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सुबंत प्रकरण संज्ञा और संज्ञा सूचक शब्द सुबंत के अंतर्गत आते है। सुबंत प्रकरण को व्याकरण मे सात भागो मे बांटा गया है – नाम, संज्ञा पद, सर्वनाम पद, विशेषण...
वर्णों के उच्चारण स्थान (Varno ka ucharan sthan) मूलरूप से कुल सात (7) होते हैं- कंठ, तालु, मूर्धा, दंत, ओष्ठ, नासिका, और जीव्हामूल। हिन्दी में जीव्हामूल को सम्मिलित नहीं किया जाता...
संस्कृत के प्रमुख साहित्य एवं साहित्यकार संस्कृत भाषा का साहित्य अनेक अमूल्य ग्रंथरत्नों का सागर है, इतना समृद्ध साहित्य किसी भी दूसरी प्राचीन भाषा का नहीं है और न ही...
स्वर संधि (अच् संधि) दो स्वरों के मेल से होने वाले विकार (परिवर्तन) को स्वर-संधि कहते हैं। स्वर संधि को अच् संधि भी कहते हैं। उदाहरण – हिम+आलय= हिमालय, अत्र...
व्यंजन संधि (हल् संधि) Vyanjan Sandhi : व्यंजन का स्वर या व्यंजन के साथ मेल होने पर जो परिवर्तन होता है, उसे व्यंजन संधि कहते है। व्यंजन संधि को हल्...
विसर्ग संधि विसर्ग का स्वर या व्यंजन के साथ मेल होने पर जो परिवर्तन होता है, उसे विसर्ग संधि कहते है। उदाहरण – निः + चय = निश्चय, दुः +...
दीर्घ संधि या दीर्घ स्वर संधि की परिभाषा, प्रकार, नियम और उदाहरण संधि का मतलब होता है “मिलन” या “जुड़न”। भाषा विज्ञान में, संधि एक प्रकार की भाषा के ध्वनितत्व...
वृद्धि संधि वृद्धि संधि का सूत्र ब्रध्दिरेचि होता है। यह संधि स्वर संधि के भागो में से एक है। संस्कृत में स्वर संधियां आठ प्रकार की होती है। दीर्घ संधि,...
गुण संधि गुण संधि का सूत्र आद्गुण: होता है। यह संधि स्वर संधि के भागो में से एक है। संस्कृत में स्वर संधियां आठ प्रकार की होती है। दीर्घ संधि,...
अयादि संधि अयादि संधि का सूत्र एचोऽयवायाव: होता है। यह संधि स्वर संधि के भागो में से एक है। संस्कृत में स्वर संधियां आठ प्रकार की होती है। दीर्घ संधि,...