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निजवाचक सर्वनाम – Nij Vachak Sarvanam : हिन्दी व्याकरण

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निजवाचक सर्वनाम वह सार्वनामिक शब्द जो स्वयं के लिए प्रयोग करते हैं जैसे – आप , अपना आदि जिससे स्वयं का बोध हो वह निजवाचक कहलाते हैं। अथवा जो सर्वनाम...

सर्वनाम – सर्वनाम के भेद, परिभाषा, उदाहरण – Sarvanam in Hindi

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Sarvanam (Pronoun) – Sarvanam in Hindi सर्वनाम: वह शब्द जो संज्ञा के बदले में आए उसे सर्वनाम कहते हैं। जैसे- मैं, तुम, हम, वह, आप, उसका, उसकी आदि। इस पोस्ट...

श्रृंगार रस – Shringar Ras – परिभाषा, भेद और उदाहरण – हिन्दी व्याकरण

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Shringar Ras : Sringar Ras Ki Paribhasha श्रृंगार रस: श्रृंगार रस को रसराज या रसपति कहा गया है। मुख्यत श्रृंगार रस को संयोग तथा विप्रलंभ/वियोग के नाम से दो भागों...

शांत रस – Shant Ras – परिभाषा, भेद और उदाहरण – Hindi

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Shant Ras शांत रस: इसका स्थायी भाव निर्वेद (उदासीनता) होता है इस रस में तत्व ज्ञान कि प्राप्ति अथवा संसार से वैराग्य होने पर, परमात्मा के वास्तविक रूप का ज्ञान...

वीभत्स रस – Vibhats Ras – परिभाषा, भेद और उदाहरण – हिन्दी व्याकरण

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Vibhats Ras वीभत्स रस : इसका स्थायी भाव जुगुप्सा होता है घृणित वस्तुओं, घृणित चीजो या घृणित व्यक्ति को देखकर या उनके संबंध में विचार करके या उनके सम्बन्ध में...

करुण रस – Karun Ras, परिभाषा, भेद और उदाहरण – हिन्दी व्याकरण

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Karun Ras करुण रस: इसका स्थायी भाव शोक होता है इस रस में किसी अपने का विनाश या अपने का वियोग, द्रव्यनाश एवं प्रेमी से सदैव विछुड़ जाने या दूर...

वात्सल्य रस – Vatsalya Ras – परिभाषा, भेद और उदाहरण : हिन्दी व्याकरण

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Vatsalya Ras – Vatsalya ras ki paribhasha वात्सल्य रस : इसका स्थायी भाव वात्सल्यता (अनुराग) होता है माता का पुत्र के प्रति प्रेम, बड़ों का बच्चों के प्रति प्रेम, गुरुओं...

हास्य रस – Hasya Ras – परिभाषा, भेद और उदाहरण : हिन्दी व्याकरण

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Hasya Ras – Hasya Ras Ki Paribhasha हास्य रस: हास्य रस का स्थायी भाव हास है। ‘साहित्यदर्पण’ में कहा गया है – “बागादिवैकृतैश्चेतोविकासो हास इष्यते“, अर्थात वाणी, रूप आदि के...

रौद्र रस – Raudra Ras – परिभाषा, भेद और उदाहरण : हिन्दी व्याकरण

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Raudra Ras – Raudra ras ki paribhasha रौद्र रस: रौद्र रस काव्य का एक रस है जिसमें ‘स्थायी भाव’ अथवा ‘क्रोध’ का भाव होता है। धार्मिक महत्व के आधार पर...