दों को लिखा जा सकता है। उदाहरण के लिए:
- भ्रम
- प्रेम
- ग्रह
- उम्र
- क्रिया
- नेत्र
- त्रिशूल
- अश्रु
- श्रमिक
2. पाई रहित व्यंजन (ट, ठ, ड):
पाई रहित मतलब जिसमें (।) नहीं है, जैसे “ट, ठ, ड” आदि, उन व्यंजनों के नीचे पदेन का दूसरा रूप (ट्र, ड्र) इस तरह होता है। जो इस चिन्ह ( ^ ) के आकार का होता है। जैसे : ट्रस्ट, राष्ट्र, ड्रम, पेट्रोल, ड्राईवर आदि।
- ड् + र = ड्र
- ड् + र + म = ड्रम
जिस प्रकार “ड्रम” शब्द लिखा गया है, वैसे ही अन्य शब्दों को लिखा जा सकता है। जैसे- ट्राम, ड्रामा, राष्ट्र आदि।
- रा+ ष् + ट् + र = राष्ट्र
- ट् + र + स् + ट = ट्रस्ट
‘द‘ में पदेन र का प्रयोग: “द्+ र = द्र“; जैसे ‘द्र‘ से निर्मित शब्द-
- द + रि + द् +र = दरिद्र
- र + ु + द्+ र = रुद्र
- द्+ रौ + प + दी = द्रौपदी
‘ह‘ में पदेन र का प्रयोग: “ह् + र = ह्र“; जैसे ‘ह्र‘ से निर्मित शब्द-
- ह् + रा + स = ह्रास
- ह् + र + स् + व =ह्रस्व
‘त‘ में पदेन र का प्रयोग: “त् + र = त्र“; त्र एक संयुक्त वर्ण है। त्र से निर्मित शब्द, जैसे:
- नेत्र
- त्रिकोण
- पात्र
- मित्र
- यात्रा
- सत्र
- तंत्र
- मंत्र
- त्रिभुज
- त्रिशूल
- त्रिवेणी
‘श‘ में पदेन र का प्रयोग: “श् + र = श्र“; श्र एक संयुक्त वर्ण है। जैसे- तो श् + र = श्र बन जाता है। श्र से निर्मित शब्द, जैसे:
- श्रम
- श्रमिक
- श्रोता
- श्रीमान
- श्रवण
- आश्रय
- अश्रु
पदेन ‘र’ की मात्रा युक्त शब्द- Paden R Ki Matra Wale Shabd:
शब्द | शब्द | शब्द | शब्द |
---|---|---|---|
आक्रमण | ग्रहण | प्रचार | भाद्रपद |
आक्रोश | ग्राम | प्रण | भ्रम |
आम्रपत्र | त्रियाचरित्र | प्रणाम | भ्रमण |
रात्रिक्रिया | चित्र | प्रत्यक्ष | राष्ट्र |
उपक्रम | छात्र | प्रत्युत्तर | रुद्र |
उम्र | ट्रक | प्रमाण | वक्र |
केंद्र | ट्राम | प्रयोग | शूद्र |
क्रम | ड्रामा | प्रहर | श्रम |
क्रमिक | ताम्र | प्रारंभ | ह्रदय |
क्रोध | द्रव्य | प्रेत | प्रेमप्रयाग |
ग्रह | प्रक्रिया | प्रेम | रुद्रदामन |
कुछ शब्द ऐसे होते हैं जिनमें दो पदेन का प्रयोग एक ही शब्द में होता है। जैसे:
- प्रक्रिया
- प्रक्रम
कुछ शब्द ऐसे होते हैं, जिनमें पदेन और रेफ का एक ही शब्द में प्रयोग होता है। जैसे:
- आर्द्रता
- पुनर्प्रस्तुतिकरण
- आर्द्र
- प्रकार्य
नोट: ‘पदेन र’ में र पूर्ण वर्ण के रूप में अर्थात स्वर सहित प्रयुक्त होता है। उदाहरण के लिए क्रम शब्द में ‘क्’ आधे वर्ण के रूप में प्रयुक्त हुआ है जबकि ‘र’ पूर्ण वर्ण के रूप में प्रयुक्त हुआ है। जिसके परिणामस्वरूप ‘र’ आधे वर्ण में जुड़ गया है और उसका तिरछा रूप दिखाई दे रहा है।
ऋ की मात्रा (गृ, हृ, पृ) और शब्द
‘ऋ‘ एक स्वर वर्ण है, जबकि ‘र’ व्यंजन वर्ण है। ‘र’ के अतिरिक्त ‘ऋ’ का प्रयोग भी कई वर्णों में किया जाता है। ऋ की मात्रा– ” ृ ” है, इससे निर्मित शब्द जैसे- वृक्ष, पृथ्वी, गृह इत्यादि।
ऋ संस्कृत से लिया गया स्वर वर्ण है, इसीलिए ‘ऋ’ का प्रयोग प्रायः संस्कृत शब्दों में होता है, और वह प्रायः तत्सम शब्द ही होता है। ‘ऋ’ वर्ण में कोई मात्रा नहीं लगती है, लेकिन अन्य व्यंजनों में ऋ की मात्रा लगाने के लिए ” ृ ” का प्रयोग किया जाता है।
इसको लिखने के नियम निम्नलिखित हैं-
- ह + ृ + द + य = हृदय
- ग + ृ + ह = गृह
हृदय– हृदय लिखने में ह में ऋ ( ृ ) की मात्रा लगायी गई है।
ऋ का उच्चारण ‘रि‘ जैसा लगता है। रि “इ ( ि ) की मात्रा” युक्त एक व्यंजन वर्ण है। जबकि ‘ऋ‘ एक स्वर है जिसमें कोई मात्रा नहीं लगायी जाती है। इसके प्रयोग के कई उदाहरण आगे दिए हैं।
शब्द | शब्द | शब्द |
---|---|---|
ऋषि | दृष्टि | कृष्ण |
वृक्ष | कृपा | कृपया |
मृग | पृष्ठ | गृहस्थी |
अमृत | दृष्टिकोण | गृहिणी |
पृथ्वी | मृत्यु | मृगनैनी |
गृह | कृषि | मृगतृष्णा |
आधे र् वाले शब्द – Aadhe R Wale Shabd
आधे र् वाले शब्दों को ही रेफ ‘र्’ वाले शब्द कहा जाता है। आधे र् वाले शब्द के उदाहरण आगे दिए गए हैं:
शब्द | शब्द | शब्द | शब्द |
---|---|---|---|
कर्म | कर्तव्य | बर्तन | स्वर्ण |
धर्म | अर्चना | कर्त्ता | सर्प |
पर्व | गर्व | अर्ध | मुर्दा |
मर्म | पर्वत | अर्ध्य | नर्म |
अर्पण | दर्द | सर्दी | गर्मी |
तर्पण | मिर्जा | वर्मा | नर्तक |
गर्भ | मर्च | बर्फ | तर्पण |
पर्स | फर्ज | मर्मस्थल | मिर्जापुर |
मिर्च | धैर्य | हर्षित | सर्द |
अर्थ | अर्पित | तर्क | हर्षवर्धन |
चर्चा | तिर्यक | पूर्ण | संघर्ष |
हर्ष | मर्मज्ञ | कर्मशील | वर्णन |
वर्ग | कर्मठ | गर्जना | घूर्णन |
रकार युक्त शब्द – R Wale Shabd
‘र’ युक्त वर्ण जैसे- द्र, प्र, म्र, क्र, ट्र, ड्र; रकार कहलाते हैं। र के इस रूप को ‘पदेन‘ कहा जाता है। इसमें र का पूर्ण रूप प्रयुक्त होता है। रकार युक्त शब्द जैसे- द्रव्य, क्रम , पेट्रोल, ड्राइवर।
रकार र वाले शब्द:
शब्द | शब्द | शब्द | शब्द |
---|---|---|---|
श्रमिक | भ्रम | अप्रैल | प्रभु |
प्रमाण | ट्राम | क्रम | ग्रह |
रुद्र | भद्र | भ्रमण | सब्र |
शूद्र | ग्रहण | आम्र | प्रिया |
प्रेतन | मेट्रो | प्रदेश | श्रम |
प्रण | ट्रॉली | प्रभाव | ग्राफ |
द्रव्य | फैक्ट्री | प्रकाश | ट्रेन |
प्रकार | ट्रक | प्रणाम | प्रयाग |
सम्राट | ड्रामा | प्रेम | ब्रास |
छात्र | ड्रेस | प्रार्थना | मिश्रा |