कंप्यूटर की पीढ़ियाँ (Generations of Computer): तुलना, उदाहरण और अभ्यास हिन्दी में

कंप्यूटर जागरूकता अब परीक्षाओं का एक महत्वपूर्ण और अपेक्षाकृत नया हिस्सा बन गया है, जिसमें कंप्यूटर की विभिन्न पीढ़ियों से जुड़े विषय विशेष रूप से महत्वपूर्ण हैं। इस लेख में, हम कंप्यूटर की अलग-अलग पीढ़ियों और उनके महत्व पर विस्तार से चर्चा करेंगे। आइए जानते हैं!

Computer Generations in Hindi - कंप्यूटर की पीढ़ियाँ

कंप्यूटर (Computer)

कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मशीन है जो ‘सूचना’ को प्रोसेस करने की क्षमता रखती है। “प्रोसेस” का अर्थ बहुत व्यापक है; यह जोड़ने या अन्य अंकगणितीय कार्यों के रूप में हो सकता है, या डेटा के सेट को समूहीकरण या अनग्रुप करने का निर्देश हो सकता है। आधुनिक कंप्यूटर एक सेकंड में अरबों गणनाएँ करने और अत्यधिक सटीक व विश्वसनीय परिणाम प्रदान करने की क्षमता रखते हैं। यह सब कैसे संभव हुआ? यह सफर कहाँ से शुरू हुआ?

कंप्यूटर की पीढ़ियाँ (Generations of Computer)

आज के कंप्यूटर की नींव बीसवीं सदी के मध्य में रखी गई। समय के साथ, भौतिकी और इलेक्ट्रॉनिक्स में अनेक तकनीकी प्रगति हुई, जिसने कंप्यूटर के हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में क्रांतिकारी बदलाव लाए। हर तकनीकी उन्नति एक नई पीढ़ी के कंप्यूटर की शुरुआत को दर्शाती है।

कम्प्यूटर की विभिन्न पीढ़ियों को विकसित करने का उद्देश्य सस्ता, छोटा, तेज तथा विश्वासी कम्प्यूटर बनाना रहा है। चलिए पहले पीढ़ी से शुरुआत करते हैं।

1. प्रथम पीढ़ी के कम्प्यूटर (1st Gen: 1942-1955)

यूनिभैक I पहला व्यावसायिक कम्प्यूटर था। इस मशीन का विकास फौज और वैज्ञानिक उपयोग के लिए किया गया था। इसमें निर्वात ट्यूब (Vaccum Tubes) का प्रयोग किया गया था। ये आकार में बड़े और अधिक ऊष्मा उत्पन्न करने वाले थे। इसमें सारे निर्देश तथा सूचनायें 0 तथा 1 के रूप में कम्प्यूटर में संग्रहित होते थे तथा इसमें मशीनी भाषा (Machine Language) का प्रयोग किया गया था। संग्रहण के लिए पंच कार्ड का उपयोग किया गया था। उदाहरण- इनियक ( ENIAC), यूनिभैक (UNIVAC) तथा मार्क-1 इसके उदाहरण है।

निर्वात् ट्यूब के उपयोग में कुछ कमियाँ भी थी । निर्वात् ट्यूब गर्म होने में समय लगता था तथा गर्म होने के बाद अत्यधिक ऊष्मा पैदा होती थी, जिसे ठंडा रखने के लिए खर्चीली वातानुकूलित यंत्र (Air-conditioning System) का उपयोग करना पड़ता था, तथा अधिक मात्रा में विद्युत् खर्च होती थी।

First Generation Computer - 1st Gen: 1942-1955

प्रथम पीढ़ी के कंम्प्यूटरों (First Generation Computers: 1942-1955) के महत्वपूर्ण तथ्य और विशेषताएं:

  • तकनीक: वैक्यूम ट्यूब (Vacuum Tubes)।
  • मुख्य विशेषता: वैक्यूम ट्यूब का इस्तेमाल सर्किट के रूप में और चुंबकीय ड्रम का इस्तेमाल मेमोरी के लिए किया गया।
  • भाषा: असेम्बली भाषा (Assembly Language)  और मशीन भाषा (Machine Language) या 1GL या पहली पीढ़ी की भाषा।
  • स्टोरेज: डेटा दर्ज करने के लिए पंच कार्ड, पेपर टेप, चुंबकीय ड्रम और चुंबकीय टेप का उपयोग।
  • उदाहरण: ENIAC, EDVAC, UNIVAC, IBM-701 और IBM-650 शामिल हैं।
  • क्षमता: बुनियादी गणनाओं के लिए।

2. दूसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर (2nd Gen: 1956-1964)

इस पीढ़ी के कम्प्यूटर में निर्वात् ट्यूब की जगह हल्के छोटे ट्रांजिस्टर (Transistor) का प्रयोग किया गया। कम्प्यूटर में आँकड़ों (Data) को स्टोर करने के लिए मैग्नेटिक कोर का उपयोग किया गया। आँकड़ों को संग्रहित करने के लिए मैग्नेटिक डिस्क तथा टेप का उपयोग किया गया। मैग्नेटिक डिस्क पर आयरन ऑक्साइड की परत होती थी। इनकी गति और संग्रहण क्षमता भी तीव्र थी। इस दौरान व्यवसाय तथा उद्योग जगत में कम्प्यूटर का प्रयोग प्रारंभ हुआ तथा नये प्रोग्रामिंग भाषा (COBOL तथा FORTRAN के प्रारंभिक संस्करण) का विकास किया गया।

Second Generation Computer - 2nd Gen: 1956-1964

दूसरी पीढ़ी के कंम्प्यूटरों (Second Generation Computers: 1955-1964) के महत्वपूर्ण तथ्य और विशेषताएं:

  • तकनीक: ट्रांजिस्टर (Transistors)।
  • मुख्य विशेषता: ट्रांजिस्टर का उपयोग, जो वैक्यूम ट्यूब की तुलना में अधिक विश्वसनीय और छोटे आकार के थे।
  • भाषा: उच्च स्तरीय प्रोग्रामिंग भाषाएँ (High-Level Programming Languages) जैसे FORTRAN, COBOL।
  • स्टोरेज: प्राथमिक स्टोरेज के लिए चुंबकीय कोर और चुंबकीय टेप और द्वितीयक स्टोरेज के रूप में चुंबकीय डिस्क का उपयोग।
  • उदाहरण: IBM 1620, IBM 7094, CDC 1604, CDC 3600, UNIVAC 1108 आदि।
  • क्षमता: प्रथम पीढ़ी की तुलना में अधिक गति, विश्वसनीयता, और कम ऊर्जा खपत के साथ बड़ी मात्रा में डेटा प्रोसेसिंग।

3. तीसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर (3rd Gen: 1965-1974)

इलेक्ट्रॉनिक्स में निरंतर तकनीकी विकास से कम्प्यूटर के आकार में कमी, तथा तीव्र गति से कार्य करने की क्षमता का विकास हुआ। तीसरी पीढ़ी के कम्प्यूटर में ट्रॉजिस्टर केजगह इंटीग्रेटेड सर्किट (Integrated Circuit- I.C.) का प्रयोग शुरू हुआ जिसका विकास जे. एस. किल्वी (J.S. Kilbi) ने किया। आरम्भ में LSI (Large Scale Integration) का प्रयोग किया गया, जिसमें एक सिलिकॉन चिप पर बड़ी मात्रा में I.C. (Integrated circuit) या ट्रॉजिस्टर का प्रयोग किया गया।

RAM (Random Access Memory) का प्रयोग होने से मैग्नेटिक टेप तथा डिस्क के संग्रहण क्षमता में वृद्धि हुई। लोगों द्वारा प्रयुक्त कम्प्यूटर में टाइम शेयरिंग का विकास हुआ, जिसके द्वारा एक से अधिक यूजर एकसाथ कम्प्यूटर के संसाधन का उपयोग कर सकते थे। हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर अलग-अलग मिलना आरंभ हुआ ताकि यूजर अपने आवश्यकतानुसार सॉफ्टवेयर ले सके।

Third Generation Computer - 3rd Gen: 1965-1974

तीसरी पीढ़ी के कंम्प्यूटरों (Third Generation Computer: 1965-1974) के महत्वपूर्ण तथ्य और विशेषताएं:

  • तकनीक: एकीकृत परिपथ (Integrated Circuits – IC)
  • मुख्य विशेषता: IC (इंटीग्रेटेड सर्किट) एकल चिप में सभी कंप्यूटर घटकों का समायोजन, एक ही चिप पर कई ट्रांजिस्टरों का समायोजन, जिससे कंप्यूटर छोटे, तेज और अधिक विश्वसनीय हो गए। “जैक किल्बी” को इंटीग्रेटेड सर्किट या IC चिप्स के आविष्कार का श्रेय दिया जाता है।
  • भाषा: उच्च स्तरीय भाषाएँ जैसे COBOL, FORTRAN-II से FORTRAN-IV, PASCAL, ALGOL-68, BASIC।
  • स्टोरेज: मैग्नेटिक डिस्क और मैग्नेटिक टेप का उपयोग।
  • उदाहरण: IBM 360 series, Honeywell 6000 series, PDP-8, IBM-370/168
  • क्षमता: एकीकृत परिपथ (IC) के उपयोग से प्रोसेसिंग गति, स्टोरेज क्षमता, और बहु-कार्य निष्पादन में अत्यधिक वृद्धि हुई, जिससे रीज़निंग एबिलिटी की समस्याएं हल होने लगीं।

4. चौथी पीढ़ी के कम्प्यूटर (4th Gen: 1975- At present)

चौथी पीढ़ी के कम्प्यूटर में LSIIC के जगह VLSI (Very Large Scale Integration) तथा ULSI (Ultra Large Scale Integration) का प्रयोग आरम्भ हुआ जिसमें एक चिप में लगभग लाखों चीजों को संग्रहित किया जा सकता था। VLSI तकनीक के उपयोग से माइक्रोप्रोसेसर का निर्माण हुआ जिससे कम्प्यूटर के आकार में कमी और क्षमता में वृद्धि हुई। माइक्रोप्रोसेसर का उपयोग न केवल कम्प्यूटर में बल्कि और भी बहुत सारे उत्पादों में किया गया; जैसे-वाहनों, सिलाई मशीन, माइक्रोवेव ओवन, इलेक्ट्रॉनिक गेम इत्यादि में। मैग्नेटिक डिस्क तथा टेप के स्थान पर सेमी कन्डक्टर मेमोरी का उपयोग होने लगा। रैम (RAM) की क्षमता में वृद्धि से समय की बचत हुई और कार्य अत्यंत तीव्र गति से होने लगा।

इस दौरान GUI (Graphical User Interface) mouse तथा अन्य hand hold डिवाइस के विकास से कम्प्यूटर का उपयोग करना अत्यंत सरल हो गया। MS-DOS, MS-Windows तथा Apple Mac OS ऑपरेटिंग सिस्टम तथा ‘C’ भाषा (Language) का विकास हुआ। उच्चस्तरीय भाषा (Highlevel language) का मानकीकरण (standardization) किया गया ताकि प्रोग्राम या software सभी कम्प्यूटरों में चलाया जा सके यानि Platform dependent न हो। ये सभी छोटे तथा तीव्र क्षमता वाले कम्प्यूटर को एक दूसरे से जोड़कर Network का निर्माण किया जा सका जो आगे चलकर इंटरनेट का विकास में सहायक हुआ।

Fourth Generation Computer - 4th Gen: 1975- At present

चौथी पीढ़ी के कंम्प्यूटरों (Fourth Generation Computers: 1975- At present) के महत्वपूर्ण तथ्य और विशेषताएं:

  • तकनीक: माइक्रोप्रोसेसर (Microprocessors), इंटेल माइक्रोप्रोसेसर विकसित करने वाली पहली कंपनी थी।
  • मुख्य विशेषता: VLSI तकनीक या वेरी लार्ज स्केल इंटीग्रेटेड (VLSI) सर्किट तकनीक का इस्तेमाल, जिससे व्यक्तिगत कंप्यूटर (PC) का उदय हुआ। VLSI सर्किट में एक बहुत छोटी चिप पर लगभग 5000 ट्रांजिस्टर होते थे।
  • भाषा: C, C+, C++, DBASE, Java आदि।
  • स्टोरेज: हार्ड डिस्क, फ्लॉपी डिस्क, और ऑप्टिकल डिस्क जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग किया गया, जिससे डेटा भंडारण क्षमता और गति में काफी वृद्धि हुई।
  • उदाहरण: STAR 1000, CRAY-X-MP, DEC 10, PDP 11, CRAY-1, Intel 4004, Apple I, IBM PC, IBM द्वारा विकसित पहला “पर्सनल कंप्यूटर” या PC इसी पीढ़ी का था।
  • क्षमता: – माइक्रोप्रोसेसर के उपयोग से तेज प्रोसेसिंग, उच्च स्टोरेज क्षमता, और बेहतर मल्टीटास्किंग शामिल थी, जिससे व्यक्तिगत कंप्यूटर का विकास हुआ।

5. पाँचवी पीढ़ी के कम्प्यूटर (5th Gen: At present & Future)

पाँचवी पीढ़ी के कम्प्यूटर में VLSI के स्थान पर ULSI (Ultra Large Scale Integration) का विकास हुआ और एक चिप द्वारा करोड़ों गणना करना संभव हो सका। संग्रहण (Storage) के लिए सीडी (Compact Disk) का विकास हुआ। इंटरनेट, ई-मेल तथा वर्ल्ड वाइड वेव (www) का विकास हुआ। बहुत छोटे तथा तीव्र गति से कार्य करने वाले कम्प्यूटर का विकास हुआ। प्रोग्रामिंग की जटिलता कम हो गई। कृत्रिम ज्ञान क्षमता (Artificial Intellegence) को विकसित किया गया ताकि परिस्थिति अनुसार कम्प्यूटर निर्णय ले सके। पोर्टेबल पीसी (Portable PC) और डेस्कटॉप पीसी (Desktop PC) ने कम्प्यूटर के क्षेत्र में क्रांति ला दिया तथा इसका उपयोग जीवन के हर क्षेत्र में होने लगा।

Fifth Generation Computer - 5th Gen: At present & Future

पाँचवी पीढ़ी के कंम्प्यूटरों (Fifth Generation Computer: At Present & Future) के महत्वपूर्ण तथ्य और विशेषताएं:

  • तकनीक: कृत्रिम बुद्धिमत्ता (Artificial Intelligence) और उन्नत कम्प्यूटिंग तकनीकें।
  • मुख्य विशेषता: ULSI या अल्ट्रा लार्ज स्केल इंटीग्रेशन तकनीक का उपयोग; प्राकृतिक भाषा पहचान, मशीन लर्निंग, क्वांटम कंप्यूटिंग, और विशेषज्ञ प्रणालियों का विकास।
  • भाषा: R, C, Java, प्रो लॉग (Prolog), लिस्प (LISP), Python (AI Libraries)।
  • स्टोरेज: HDD, SSD, क्लाउड स्टोरेज, और अत्यधिक उच्च क्षमता वाली क्वांटम और ऑप्टिकल स्टोरेज तकनीकों का उपयोग
  • उदाहरण: इंटेल पी 4, i 3 – i10, एएमडी एथलॉन, AI आधारित सिस्टम, IBM Watson, क्वांटम कंप्यूटर
  • क्षमता: कृत्रिम बुद्धिमत्ता, प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण, और उच्च स्तरीय मशीन लर्निंग शामिल है, जिससे ये स्वायत्त निर्णय, खुद के लिए सोचने की क्षमता, और जटिल समस्याओं के समाधान में सक्षम बनते हैं।

कंप्यूटर की पीढ़ियाँ और उनकी तुलना

संदर्भ
(Reference)
पहली पीढ़ी
(1942-1955)
दूसरी पीढ़ी
(1955-1964)
तीसरी पीढ़ी
(1965-1974)
चौथी पीढ़ी
(1975-वर्तमान)
पाँचवी पीढ़ी
(वर्तमान, भविष्य)
मुख्य घटक
(Main Component)
वैक्यूम ट्यूब ट्रांजिस्टर इंटीग्रेटेड सर्किट (IC) VLSI, माइक्रोप्रोसेसर ULSI, AI, नैनोप्रोसेसर
आकार
(Size)
बहुत बड़ा
(Large)
छोटा
(Smaller)
और छोटा
(Even Smaller)
माइक्रो कंप्यूटर
(Micro Computer)
अत्यधिक छोटा
(Extremely Small)
गति
(Speed)
धीमा
(Slow)
तेज
(Faster)
और तेज
(Even Faster)
बहुत तेज
(Very Fast)
सुपर कंप्यूटर और क्वांटम कंप्यूटर
भंडारण
(Storage)
पंच कार्ड, पेपर टेप और चुंबकीय टेप चुंबकीय कोर चुंबकीय डिस्क और टेप हार्ड डिस्क, SSD HDD, SSD, क्लाउड स्टोरेज
उपयोग
(Usage)
गणना, वैज्ञानिक कार्य व्यापार और वैज्ञानिक कार्य व्यापार, वैज्ञानिक, औद्योगिक कार्य व्यक्तिगत, व्यापार, गेमिंग, अनुसंधान AI, मशीन लर्निंग, वैज्ञानिक अनुसंधान
प्रोग्रामिंग भाषा
(Language)
मशीनी भाषा, असेंबली भाषा FORTRAN, COBOL COBOL, FORTRAN-II से
FORTRAN-IV, PASCAL,
ALGOL-68, BASIC
C, C+, C++,
DBASE, Java
R, C, Java, Prolog, LISP,
Python (AI Libraries)
उदाहरण
(Examples)
ENIAC, EDVAC, UNIVAC, IBM-701, IBM-650 IBM 1620, IBM 7094, CDC 1604, CDC 3600, UNIVAC 1108 IBM 360 series, Honeywell 6000 series, PDP-8, IBM-370/168 STAR 1000, CRAY-X-MP, DEC 10, PDP 11, CRAY-1, Intel 4004, Apple I, IBM PC सुपर कंप्यूटर, क्वांटम कंप्यूटर
संचालन लागत
(Operating Cost)
उच्च
(High)
कम
(Lower)
और कम
(Even Lower)
बहुत कम
(Very Low)
लागत प्रभावी
(Cost-Effective)
विश्वसनीयता
(Reliability)
कम
(Low)
अधिक
(Higher)
और अधिक
(Even Higher)
बहुत अधिक
(Very High)
अत्यधिक अधिक
(Extremely High)

अभ्यास प्रश्न

प्रश्न 1: आप जावा का उपयोग निम्नलिखित में से किस पीढ़ी में कर सकते हैं:

  • ए) दूसरा
  • बी) तीसरा
  • सी) चौथा
  • डी) पांचवां

उत्तर: D सही विकल्प है।

प्रश्न 2: ULSI तकनीक किस पीढ़ी के कंप्यूटरों में मौजूद है:

  • ए) तीसरा
  • बी) प्रथम
  • सी) चौथा
  • डी) पांचवां

उत्तर: D सही विकल्प है।

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