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Articles by Editorial Team:

काव्यलिंग अलंकार – Kavyalinga Alankar परिभाषा, भेद और उदाहरण – हिन्दी

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काव्यलिंग अलंकार परिभाषा: हेतु का वाक्यार्थ अथवा पदार्थ रूप में कथन करना ही काव्यलिङ्गालङ्कार है। अर्थात जहाँ पर किसी युक्ति से समर्थित की गयी बात को काव्यलिंग अलंकार कहते हैं...

स्वभावोक्ति अलंकार – Svabhavokti Alankar परिभाषा, भेद और उदाहरण – हिन्दी

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स्वभावोक्ति अलंकार परिभाषा– बालकादि की अपनी स्वाभाविक क्रिया अथवा रूप का वर्णन ही स्वभावोक्ति अलंकार है। अर्थात किसी वस्तु के स्वाभाविक वर्णन को स्वभावोक्ति अलंकार कहते हैं। यह अलंकार, हिन्दी...

विरोधाभाष अलंकार – Virodhabhash Alankar परिभाषा, भेद और उदाहरण – हिन्दी

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विरोधाभाष अलंकार परिभाषा– जहाँ वास्तविक विरोध न होकर केवल विरोध का आभास हो, वहाँ विरोधाभास अलंकार होता है। अर्थात जब किसी वस्तु का वर्णन करने पर विरोध न होते हुए...

विशेषोक्ति अलंकार – Visheshokti Alankar परिभाषा, उदाहरण – हिन्दी

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विशेषोक्ति अलंकार परिभाषा: संपूर्ण कारणों के होने पर भी फल का न कहना विशेषोक्ति है। अर्थात काव्य में जहाँ कार्य सिद्धि के समस्त कारणों के विद्यमान रहते हुए भी कार्य...

विभावना अलंकार – Vibhavana Alankar परिभाषा, भेद और उदाहरण – हिन्दी

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विभावना अलंकार परिभाषा – जहाँ पर कारण के न होते हुए भी कार्य का हुआ जाना पाया जाए वहाँ पर विभावना अलंकार होता है। अर्थात हेतु क्रिया (कारण) का निषेध...

व्यतिरेक अलंकार – Vyatirek Alankar परिभाषा और उदाहरण – हिन्दी & संस्कृत

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व्यतिरेक अलंकार परिभाषा: जहाँ कारण बताते हुए उपमेय की श्रेष्ठता उपमान से बताई जाए वहाँ व्यतिरेक अलंकार होता है। व्यतिरेक का शाब्दिक अर्थ होता है आधिक्य। व्यतिरेक में कारण का...

दीपक अलंकार – Deepak Alankar परिभाषा, भेद और उदाहरण – हिन्दी

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दीपक अलंकार परिभाषा– जहाँ पर प्रस्तुत और अप्रस्तुत का एक ही धर्म स्थापित किया जाता है वहाँ पर दीपक अलंकार होता है। यह अलंकार, Hindi Grammar के Alankar के भेदों...

दृष्टान्त अलंकार – Drashtant Alankar परिभाषा, भेद और उदाहरण – हिन्दी

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दृष्टान्त अलंकार परिभाषा– जहाँ उपमेय और उपमान के साधारण धर्म में बिम्ब-प्रतिबिम्ब भाव दिखाया जाए, वहाँ दृष्टान्त अलंकार होता है। या  जहाँ दो सामान्य या दोनों विशेष वाक्यों में बिम्ब-प्रतिबिम्ब...

समासोक्ति अलंकार – Samasokti Alankar परिभाषा उदाहरण अर्थ हिन्दी एवं संस्कृत

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समासोक्ति अलंकार ‘परोक्तिभेदकैः श्लिष्टैः समासोक्तिः‘ – श्लेषयुक्त विशेषणों के द्वारा दो अर्थों का संक्षेप होने से समासोक्ति अलंकार होता है। यह अलंकार, Hindi Grammar के Alankar के भेदों में से...

श्रुत्यानुप्रास अलंकार (Srutyanupras Alankar)

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श्रुत्यानुप्रास अलंकार की परिभाषा जहाँ पर कानों को मधुर लगने वाले वर्णों की आवर्ती हो उसे श्रुत्यानुप्रास अलंकार कहते है। यह Alankar, शब्दालंकार के 6 भेदों में से Anupras Alankar...