Page ‘15’ of Editorial Team

Articles by Editorial Team:

भुज् (भोजन करना) धातु के रूप – Bhuj Ke Dhatu Roop in Sanskrit

https://mycoaching.in/bhuj-ke-dhatu-roop

Bhuj Dhatu Roop in Sanskrit भुज् धातु (भोजन करना, to eat): संस्कृत व्याकरण में भुज् धातु रूधादिगण धातु शब्द है। अतः Bhuj Dhatu के Dhatu Roop की तरह भुज् जैसे सभी रूधादिगण धातु के...

मुच्/मुञ्च् (छोड़ना) धातु के रूप – Munch/Much Ke Dhatu Roop in Sanskrit

https://mycoaching.in/much-ke-dhatu-roop

Munch/Much Dhatu in Sanskrit मुच्/मुञ्च् धातु (छोड़ना, to leave): संस्कृत व्याकरण में मुच् धातु तुदादिगण धातु शब्द है। अतः Much Dhatu के Dhatu Roop की तरह मुच् जैसे सभी तुदादिगण धातु के धातु रूप...

अकबर के नवरत्न: अकबर के दरबार के 9 रत्नों के नाम, उनकी भूमिका, पद और उपाधि

https://mycoaching.in/akbar-ke-navratna

मुगल काल में अकबर सबसे प्रसिद्ध शासक माना जाता है, जिसने अपने शासनकाल में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए। अकबर के साथ उसके नौ रत्न भी थे, जो उसे न्याय, अर्थव्यवस्था, धर्म और समाज से जुड़ी विभिन्न मामलों में सलाह देते थे। कई परीक्षाओं में अकबर के नवरत्नों के बारे में प्रश्न पूछे जाते हैं, ऐसे में इस लेख में दी गई जानकारी आपके लिए लाभदायक हो सकती है।

अकबर – जीवन परिचय, नवरत्न, मकबरा, कार्यकाल, युद्ध और सम्पूर्ण इतिहास

https://mycoaching.in/akbar

अकबर (जन्म: 15 अक्तूबर 1542; मृत्यु: 27 अक्तूबर 1605), जिनका पूरा नाम “जलालुद्दीन मुहम्मद अकबर” (Jalal-ud-din Muhammad Akbar) था, वे तैमूर लंग के वंशज और मुग़ल साम्राज्य के तीसरे सम्राट...

वर्ण विच्छेद – वर्ण विच्छेद की परिभाषा, नियम, उदाहरण

https://mycoaching.in/varn-vichhed-in-hindi

वर्ण विच्छेद (Varn Vichchhed) : किसी शब्द में प्रयुक्त वर्णों को अलग-अलग करना “वर्ण विच्छेद” होता हैं। हिन्दी व्याकरण में हम “संधि, समास, विलोम शब्द, पर्यायवाची शब्द, संज्ञा, सर्वनाम” इत्यादि...

नवगीत – नए गीत का नामकरण, विकास, प्रवृत्तियां, कवि और उनकी रचनाएं

https://mycoaching.in/navgeet

नवगीत (Navgeet) : यह आधुनिक युग की काव्य धारा है। हिन्दी साहित्य में गीतिकाव्य की परंपरा आदिकाल से ही रही है। इसकी झलक विद्यापति, अमीर खुसरो की रचनाओं में देखने...

लौकिक साहित्य – प्रकीर्णक साहित्य – लोक भाषा काव्य या साहित्य

https://mycoaching.in/laukik-sahitya

लौकिक साहित्य जिसे प्रकीर्णक साहित्य या लोक साहित्य भी कहा जाता है, राजाश्रय और धर्माश्रय से सर्वथा विमुख यह साहित्य लोकाश्रय में पुष्मित एवं पल्लवित हुआ है। अर्थात आदिकालीन हिन्दी...

रासो काव्य (चारणी साहित्य): अर्थ, प्रमुख ग्रन्थ, विशेषताएँ और इतिहास

https://mycoaching.in/raso-kavya-or-charani-sahitya

रासो काव्य (Raso Kavya) जिसे चारणी साहित्य या वीर काव्य या देशीभाषा काव्य और रासो साहित्य (Raso Sahitya) भी कहा जाता है, की रचना हिन्दी साहित्य के इतिहास के आरंभिक काल...