कृषि विज्ञान (Agriculture) – Krishi Vigyan परिभाषा अर्थ, प्रकार और उदाहरण Hindi में

कृषि विज्ञान (Agricultural Science) वह विज्ञान है, जो फसलों की वृद्धि, मृदा स्वास्थ्य, कीट प्रबंधन, और खाद्य उत्पादन की तकनीकों पर आधारित है। Krishi Vigyan खेती के परंपरागत और आधुनिक तरीकों को मिलाकर कृषि क्षेत्र में उत्पादकता बढ़ाने और किसानों की आय में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। और जानें कृषि विज्ञान के बारे में हिन्दी में।

कृषि विज्ञान (Agricultural Science) - Krishi Vigyan in Hindi

कृषि विज्ञान (Agricultural Science) वह विज्ञान है जो फसलों, पशुओं, मिट्टी, और पर्यावरण से संबंधित ज्ञान का अध्ययन करता है। इसमें कृषि के विभिन्न पहलुओं जैसे फसल उत्पादन, मृदा प्रबंधन, पौधों और पशुओं की देखभाल, कीट और रोग प्रबंधन, जल संसाधन प्रबंधन, और कृषि यंत्रों के उपयोग का वैज्ञानिक अध्ययन शामिल होता है। इसका मुख्य उद्देश्य कृषि उत्पादन को बढ़ाना, किसानों की आय में सुधार करना, और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है।

कृषि विज्ञान के अध्याय (Chapters of Agricultural Science)

कृषि विज्ञान में निम्नलिखित प्रमुख विषय शामिल होते हैं:

1. कृषि का परिचय (Introduction to Agriculture)

  • कृषि का इतिहास और महत्व
  • भारत में कृषि की स्थिति
  • कृषि के विभिन्न प्रकार

2. फसल उत्पादन और प्रबंधन (Crop Production and Management)

  • फसलों के प्रकार (खरीफ, रबी, जायद)
  • फसल चक्र और फसल प्रणाली
  • बीज उपचार और बुवाई के तरीके
  • फसल की देखभाल और रखरखाव

3. मृदा विज्ञान (Soil Science)

  • मृदा का गठन और प्रकार
  • मृदा की उर्वरता और सुधार
  • मृदा परीक्षण और पोषण तत्व

4. पौधों की वृद्धि और विकास (Plant Growth and Development)

  • पौधों की शारीरिक संरचना
  • वृद्धि नियामक और हार्मोन
  • पौधों में पोषण और जल परिवहन

5. कीट एवं रोग प्रबंधन (Pest and Disease Management)

  • कीट और रोगों के प्रकार
  • जैविक और रासायनिक नियंत्रण विधियाँ
  • रोग प्रतिरोधक किस्में और उनके उपयोग

6. पशुपालन (Animal Husbandry)

  • दुग्ध उत्पादन और प्रबंधन
  • मांस उत्पादन और पोल्ट्री
  • पशुओं का स्वास्थ्य और पोषण

7. कृषि यंत्रीकरण (Agricultural Mechanization)

  • कृषि यंत्रों का परिचय
  • ट्रैक्टर, हल, और कटाई मशीनें
  • सिंचाई प्रणाली और उपकरण

8. कृषि में जैव प्रौद्योगिकी (Biotechnology in Agriculture)

  • जैव प्रौद्योगिकी का परिचय
  • जीन संवर्धन और ट्रांसजेनिक फसलें
  • जैव उर्वरक और जैव कीटनाशक

9. कृषि विपणन और अर्थशास्त्र (Agricultural Marketing and Economics)

  • कृषि उत्पादों का विपणन
  • कृषि मूल्य निर्धारण और सब्सिडी
  • कृषि नीतियाँ और योजनाएँ

10. कृषि में जल प्रबंधन (Water Management in Agriculture)

  • सिंचाई प्रणाली के प्रकार
  • जल संसाधन प्रबंधन
  • सूखा और जल संकट प्रबंधन

कृषि विज्ञान का उद्देश्य न केवल अधिक उपज प्राप्त करना है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करना है कि खेती के तरीके पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ हों।

कृषिविज्ञान की शाखाएँ (Branches of Agriculture)

कृषि वैज्ञानिकों के विशेषज्ञता के क्षेत्र के अनुरूप उनके द्वारा किए जाने वाले कार्यों की प्रकृति में भिन्नता रहती है।

  • अश्वोत्पादन (Horsiculture): सवारी और यातायत के लिए उन्नत प्रजाति के घोड़ों और खच्चरों के व्यापारिक स्तर पर पालने की क्रिया।
  • उद्यान कृषि (Horticulture): फल-फूल, सब्जियों, सजावटी पौधों आदि के उगाने एवं प्रबंधन का अध्ययन।
  • ओलिविकल्चर (Olivieculture) : व्यापारिक स्तर पर जैतून की कृषि।
  • कृमिपालन या केंचुआ-पालन (Vermiculture): व्यापारिक स्तर पर की जाने वाली केंचुआ पालन की क्रिया।
  • खाद्य विज्ञान (Food Science): खाद्य वैज्ञानिक या प्रौद्योगिकीविद सामान्यतः खाद्य संसाधन उद्योग, विश्वविद्यालयों या संघीय सरकार में नियुक्त किए जाते हैं। वे स्वास्थ्यपरक, सुरक्षित और सुविधाजनक खाद्य उत्पादों की उपभोक्ताओं की मांग को पूरा करने में मदद करते हैं।
  • घास-विज्ञान (Agrostology): घासों के अध्ययन का विज्ञान।
  • जल-संवर्धन (Hydroponics): यह मृदारहित कृषि के अध्ययन का विज्ञान है।
  • द्राक्षोत्पादन या अंगूरोत्पादन (Viticulture): व्यापारिक स्तर पर की जाने वाली अंगूर उत्पादन (अंगूर की खेती) की क्रिया
  • पशुविज्ञान (Animal Science): पशु वैज्ञानिकों का कार्य है मांस, कुक्कुट, अण्डों तथा दूध के उत्पादन तथा प्रोसेसिंग के बेहतर और अधिक कारगर तरीकों का विकास करना। डेयरी वैज्ञानिक, पशु प्रजनक तथा अन्य संबद्व वैज्ञानिक घरेलू फार्म पशुओं के आनुवंशिकी, पोषण, प्रजनन, विकास तथा उत्पादन से जुड़े अध्ययन करते हैं।
  • पादप विज्ञान (Plant Science): पादप विज्ञान में कृषि विज्ञान, फसल विज्ञान, कीट-विज्ञान तथा पादप प्रजनन को शामिल किया गया है।
  • पुरावनस्पति विज्ञान (Paleobotany): पौधों के जीवाश्मों (Fossils) के अध्ययन का विज्ञान
  • पुष्पोत्पादन (Floriculture): व्यापारिक स्तर पर फूलों की खेती।
  • फलकृषि विज्ञान (Pomology): इसके अंतर्गत फलों के उत्पादन, श्राद्ध सुरक्षा एवं उनकी नस्ल सुधार का अध्ययन किया जाता है।
  • फाइटोजेनी (Phytogeny): पौधों की उत्पत्ति एवं उनके विकास के अध्ययन का विज्ञान।
  • मत्स्यपालन (Pisiculture): व्यापारिक स्तर पर की जाने वाली मछली पालन की क्रिया।
  • मधुमक्खीपालन (Apiculture): व्यापारिक स्तर पर शहद उत्पादन हेतु किया जाने वाला मधुमक्खी या मौन पालन कार्य।
  • मृदा विज्ञान (Soil Science): इसके अंतर्गत काम करने वाले व्यक्ति पौधें या फसल विकास से जुड़ी मिट्टी के रासायनिक, भौतिकीय, जैविकीय तथा खनिजकीय संयोजन का अध्ययन करते हैं। वे उर्वरकों, जुताई के तरीकों और पफसल चक्रक्रम को लेकर विभिन्न प्रकार की मिट्टी के प्रत्युत्तरों का अध्ययन करते हैं।
  • मेरीकल्चर (Mericulture): व्यापारिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु समुद्री जीवों के उत्पादन की क्रिया।
  • रेशमकीट पालन (Sericulture): व्यापारिक स्तर पर की जाने वाली रेशमकीट पालन की क्रिया जिसमें शहतूत आदि वृक्षों पर रेशन कीट उत्पन्न किये जाते हैं।
  • वन-वृक्ष विज्ञान (Silviculture): वनों के संरक्षण एवं संवर्द्धन से संबंधित विज्ञान।
  • वनस्पति विज्ञान (Botany): पौधों के जीवन से संबंधित प्रत्येक विषय का अध्ययन।
  • वृक्षोत्पादन विज्ञान (Arboriculture): विशेष प्रकार के वृक्षों तथा झाड़ियों की कृषि जिसमें उनका संरक्षण और संवर्द्धन भी शामिल है।
  • वेजीकल्चर (Vegeculture): दक्षिण पूर्व एशिया में आदि मानव द्वारा सर्वप्रथम की गई वृक्षों की आदिम कृषि।
  • शाक-भाजी उत्पादन (Olericulture): जमीन पर फैलने वाली विभिन्न प्रकार के शाक-भाजियों की कृषि।
  • सस्यविज्ञान (Agronomy): भूमि व फसलों का प्रबंधन का अध्ययन इस शाखा के अंतर्गत किया जाता है।

कृषि शोध (Agricultural Research)

कृषि उत्पादकता को बढ़ाने तथा कायम रखने में कृषि वैज्ञानिकों द्वारा किए गए कार्यों की महत्वपूर्ण भूमिका है। कृषि वैज्ञानिक खेती-फसलों तथा पशुओं पर अध्ययन करते हैं तथा उनकी मात्रा तथा गुणवत्ता में सुधार के लिए मार्ग तैयार करते हैं। वे कम श्रम के साथ फसलों की मात्रा और गुणवत्ता में सुधार, कीट तथा खरपतवारों पर सुरक्षित और प्रभावी तरीके से नियंत्रण और मृदा तथा जल संरक्षण में सुधार के उपायों के सुझाव देते हैं। वे कच्चे कृषि माल को उपभोक्ताओं के लिए आकर्षक तथा स्वास्थ्यकर खाद्य उत्पादों में परिवर्तित करने की पद्वतियों से जुड़े अनुसंधान कार्य करते हैं।

कृषि विज्ञान का जैविकीय विज्ञान से निकट का संबंध है, तथा कृषि वैज्ञानिक कृषि से जुड़ी समस्याओं को हल करने में जीवविज्ञान, रसायन विज्ञान, भौतिकी, गणित और अन्य विज्ञानों के सिद्वान्तों का प्रयोग करते हैं। वे मौलिक जैविकीय अनुसंधानों तथा जैव-प्रौद्योगिकी के जरिए प्राप्त ज्ञान को कृषि की उन्नति के लिए लागू करने के लिए अक्सर जैविक वैज्ञानिकों के साथ मिलकर कार्य करते हैं।

कई कृषि वैज्ञानिक मौलिक या अनुप्रयुक्त अनुसंधान तथा विकास के क्षेत्र में कार्य करते हैं। अन्य अनुसंधान और विकास कार्यों का प्रबंधन तथा संचालन करते हैं अथवा उन कम्पनियों में विपणन या उत्पादन कार्यों का प्रबंधन करते हैं जो खाद्य उत्पादों या कृषि रसायनों के उत्पादन, आपूर्ति तथा मशीनरी से जुड़ी हैं। कुछेक कृषि वैज्ञानिक बिजनेस फर्मों, निजी ग्राहकों या सरकार के परामर्शदाता के तौर पर कार्य करते हैं।

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